जस्टिस लोढ़ा समिति ने 4 राज्य संघों में वित्तीय गड़बड़ियों पर BCCI से मांगी रिपोर्ट...

जस्टिस लोढ़ा समिति ने 4 राज्य संघों में वित्तीय गड़बड़ियों पर BCCI से मांगी रिपोर्ट...

जस्टिस लोढ़ा पैनल ने बीसीसीआई में सुधारों को लेकर कई सिफारिशें की हैं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू करने का निर्देश दिया है
  • बीसीसीआई लगातार सिफारिशों को लागू करने से बचने की कोशिश में है
  • सुप्रीम कोर्ट ने राज्य संघों को फंड देने पर भी रोक लगाई हुई है
नई दिल्ली:

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से वह रिपोर्ट मांगी, जिसमें बोर्ड के पूर्ण सदस्यों द्वारा वित्तीय कुप्रबंधन का मामला सामने आया था. यह रिपोर्ट एक लेखा तैयार करने वाली कंपनी 'डेलोइट्टे' ने तैयार की थी, जिसके अनुसार बोर्ड से संबद्ध चार राज्य क्रिकेट संघों ने राशि का दुरुपयोग किया और उनकी प्रशासनिक कार्यवाहियों में भी गड़बड़ी पाई गईं थीं. लोढा पैनल ने बीसीसीआई को इन चार राज्य संघों को अपने खिलाड़ियों के भुगतान, भत्ते और अन्य खर्चे के लिए धनराशि देने का फैसला करने से पहले रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. इसके लिए बोर्ड को 8 नवंबर की समयसीमा दी गई है.

लोढ़ा समिति ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट की पड़ताल करने के बाद ही खिलाड़ियों के वेतन, भत्तों और अन्य खर्चो के लिए राशि वितरण पर फैसला लिया जाएगा. इस रिपोर्ट में ओडिशा, असम, जम्मू एवं कश्मीर और हैदराबाद क्रिकेट बोर्डो पर वित्तीय गड़बड़ी के सवाल उठाए गए हैं.

लोढ़ा समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायणन ने 28 अक्टूबर को भेजे बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के के पत्र के जवाब में कहा, "ओडिशा, हैदराबाद, असम और जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट बोर्डों के संदर्भ में आपको राज्य खेल संघों पर मेसर्स डेलोइट्टे द्वारा तैयार रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है, साथ ही यदि राज्य खेल संघों ने इस पर कोई जवाबी-पत्र दिया हो तो वह भी पेश करें."

उन्होंने कहा, "यह रिपोर्ट पांच दिनों के अंदर पेश करें. ध्यान रखें कि इन खेल संघों को धनराशि वितरित करने पर फैसला भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में उल्लिखित पैरा 20(आई) के तहत ही लिया जाएगा."

लोढ़ा समिति ने यह भी कहा कि समिति इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के साथ प्रस्तावित समझौता ज्ञापन-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के संबंध में तब तक कोई निर्देश जारी नहीं करेगी, जब तक इससे संबंधित वित्तीय ब्यौरे उपलब्ध नहीं कराए जाते.


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