यह ख़बर 24 अक्टूबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

दौरा रद्द होने पर बोले, मार्लन सैमुएल्स, कभी भारत नहीं छोड़ना चाहता था

किंग्सटन:

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के अनुभवी बल्लेबाज मार्लन सैमुएल्स का कहना है कि वह वेतन विवाद के कारण भारत दौरा बीच में रद्द करने की अपनी टीम की नीति के साथ नहीं थे।

सैमुएल्स ने कहा कि वह भारत दौरे को रद्द करने के सम्बंध में हुई हर एक बैठक से दूर रहे। सैमुएल्स पहले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने कैरेबियाई टीम के इस विवादास्पद फैसले पर कुछ कहा है।

समाचार एजेंसी सीएमसी के मुताबिक, जमैका निवासी सैमुएल्स ने कहा कि वह हर हाल में चाहते थे कि शृंखला पूरी हो और वेतन संबंधी विवाद के निपटारा बाद में किया जाए।

कैरेबियाई टीम ने धर्मशाला में खेले गए चौथे एकदिवसीय मुकाबले के बाद भारत दौरा रद्द कर दिया था। उसे अभी एक एकदिवसीय, एक टी-20 और तीन टेस्ट मैच खेलने थे। कैरेबियाई टीम ने स्थानीय बोर्ड के साथ वेतन संबंधी करार से नाखुश होकर यह कदम उठाया था।

सैमुएल्स ने एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, वेस्टइंडीज प्लेअर्स एसोसिएशन के प्रमुख वेवल हाइंड्स मेरे लिए करार नहीं कर सकते थे, लिहाजा मैं जानता था कि मेरा काम भारत दौरा पूरा करना है और इसके बाद मैं अपने हक में सवाल कर सकता था।

सैमुएल्स के लिए भारत दौरा शानदार रहा। उन्होंने चार एकदिवसीय मैचों में दो शतक लगाए। तीन पारियों में सैमुएल्स ने 254 रन जुटाए।

मैदान के अंदर सैमुएल्स का बल्ला बोल रहा था लेकिन खिलाड़ियों और बोर्ड के साथ जारी विवाद को लेकर सैमुएल्स मैदान के बाहर चुप थे।

सैमुएल्स ने कहा, वेतन विवाद पर मुख्य चयनकर्ता क्लाइव लॉयड के साथ हमारी आठ बैठकें हुईं लेकिन मैं सिर्फ दो में शामिल हुआ। मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान लगाना चाहता था।

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इस घटना के बाद भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने कैरेबियाई बोर्ड के साथ सभी स्तर पर क्रिकेट रिश्ते खत्म कर दिए हैं और वह उसके खिलाफ कानून का शरण लेने का विचार कर रहा है।