यह ख़बर 05 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

राहुल द्रविड़ ने कहा, इंग्लैंड शृंखला में अहम होगा भारत का आक्रमण

फाइल फोटो

लंदन:

पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि इंग्लैंड में 9 जुलाई से शुरू हो रही पांच टेस्ट की शृंखला में भारत की सफलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि उनके गेंदबाज शृंखला में कैसा प्रदर्शन करते हैं।

मेरिलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) के 200 बरस पूरे होने के मौके पर एमसीसी एकादश की ओर से शेष भारत की ओर से खेल रहे द्रविड़ ने लार्ड्स पर कहा, 'मुझे लगता है कि महत्वपूर्ण 20 विकेट हासिल करने की क्षमता है।'

द्रविड़ के नेतृत्व में भारत ने 2007 में इंग्लैंड में तीन टेस्ट की शृंखला 1-0 से जीती थी और इंग्लैंड की सरजमीं पर भारत की तीन शृंखलाओं में जीत में से एक है।

द्रविड़ ने कहा कि पिछली शृंखला में भारत की जीत में तेज गेंदबाज जहीर खान और अब संन्यास ले चुके लेग स्पिनर अनिल कुंबले ने अहम भूमिका निभाई थी। जहीर चोट के कारण मौजूदा शृंखला का हिस्सा नहीं हैं।

इस पूर्व भारतीय कप्तान ने कहा, 'जब हमने 2007 में शृंखला जीती थी तो जहीर ने शानदार गेंदबाजी की थी, लेकिन उसे अन्य गेंदबाजों से भी सहयोग मिला था। अनिल बेजोड़ था क्योंकि उसने एक छोर से रन नहीं बनने दिए और मैच को नियंत्रण में रखने में सफल रहा।'

भारतीय टीम में अनुभवी तेज गेंदबाज इशांत शर्मा शामिल हैं जो टीम में एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं जिन्हें इस दौर से पहले इंग्लैंड में टेस्ट मैच खेलने का अनुभव हासिल है। लेकिन, यह तेज गेंदबाज अभ्यास मैचों में लय में नजर नहीं आया। उनके अलावा टीम में भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद समी और स्टुअर्ट बिन्नी जैसे तेज गेंदबाज शामिल हैं।

द्रविड़ ने कहा कि भारतीय गेंदबाज अगर गेंद को स्विंग कराने में सफल नहीं होते तो फिर इंग्लैंड के बल्लेबाजों को परेशान करना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा, 'उस (2007) शृंखला में तीनों तेज गेंदबाज गेंद को स्विंग कराने में सफल रहे थे और अगर भारतीय गेंद को ऊपर पिच करते हैं और स्विंग कराते हैं तो मुझे लगता है कि उनके पास मौका रहेगा।'

द्रविड़ ने हालांकि भरोसा जताया कि चेतेश्वर पुजारा, शिखर धवन और रोहित शर्मा जैसे युवा बल्लेबाज प्रभावी प्रदर्शन कर पाएंगे।

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि उनमें से अधिकांश अच्छा प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यहां भले ही टेस्ट मैच नहीं खेला हो, लेकिन वह यहां ए टीम के साथ आ चुके हैं और उन्होंने यहां वन-डे क्रिकेट खेला है जिसमें पिछले साल हुई चैम्पियन्स ट्रॉफी (जिसे भारत ने जीता) भी शामिल है।'

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द्रविड़ ने कहा, 'मैंने खिलाड़ियों के इस युवा समूह की प्रतिभा देखी है कि वे मजबूत बल्लेबाजी क्रम बन सकते हैं।' वर्ष 1996 में लॉर्ड्स में 95 रन की पारी के साथ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले द्रविड़ ने कहा कि उन्होंने उस दौरे के दौरान काफी कुछ सीखा।