यह ख़बर 12 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

श्रीनिवासन का आईसीसी का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ

नई दिल्ली:

श्रीनिवासन के आईसीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का रास्ता आज उस समय साफ हो गया जब सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड के निर्वासित अध्यक्षको यह चुनाव लड़ने से रोकने के लिए क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। आईसीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव 27 जून को होगा।

न्यायमूर्ति जेएस केहर और न्यायमूर्ति सी नागप्पन की खंडपीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत का पहले का आदेश ‘स्पष्ट’ है और वह इस मसले पर क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार की याचिका नहीं सुनेंगे।

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार के वकील का तर्क था कि ऐसा व्यक्ति जिसे जांच पूरी होने तक बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में काम करने से रोका गया हो उसे आईसीसी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने 16 मई को न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता वाली समिति को आईपीएल में सट्टेबाजी तथा स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में श्रीनिवासन और 12 प्रमुख खिलाड़ियों के खिलाफ जांच का आदेश दिया था।

कोर्ट ने जांच समिति को अगस्त के अंत तक अपनी रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने श्रीनिवासन से कहा था कि इस दौरान वह बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करेंगे।

इससे पहले, ग्रीष्मावकाश के दौरान श्रीनिवासन ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के आदेशों में सुधार के लिये शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था ताकि वह गैर आईपीएल क्रिकेट की गतिविधियों में बीसीसीआई के अध्यक्ष के रूप में काम कर सकें। लेकिन न्यायालय ने उनका यह अनुरोध ठुकरा दिया था।

कोर्ट ने कहा था कि दूसरी पीठ द्वारा दिये गये आदेश में वह सुधार नहीं कर सकता है। कोर्ट ने श्रीनिवासन से उसी पीठ के समक्ष जाने के लिए कहा था, जिसने यह आदेश दिया था।

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कोर्ट ने आईपीएल-7 के लिये वरिष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी सुनील गावस्कर को बीसीसीआई का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था। इसी तरह शिवलाल यादव को बीसीसीआई की क्रिकेट से संबंधी दूसरी गतिविधियों को देखने के लिये बोर्ड का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था।