लंबे दौरे से खिलाड़ी थके, सैर-सपाटे और आराम की जरूरत : महेंद्र सिंह धोनी

नई दिल्ली:

दो अभ्यास मैच, चार टेस्ट मैच और दो वनडे खेलने के बाद टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलियाई ज़मीन पर जीत नहीं मिली है। इंग्लैंड के खिलाफ़ फ्लॉप शो के बाद सवाल भारतीय टीम पर कई सवाल उठ रहे हैं।

कभी गेंदबाज़ो, कभी बल्लेबाज़ो और कभी किसम्त को कोसने के बाद अब भारतीय कप्तान के पास जवाब की भी कमी पड़ी रही है।

इसलिए धोनी ने मीडिया के जरिये फैन्स को धैर्य रखने और टीम पर विश्वास रखने की अपील की है। धोनी ने कहा कि टीम पर विश्वास रखिए। हारने पर हमारी आलोचना होती है, मगर ये भी ध्यान रखिए कि इसी टीम ने हमें 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी इंग्लैंड में जितवाई और फिर इंग्लैंड में वनडे सीरीज भी जीतने में हम कामयाब रहे।

धोनी इस मौके पर यह भी कहने से नहीं चूके कि खिलाड़ी लंबे दौरे के बाद थोड़े थक गए है और खेल से दूर रहकर वक्त बिताया भी ज़रूरी होता है। धोनी ने आने वाले दिनों में प्रैक्टिस से ज्यादा, तरोताज़ा होने के लिए सैर-सपाटे पर ज़ोर देने की बात कही है।

धोनी के मुताबिक, अगले मैच से पहले हमारे पास 4-5 दिन का समय है। हम इन दिनों का अच्छा इस्तेमाल करेंगे ताकि खिलाड़ी तरोताज़ा रहें। ये इसलिए ज़रूरी है कि हमें दो महीने का वक्त ऑस्ट्रेलिया में और बिताना है और अच्छी क्रिकेट खेलनी है।

थकान का बहाना तो धोनी ने दे दिया, लेकिन ये बात तो उन क्रिकेटर्स पर तो लागू होती है, जिन्होंने हर मैच खेला है। उनके प्रदर्शन का क्या जिन्हें दौरे पर बीच बीच में कई वजहों से काफ़ी आराम मिला है।  
- शिखर धवन को चौथे टेस्ट में आराम दिया गया था
- सुरेश रैना ने दौरे पर सिर्फ़ 1 टेस्ट मैच खेला
- खुद कप्तान धोनी ने दौरे पर 2 टेस्ट मैच खेले
- भुवनेश्वर कुमार ने भी चोट के कारण सिर्फ़ 1 टेस्ट खेला
- मोहम्मद शमी और उमेश यादव ने भी चारों टेस्ट नहीं खेले
- रायडू, अक्षर तो वनडे में ही मैदान पर उतरे हैं।

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यानी विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे को छोड़कर कोई भी खिलाड़ी इस ट्राई सीरीज़ में ऐसे नहीं है, जिसने सारे मैचों में शिरकत की है। फिर ये थकान लगातार मिल रही हार से मानिसक है, या शारीरिक ये समझना थोड़ा मुश्किल है।