यह ख़बर 03 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

आईपीएल-5 : मुंबई ने चेन्नई को 8 विकेट से हराया

खास बातें

  • मुंबई इंडियन्स ने कसी गेंदबाजी, चपल क्षेत्ररक्षण और सकारात्मक बल्लेबाजी का अच्छा नजारा पेश करके चेन्नई सुपरकिंग्स को एकतरफा मैच में आठ विकेट से करारी शिकस्त दी।
चेन्नई:

पिछले साल के चैंपियन्स लीग के चैंपियन मुंबई इंडियन्स ने कसी गेंदबाजी, चपल क्षेत्ररक्षण और सकारात्मक बल्लेबाजी का अच्छा नजारा पेश करके बुधवार को चेन्नई में चेन्नई सुपरकिंग्स को एकतरफा मैच में आठ विकेट से करारी शिकस्त देकर इंडियन प्रीमियर लीग के पांचवें सत्र का शानदार आगाज किया।

पिछले चैंपियन चेन्नई सुपरकिंग्स के लिये शुरू से ही कुछ भी सकारात्मक नहीं रहा। उसके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पहले टास गंवाया और इसके बाद उसके बल्लेबाज आयाराम गयाराम साबित हुए। रही सही कसर मुंबई के बल्लेबाजों विशेषकर रिचर्ड लेवी ने पूरी कर दी। मुंबई ने चेन्नई की पूरी टीम 19.5 ओवर में 112 रन पर ढेर कर दी जिसने आखिरी आठ विकेट 37 रन के अंदर गंवाये।

चेन्नई के चार बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें से सुरेश रैना ने सर्वाधिक 36 रन बनाये। इसके बाद लेवी ने 35 गेंद पर 50 रन की पारी खेली। सचिन तेंदुलकर (16) को रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान छोड़ना पड़ा लेकिन जेम्स फ्रैंकलिन (नाबाद 25) और अंबाती रायुडु (नाबाद 18) के प्रयास ने मुंबई ने 16.5 ओवर में दो विकेट पर 115 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की। हरभजन सिंह की अगुवाई वाली मुंबई की इस जीत के नायक उसके गेंदबाज रहे जिन्होंने चेन्नई के बल्लेबाजों को रन बनाने का मौका नहीं दिया। मुंबई की तरफ से कीरेन पोलार्ड, लसिथ मालिंगा और प्रज्ञान ओझा ने दो-दो विकेट लिये। चेन्नई के बल्लेबाज परिस्थितियों से तालमेल बिठाने में नाकाम रहे और उन्होंने हवा में शाट खेलकर अपने विकेट इनाम में दिये।

लेवी ने डग बोलिंजर के पारी के दूसरे ओवर में दो चौके जड़कर अपने इरादे जतलाये, हालांकि वह तेंदुलकर थे जिन्होंने पारी का पहला छक्का जमाया। उन्होंने एल्बी मोर्कल की गेंद पर एक्स्ट्रा कवर पर चार रन के लिये भेजने के बाद इसी ओवर में डीप एक्स्ट्रा कवर पर छक्का भी लगाया। इसके बाद रन बनाने की जिम्मेदारी लेवी ने उठा ली।

उन्होंने बोलिंजर के अगले ओवर में भी दो चौके लगाये और जब रविंदर जडेजा आये तो उनके पहले ओवर में ही दो चौके और डीप मिडविकेट पर छक्का जमाया। इस साल सबसे अधिक कीमत पर बिके जडेजा अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे तथा बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों विभागों में बुरी तरह नाकाम रहे। लेवी ने आर अश्विन और फिर डेरेन ब्रावो की गेंद पर छक्का जड़कर अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन अगली गेंद को भी सीमा रेखा पार भेजने के प्रयास में लांग आफ पर कैच दे बैठे। उन्होंने अपनी पारी में छह चौके और तीन छक्के लगाये। यहां से फिर मैच ने करवट बदली।

रोहित शर्मा बिना खाता खोले पवेलियन लौट गये जबकि इसी ओवर में बोलिंजर की गेंद तेंदुलकर की उंगली पर लगी और उन्हें क्रीज छोड़नी पड़ी। जब गेंद और जरूरी रनों के बीच फासला काफी था तो फ्रैंकलिन और रायुडु ने किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया और सहजता से टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। रायुडु ने बोलिंजर पर विजयी छक्का लगाया।

इससे पहले बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाले चेन्नई ने पहले ओवर में ही विकेट गंवा दिया। रायुडु के बेहतरीन क्षेत्ररक्षण से फाफ डु प्लेसिस (3) रन आउट होकर पवेलियन लौटे।  पहले तीन ओवर में कोई बाउंड्री नहीं गयी और केवल 15 रन बने। रैना ने अबु नाचिम अहमद की गेंद मिड आफ पर छह रन के लिये भेजकर चेन्नई के दर्शकों का हौसला बढ़ाया लेकिन मुरली विजय (10) सही तरह से शाट लगाने के लिये जूझते नजर आये और उन्होंने जेम्स फ्रैंकलिन की उठती गेंद हवा में खेलकर हरभजन को आसान कैच थमा दिया।

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फ्रैंकलिन के अगले ओवर में ब्रावो दो चौके जमाये। दूसरे छोर पर खड़े रैना पर भी रन गति में तेजी लाने का दबाव साफ दिख रहा था और ऐसे में उन्होंने बायें हाथ के स्पिनर ओझा की गेंद हवा में उछालकर आसान कैच थमा दिया। रैना ने 26 गेंद खेली तथा दो चौके और एक छक्का लगाया। ओझा ने अगले ओवर में ब्रावो (19 गेंद पर 19 रन)) को भी पवेलियन भेज दिया जबकि मोर्कल (3) का विकेट गिरने से चेन्नई का स्कोर पांच विकेट पर 85 रन हो गया। ब्रावो और मोर्कल दोनों ने थोड़ा भी संयम नहीं दिखाया और हवा में शाट खेलकर अपना विकेट इनाम में दिया। विकेट गिरने का क्रम यहीं पर नहीं रुका। धोनी (4) ने तेजी से रन चुराने के प्रयास में अपना विकेट गंवाया। एस बद्रीनाथ (10) ने कैच का अभ्यास कराया तो मालिंगा ने जडेजा (3) की गिल्लियां बिखरने के बाद डग बोलिंजर (3) को आउट करके चेन्नई की पारी का अंत किया।