यह ख़बर 06 अगस्त, 2014 को प्रकाशित हुई थी

जडेजा-एंडरसन मामला : आईसीसी ने बीसीसीआई का अनुरोध ठुकराया

दुबई:

भारत को एक और झटका देते हुए आईसीसी ने रविंद्र जडेजा से झड़प के मामले में जेम्स एंडरसन को दोषी करार नहीं देने के न्यायिक आयुक्त के फैसले के खिलाफ अपील करने का भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड का अनुरोध यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वह फैसला लिए जाने के ढंग से संतुष्ट है।

बीसीसीआई ने आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन से न्यायिक आयुक्त गोर्डन लुईस के फैसले के खिलाफ अपील करने की गुजारिश की थी। उन्होंने दोनों खिलाड़ियों को पहले टेस्ट के दौरान हुई घटना के लिए आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी नहीं पाया था।

आईसीसी ने एक बयान में कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद आज इसकी पुष्टि करती है कि उसने गोर्डन लुईस के लिखित फैसले पर गौर किया है, जिसमें कहा गया है कि इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और भारत के रविंद्र जडेजा आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन के दोषी नहीं है। बयान में कहा गया, फैसले की बारीकी से समीक्षा के बाद आईसीसी उसमें दिये गए कारणों से संतुष्ट है और जेम्स एंडरसन के मामले में फैसले के खिलाफ अपील के अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं करना चाहती। सीईओ रिचर्डसन ने कहा, यह फैसला दो लंबी और गहन अनुशासनात्मक प्रक्रिया के बाद लिया गया है। आईसीसी फैसला लिए जाने के तरीके से संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि यह पेचीदा मामला था और आगे अपील करके प्रक्रिया को लंबा करने का कोई फायदा नहीं है।

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उन्होंने कहा, यह पेचीदा और संवेदनशील मामला था। दोनों पक्षों से काफी विरोधाभासी साक्ष्य मिले हैं, जबकि कुल 13 गवाहों से पूछताछ की गई। गोर्डन लुईस के फैसले की सावधानी से समीक्षा के बाद हमारा मानना है कि आगे अपील करके प्रक्रिया को और लंबा करने का कोई फायदा नहीं है।
 
रिचर्डसन ने कहा कि आईसीसी की अनुशासनात्मक कार्यवाहियां मजबूत और पारदर्शी हैं। उन्होंने कहा, अनुशासनात्मक कार्यवाहियां मजबूत और पारदर्शी हैं और सभी पक्षों को सवाल पूछने, साक्ष्यों की जांच करने और अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया। हमारा मानना है कि अपील करने की कोई जरूरत नहीं है और इस तरह की कार्रवाई खेल के हित में नहीं होगी। उन्होंने कहा, आईसीसी अब संहिता में निहित प्रक्रियाओं की समीक्षा करेगी और गोर्डन लुईस की टिप्पणियों पर भी गौर करेगी ताकि इस तरह के मामलों से भविष्य में बेहतर तरीके से निपटा जा सके।

आक्रामक भाषा के इस्तेमाल के बारे में रिचर्डसन ने कहा, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कठिन और प्रतिस्पर्धी है, लेकिन हम दोहराना चाहते हैं कि खेल में इस तरह की अपमानजनक भाषा के इस्तेमाल की कोई जगह नहीं हैं, जिसमें कोई खिलाड़ी दूसरे का अपमान करें। ऐसी खबरें हैं कि आईसीसी अध्यक्ष एन श्रीनिवासन ने संकेत दिया था कि मामला भारतीय टीम से जुड़ा होने के कारण वह तटस्थ रहेंगे। ऐसे में फैसला पूरी तरह से रिचर्डसन पर था, जिनके पास अपील करने के लिये 10 अगस्त तक का समय था।