यह ख़बर 07 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

टी-20 में बड़ी सफलता का स्वाद चखने को बेताब बालाजी

खास बातें

  • जब सभी की निगाहें कैंसर को मात देकर वापसी करने वाले युवराज सिंह पर टिकी हैं तब लक्ष्मीपति बालाजी लगभग साढ़े तीन साल बाद भारतीय टीम में गुपचुप वापसी करेंगे।
विशाखापट्टनम:

जब सभी की निगाहें कैंसर को मात देकर वापसी करने वाले युवराज सिंह पर टिकी हैं तब लक्ष्मीपति बालाजी लगभग साढ़े तीन साल बाद भारतीय टीम में गुपचुप वापसी करेंगे। यह तेज गेंदबाज हालांकि इसे बड़ी सफलता में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।

बालाजी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शनिवार को होने वाले पहले ट्वेंटी-20 मैच की पूर्व संध्या पर कहा, वापसी करके बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि मैं पदार्पण कर रहा हूं। हां, मैं लंबे समय से भारत की तरफ से नहीं खेला हूं, लेकिन क्रिकेट हमेशा मेरे साथ रहा। तमिलनाडु के इस तेज गेंदबाज को घुटने की चोट के बाद चुका हुआ मान लिया गया था, लेकिन आईपीएल में कोलकाता नाइटराइडर्स की तरफ से शानदार प्रदर्शन करने के कारण उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टी-20 मैच और श्रीलंका में होने वाले आईसीसी ट्वेंटी-20 विश्वकप की टीम में चुन लिया गया। उन्होंने कहा, चाहे वह प्रथम श्रेणी हो या क्लब स्तर का मैच मैं अपनी जी जान लगाकर खेलता हूं। यह मेरा जुनून है और यही वजह है कि मैं वापसी करने में सफल रहा। मैं वास्तव में ईश्वर का शुक्रगुजार हूं, जो मुझे यह मौका मिला। बालाजी ने कहा, देश का प्रतिनिधित्व करना बड़ा सम्मान है। उम्मीद है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे और भारत को विश्वकप दिलाएंगे।

उन्होंने कहा, आईपीएल ने मुझे मंच प्रदान किया। यह भी अंतरराष्ट्रीय प्रारूप जैसा ही है। जब आप आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हो तो यह मायने रखता है। बालाजी ने केकेआर की तरफ से आठ मैच खेले तथा दस विकेट लिए। उन्होंने कहा कि वह अच्छी वापसी करने के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, मैं हाल में बुची बाबू में खेला। मैंने अच्छा अभ्यास किया है। मैंने अपनी फिटनेस पर काफी काम किया है। मैं नियमित गेंदबाजी कर रहा हूं। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हूं। बालाजी ने कहा, विश्वकप में खेलना सम्मान की बात है। यह बड़ा टूर्नामेंट है और हमने पहले इसमें अच्छा प्रदर्शन किया है। उम्मीद है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करके भारत को कप दिलाने में अहम भूमिका निभाऊंगा।

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उन्होंने कहा कि युवराज सिंह के कैंसर से जूझने के बाद वापसी करने से भारतीय प्रेरित होंगे। बालाजी ने कहा, सभी जानते हैं उस उपचार ( कीमोथेरेपी) से गुजरना कितना कठिन है। इसमें स्वास्थ्य ही नहीं कई अन्य चीजें भी जुड़ी हुई हैं, लेकिन उसने कैंसर से जूझने के बाद मजबूत वापसी की है।