'हितों के टकराव' मामले में दिनभर बवाल के बाद BCCI से धोनी को मिली राहत

'हितों के टकराव' मामले में दिनभर बवाल के बाद BCCI से धोनी को मिली राहत

नई दिल्ली:

वनडे और T20 में टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी पर हितों के टकराव को लेकर साल 2013 में आरोप लगे। इस आरोप में धोनी के क़रीबी दोस्त अरुण पांडे की कंपनी रीति स्पोर्ट्स में धोनी की 15 फ़ीसदी हिस्सेदारी होने की बात आई।

अरुण पांडे की कंपनी रीति स्पोर्ट्स ने सफ़ाई देते हुए कहा कि धोनी की पहले इस कंपनी में हिस्सेदारी थी, लेकिन अब उन्होंने हिस्सेदारी बेच दी है।

यह पूरा मसला शनिवार को दोबारा सुर्ख़ियां में आया, जब एक इंग्लिश अखबार ने छापा कि बीसीसीआई ने इस मामले में धोनी के ख़िलाफ़ जांच शुरू कर दी है।

ख़बर में बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के हवाले से ये कहा गया, 'धोनी से जुड़े कथित हितों के टकराव वाला मामला अनुशासन समिति के पास है। इस बारे में हम कुछ भी तभी कह सकते हैं जब जांच के बाद समिति की रिपोर्ट आ जाए'।

शाम होते-होते बीसीसीआई की तरफ़ से इस मामले पर सफ़ाई भी डालमिया की तरफ़ से दी गई। अध्यक्ष की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ में कहा गया कि डालमिया के बयान को तोड़मोड़ कर पेश किया गया है।

अध्यक्ष के मुताबिक उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा था कि किसी खिलाड़ी का अगर किसी भी स्पोर्ट्स कंपनी या बिज़नेस में शेयर है तो वो इसकी जानकारी बोर्ड को देगा, जो बीसीसीआई का फ़ैसला है। डालमिया ने ये भी कहा कि बोर्ड के इस फ़ैसले को अमल में लाने की वो कोशिश करेंगे।

गौरतलब है कि धोनी टीम इंडिया के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के खिलाड़ी हैं। वहीं प्लेयर मैनेज़मेंट कंपनी रीति स्पोर्ट्स धोनी के अलावा सुरेश रैना और रविंदर जडेजा के व्यवसायिक हितों का भी ध्यान रखती है। इसी वजह से धोनी पर हितों के टकराव का आरोप लगता रहा है।

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इस पूरे मामले पर अरुण पांडे ने ट्वीट कर अपनी सफ़ाई भी दी। पांडे ने ट्वीट किया कि कुछ लोग एमएस धोनी की इमेज़ ख़राब करने की कोशिश में हमेशा लगे रहते हैं वो भी बिना सच्चाई जाने। रीति स्पोर्ट्स के मालिक ने ये भी ट्विटर पर लिखा कि सच्चाई की हमेशा से जीत होती है और वही सच है। जो लोग धोनी पर आरोप लगा रहे हैं भगवान उन्हें सलामत रखे।