यह ख़बर 09 दिसंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

मध्यक्रम क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा : महेंद्र सिंह धोनी

डरबन:

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि खराब प्रदर्शन कर रहा मध्यक्रम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टीम की लगातार दो हार का अहम कारण है।

चार विकेट 34 रन पर गंवाने वाली भारतीय टीम 35.1 ओवर में 146 रन पर आउट हो गई, जबकि जीत के लिए 281 रन बनाने थे। कोई भी भारतीय बल्लेबाज 40 रन तक नहीं पहुंच सका।

उन्होंने कहा, 'पिछली कुछ शृंखलाओं में हमारा मध्यक्रम चिंता का सबब है। इस शृंखला में हमने शुरुआती तीन विकेट जल्दी गंवा दिए और मध्यक्रम की कमजोरी उजागर हो गई। यदि आकलन करे तो शायद यही कारण है कि हम अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर सके।'

धोनी ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि भारतीय बल्लेबाज सपाट विकेट का फायदा नहीं उठा सके। उन्होंने कहा, 'विकेट सपाट था और तेज गेंदबाजों के लिए इसमें कुछ नहीं था लिहाजा मैं अपनी बल्लेबाजी से निराश हूं। हमने अच्छे शाट नहीं खेले और गेंद फील्डरों के पास चली गई।'

धोनी ने गेंदबाजों के प्रदर्शन पर प्रसन्नता जताई। उन्होंने कहा, 'पिछले मैच की तुलना में हमारे गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया, खासकर बीच के ओवरों में। स्पिनरों ने अच्छी गेंदबाजी की और तेज गेंदबाजों ने भी। मैं गेंदबाजों के प्रदर्शन से खुश हूं क्योंकि इस पिच पर 280 रन अच्छा स्कोर था।'

दक्षिण अफ्रीका के लिये सलामी बल्लेबाज किंटन डिकाक और हाशिम अमला ने पहले विकेट के लिये 194 रन की साझेदारी की। धोनी ने कहा, 'दक्षिण अफ्रीका के लिये उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है। पिछली शृंखला में भी उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की थी। पहले 20 ओवर में जिस तरह की उनकी बल्लेबाजी रही है, मुझे लगा था कि वे 300 रन से ज्यादा बना लेंगे लेकिन हमने मैच में वापसी की।'

उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका का गेंदबाजी और बल्लेबाजी में अच्छा संयोजन है और उनकी सफलता में इसका बड़ा हाथ रहा है।

उन्होंने कहा, 'अब तक शृंखला में दोनों मैचों में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है और हमेशा अच्छी शुरुआत दी है। इस मैच में हम मध्यक्रम पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे क्योकि वे 300 से अधिक रन नहीं बना सके।'

धोनी ने उन पर काबू करने के लिए 11वें ओवर में स्पिनरों को गेंद सौंपी और सुरेश रैना तथा विराट कोहली को भी आजमाया, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला।

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उन्होंने कहा, 'विकेट धीमा हो रहा था लिहाजा अनियमित गेंदबाजों को आजमाने से मुझे बाद में नियमित गेंदबाजों के कुछ और ओवर मिल जाते।' उन्होंने कहा, 'उस समय ऐसा लग रहा था कि बल्लेबाज बड़े स्ट्रोक्स नहीं खेलना चाहते और अनियमित गेंदबाजों से काम चल सकता है।'