यह ख़बर 14 फ़रवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

जीत की हैट्रिक से चूका भारत, श्रीलंका के साथ मैच टाई

खास बातें

  • पिछले मैच में आस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में हराने वाली भारतीय टीम और श्रीलंका के बीच त्रिकोणीय एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला का मैच आज आखिरी गेंद पर बराबरी पर छूटा।
एडिलेड:

रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचा लगातार दूसरा मैच और क्रीज पर फिर मौजूद ‘मिस्टर फिनिशर’ महेंद्र सिंह धोनी, लेकिन इस बार नतीजा टाई। पिछले मैच में आस्ट्रेलिया को आखिरी ओवर में हराने वाली भारतीय टीम और श्रीलंका के बीच त्रिकोणीय एक दिवसीय क्रिकेट श्रृंखला का मैच आज आखिरी गेंद पर बराबरी पर छूटा।

भारत को आखिरी ओवर में नौ रन बनाने थे और लसिथ मलिंगा के सामने क्रीज पर कप्तान धोनी थे। पहली गेंद पर धोनी ने दो रन लिये। अगली तीन गेंद पर एक एक रन बना लेकिन पांचवीं गेंद पर विनय कुमार रन आउट हो गए। अब भारत को आखिरी गेंद पर चार रन चाहिये थे और सभी की नजरें धोनी पर थी जिसने आस्ट्रेलिया के खिलाफ आखिरी ओवर में छक्का लगाकर भारत को जीत दिलाई थी।

मलिंगा की बाहर जाती फुललैंग्थ गेंद को धोनी ने एक्स्ट्रा कवर पर खेला लेकिन स्वीपर कवर से फील्डर ने रोककर चौका बचा लिया। इस गेंद पर तीन रन बने और स्कोर बराबर रहा। श्रीलंका के 50 ओवर में नौ विकेट पर 236 रन का जवाब भारत ने भी नौ विकेट पर 236 रन बनाकर दिया।

मोर्चे से अगुवाई करने वाले धोनी 69 गेंद में तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 58 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि भारतीय पारी के सूत्रधार गौतम गंभीर एक बार फिर नर्वस नाइंटी का शिकार हुए। गंभीर ने 106 गेंद में छह चौकों की मदद से 91 रन बनाये।

रोटेशन नीति के तहत वीरेंद्र सहवाग को आराम दिये जाने के बाद आज गंभीर ने सचिन तेंदुलकर के साथ पारी की शुरूआत की। तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय शतकों का महाशतक लगाने से फिर चूक गए और 15 रन बनाकर नुवान कुलशेखरा की गेंद पर विकेट के पीछे कुमार संगकारा को कैच दे बैठे। विराट कोहली और रोहित शर्मा भी 15.15 रन बनाकर पवेलियन लौटे। तिसारा परेरा ने 15वें ओवर की पहली गेंद पर कोहली को पगबाधा आउट किया जबकि शर्मा को श्रीलंकाई कप्तान महेला जयवर्धने ने रन आउट किया। भारत के तीन विकेट 94 रन पर गिर चुके थे।

लगातार फ्लाप साबित हो रहे सुरेश रैना एक बार फिर नाकाम रहे और सिर्फ आठ रन बनाकर मलिंगा का पहला शिकार हुए। संगकारा ने उनका कैच लपका। इसके बाद गंभीर और धोनी ने पांचवें विकेट के लिये 60 रन जोड़कर भारत को मैच में लौटाया।

भारतीय पारी में 30वें ओवर में पांच ही गेंद फेंकी गई। मलिंगा के इस ओवर में पांच गेंद पर नौ रन बने। अगले ओवर की पहली ही गेंद पर परेरा ने धोनी का रिटर्न कैच छोड़ा जिस समय धोनी ने सिर्फ दस रन बनाये थे।

शतक की ओर बढते दिख रहे गंभीर असंभव रन चुराने के प्रयास में रन आउट हो गए। धोनी ने मलिंगा की गेंद पर मिडआन में शाट खेला लेकिन वहां रन नहीं था । गंभीर जब तक लौटते कुलशेखरा ने गिल्लियां बिखेर दी थी।

रविंदर जडेजा (तीन) कप्तान का ज्यादा देर साथ नहीं दे सके जबकि हरफनमौला की तरह खेलने वाले आर अश्विन 13 गेंद में 14 रन बनाकर आउट हुए। भारतीय टीम में वापसी कर रहे इरफान पठान ने 49वें ओवर में एंजेलो मैथ्यूज को छक्का जड़ा लेकिन धोनी को बचाने के लिये अपना विकेट कुर्बान कर दिया।

इससे पहले भारतीय गेंदबाजों ने डेथ ओवरों में श्रीलंकाई बल्लेबाजी का कचूमर निकालकर उसे नौ विकेट पर 236 रन ही बनाने दिये। श्रीलंका का स्कोर 35वें ओवर में तीन विकेट पर 168 रन था लेकिन लगातार विकेट गंवाने के कारण वह भारत के सामने मजबूत लक्ष्य रखने में नाकाम रहा। मध्यम गति के गेंदबाज आर विनयकुमार (46 रन पर तीन विकेट) और ऑफ स्पिनर आर अश्विन (30 रन देकर दो विकेट) ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया। श्रृंखला में अपना पहला मैच खेल रहे इरफान पठान (38 रन देकर एक विकेट) भी अपना प्रभाव छोड़ने में सफल रहे। युवा दिनेश चंदीमल (91 गेंद पर 81 रन) ने श्रीलंका की तरफ से सर्वाधिक रन बनाये। उन्होंने अच्छी तरह से पारी संवारी तथा अनुभवी बल्लेबाज कुमार संगकारा (31) के साथ 51 और कप्तान महेला जयवर्धने (43) के साथ 94 रन की साझेदारी की। इसके बाद श्रीलंका हालांकि कोई भी बड़ी साझेदारी निभाने में नाकाम रहा। बल्लेबाजी पावरप्ले 36वें ओवर में लिया गया। यहीं से मैच का पासा पलटा। इन पांच ओवरों में केवल 18 रन गये और तीन विकेट गिरे। एंजेलो मैथ्यूज (17) से काफी उम्मीद थी लेकिन वह 47वें ओवर में रन आउट हो गये। इससे पहले उन्होंने शार्ट कवर पर खड़े क्षेत्ररक्षक के पास गेंद खेलकर चंदीमल को भी रन आउट कराया था।

टास जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरे श्रीलंका की शुरुआत अच्छी नहीं रही तथा उपुल तरंगा (शून्य) और तिलकरत्ने दिलशान (16) आठवें ओवर तक पवेलियन लौट गये जिससे टीम का स्कोर दो विकेट पर 28 रन हो गया।

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चंदीमल ने फिर से भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया। इससे पहले वह भारत के खिलाफ 111 और 64 रन की दो पारियां खेल चुके हैं। दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने बड़ी कुशलता से गेंदबाजों का सामना किया तथा दूसरे छोर से विकेट गिरने के बावजूद अपनी शैली और एकाग्रता प्रभावित नहीं होने दी। अभी दर्शक स्टेडियम में पहुंच पाते कि तरंगा ने विनयकुमार की गेंद पर विकेटकीपर धोनी को कैच थमा दिया। उनके साथी सलामी बल्लेबाज दिलशान भी संघर्ष करते हुए नजर आये और पठान की गेंद पर विकेट के पीछे कैच देकर पवेलियन लौटे। चंदीमल ने इसके बाद संगकारा के साथ मिलकर पारी संवारने का बीड़ा उठाया। उन्होंने विनय और पठान का अच्छी तरह सामना किया और जब 16वें ओवर में अश्विन के रूप में स्पिन आक्रमण लगाया गया तब भी उन्हें किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई। संगकारा लंबी पारी खेलने की स्थिति में दिख रहे थे लेकिन उन्होंने अश्विन की गेंद सीमा रेखा के बाहर पहुंचाने के प्रयास में हवा में उठा दी और प्वाइंट पर गौतम गंभीर ने उसे कैच कर दिया। उन्होंने 56 गेंद खेली तथा दो चौके लगाये। श्रीलंका ने अगले पांच ओवर में चंदीमल और जयवर्धने सहित तीन विकेट गंवा दिये। जयवर्धने पहले आउट हुए। वह विनय कुमार की गेंद आन साइड में फ्लिक करने की कोशिश में चूक गये और पगबाधा आउट हो गये। इसके बाद मैथ्यूज की गलती से चंदीमल आउट हो गये। जयवर्धने ने 49 गेंद पर 43 रन बनाये जिसमें दो चौके शामिल हैं। चंदीमल की 91 गेंद की पारी में छह चौके और एक छक्का शामिल है। अभी बल्लेबाजी पावरप्ले चल रही रहा था कि परेरा (5) भी लांग आन पर कैच देकर पवेलियन लौट गये।