यह ख़बर 19 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

चेन्नई ने पुणे को हरा कर हिसाब बराबर किया

खास बातें

  • प्लेसिस और बद्रीनाथ के बीच पहले विकेट की शतकीय साझेदारी और बीच के ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी से चेन्नई ने पुणे वारियर्स को 13 रन से हराकर पिछली हार का हिसाब बराबर कर दिया।
चेन्नई:

फाफ डु प्लेसिस और सुब्रहमण्यम बद्रीनाथ के बीच पहले विकेट की शतकीय साझेदारी और बीच के ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी से चेन्नई सुपरकिंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग में गुरुवार को पुणे वारियर्स को 13 रन से हराकर पिछली हार का हिसाब बराबर कर दिया।

फाफ डु प्लेसिस (48 गेंद पर 58 रन) और एस बद्रीनाथ (48 गेंद पर 57 रन) ने पहले विकेट के लिये 116 रन की साझेदारी की जबकि कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (12 गेंद पर 28 रन) ने स्लाग ओवरों में रन जुटाये। इससे चेन्नई पहले बल्लेबाजी का न्यौता मिलने पर पांच विकेट पर 164 रन बनाने में सफल रहा। पुणे का कोई भी बल्लेबाज बड़ी पारी खेलने में नाकाम रहा। उसके चार बल्लेबाजों ने 20 से अधिक रन बनाये जिनमें से एंजेलो मैथ्यूज (22 गेंद पर 27 रन) के नाम पर सर्वाधिक स्कोर दर्ज रहा।

पुणे की टीम आखिर में सात विकेट पर 151 रन ही बना पायी। महेंद्र सिंह धोनी की टीम की यह छठे मैच में तीसरी जीत है और उसके भी अब सौरव गांगुली की टीम के बराबर छह अंक हो गये हैं। इन दोनों टीमों के बीच 14 अप्रैल को पुणे में खेला गया मैच वारियर्स ने जीता था। पुणे वारियर्स को फिर से स्लाग ओवरों में रन लुटाना महंगा पड़ा। उसने आखिरी तीन ओवर में 39 रन लुटाये थे जबकि उसके बल्लेबाज डेथ ओवरों में ऐसा धमाल मचाने में नाकाम रहे।

कुलशेखरा ने अगले ओवर में दूसरे सलामी बल्लेबाज जेसी राइडर (नौ) को डगआउट में पहुंचाया। ड्वेन ब्रावो उनका कैच लेने के बाद झूमने लगे थे। मनीष पांडे (छह गेंद पर 13 रन) भी अश्विन पर छक्का जड़ने के बाद ब्रावो के शिकार बने। सौरव गांगुली ने इस बीच डग बोलिंजर पर तीन आकषर्क चौके लगाये। वह इसके बाद हालांकि कुछ खास नहीं कर पाये और शादाब जकाती की गेंद पर मिड आफ पर कैच देकर डगआउट में पहुंचे। गांगुली ने 26 गेंद पर चार चौकों की मदद से 24 रन बनाये। मर्लन सैमुअल्स (24 गेंद पर 26 रन) ने इसके बाद तेजी दिखायी। उन्होंने जकाती पर दो चौके और ब्रावो पर फाइनल पर छक्का लगाया। सैमुअल्स का यह आक्रामक रवैया ही उन्हें पवेलियन पहुंचा गया। अश्विन की गेंद पर उनका करारा ड्राइव कवर पर सीधे क्षेत्ररक्षक के पास चला गया।

मैथ्यूज और स्टीवन स्मिथ (21 गेंद पर 22 रन) ने 30 गेंद पर 44 रन की साझेदारी की लेकिन जब टीम को 11 गेंद पर 24 रन की दरकार थी तब आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने हमवतन बोलिंजर की गेंद हवा में लहराकर कैच थमा दिया। आखिरी ओवर में 21 रन की दरकार थी लेकिन ब्रावो ने मैथ्यूज को बोल्ड करके चेन्नई की जीत सुनिश्चित की। चेन्नई की तरफ से कुलशेखरा और ब्रावो ने दो-दो विकेट लिये।

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इन दोनों बल्लेबाजों ने स्ट्राइक बनाये रखी लेकिन वे गेंदबाजों पर दबाव नहीं बना पा रहे थे। डु प्लेसिस ने 13वें ओवर में अपना अर्धशतक पूरा किया और अगले ओवर में कार्तिक पर छक्का जमाकर टीम का स्कोर तिहरे अंक में पहुंचाया। यह इस आईपीएल में पहले विकेट की पहली शतकीय साझेदारी है। बद्रीनाथ को इस बीच दो जीवनदान मिले। उन्होंने इसका फायदा उठाकर भुवनेश्वर पर लगातार तीन चौके लगाये और टी 20 में अपना 13वां अर्धशतक पूरा किया। यह इस आईपीएल में पहला अवसर था जबकि दोनों सलामी बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाये। सैमुअल्स के अगले ओवर में इन दोनों बल्लेबाजों ने एक ही क्षेत्ररक्षक मैथ्यूज को अपने कैच थमाये। डु प्लेसिस आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। उन्होंने अपनी पारी में चार चौके और दो छक्के लगाये। बद्रीनाथ की पारी में आठ चौके शामिल हैं। नेहरा ने सुरेश रैना को खाता भी नहीं खोलने दिया और फिर राहुल शर्मा पर छक्का जड़ने वाले ब्रावो (आठ गेंद पर 12 रन) को आउट किया। मैथ्यूज ने पारी का तीसरा कैच लपका। पुणे की तरफ से आखिरी ओवर फिर से महंगा साबित हुआ। इस बार गेंदबाज सैमुअल्स थे जिनके ओवर में 18 रन बने। इसमें धोनी और रविंदर जडेजा (सात रन) के छक्के शामिल थे। धोनी ने इसके अलावा अपनी पारी में तीन चौके भी लगाये। पुणे की तरफ से सैमुअल्स ने 39 रन देकर तीन और नेहरा ने 23 रन देकर दो विकेट लिये।