यह ख़बर 16 मार्च, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एशिया कप : सचिन के महाशतक के बावजूद भारत हारा

खास बातें

  • सचिन के महाशतक के बावजूद भारत को एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट में मेजबान बांग्लादेश के जाबांज प्रदर्शन के सामने पांच विकेट से हार झेलनी पड़ी।
मीरपुर:

क्रिकेट को इसीलिए अनिश्चिताओं का खेल कहा जाता है। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर लम्बे अरसे से जिस शतक की तलाश कर रहे थे वह तो शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में शुक्रवार को खेले गए एशिया कप के अपने दूसरे मुकाबले में पूरी हो गई लेकिन इस मैच में भारत को बांग्लादेश जैसी पुछल्ली टीम के हाथों करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा।

उलटफेर के लिए मशहूर बांग्लादेश ने एक और बड़ा उलटफेर करते हुए भारत को पांच विकेट से पराजित कर ऐतिहासिक और अप्रत्याशित जीत दर्ज की।

भारत ने बांग्लादेश के सामने जीत के लिए 290 रनों की चुनौती रखी थी, जिसे बांगलदेश के बल्लेबाजों ने चार गेंदें शेष रहते पांच विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। बांग्लादेश के बल्लेबाजों के आगे भारतीय गेंदबाज बेबस नजर आए।

बांग्लादेश की जीत में पूरी टीम का अहम योगदान रहा। उसकी ओर से तीन बल्लेबाजों ने अर्द्धशतक लगाए जबकि दो थोड़े ही अंतर से इससे चूक गए और भारत को दूसरी बार हराकर क्रिकेट इतिहास का एक और बड़ा उलटफेर किया। बांग्लादेश ने इससे पहले 2007 के विश्वकप मुकाबले में भारत को पराजित किया था।

बांग्लादेश से मिली हार के बावजूद भारतीय टीम चार अंकों के साथ दूसरे स्थान पर है। हालांकि बांग्लादेश के भी चार ही अंक है लेकिन रन औसत के हिसाब से उसे तीसरा स्थान मिला है। श्रीलंका ने एक भी मैच नहीं जीता है और वह अंक तालिका में सबसे नीचे है।

इस हार के बावजूद एशिया कप के फाइनल में पहुंचने की भारत की उम्मीदें जिंदा है। भारत को अपना आखिरी लीग मुकाबला
पाकिस्तान से खेलना है और इस उम्मीद को बनाए रखने के लिए उसे इस मैच को हर हाल में जीतना होगा।

भारतीय टीम यदि पाकिस्तान से हार जाती है और बांग्लादेश की टीम अगले मुकाबले में श्रीलंका को हरा देती है तो इस सूरत में बांग्लादेश की टीम का फाइनल का टिकट पक्का हो जाएगा। लेकिन यदि श्रीलंकाई टीम बांग्लादेश को बोनस अंकों से हरा देती है और भारत पाकिस्तान से हार जाता है तो इस सूरत में श्रीलंकाई टीम फाइनल में पहुंच जाएगी।

श्रीलंकाई टीम अगर बगैर बोनस अंक के बांग्लादेश को हराती है तो इस परिस्थिति में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका की टीमों के चार-चार अंक रहेंगे और फिर रन औसत के हिसाब से अव्वल रहने वाली टीम को फाइनल में जाने का मौका मिलेगा।

बहरहाल, बांग्लादेश की जीत में तमीम इकबाल, जहुरुल इस्लाम, पूर्व कप्तान शाकिब अल हसन, नासिर हुसैन और कप्तान मुशफिकुर रहमान ने संयुक्त भूमिका निभाई। इकबाल ने 70, इस्लाम ने 53, शाकिब ने 49, हुसैन ने 54 और कप्तान रहीम ने आखिरी ओवरों में 25 गेंदों पर तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से धुआंधार 46 रन बनाए।

शाकिब अल हसन को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया। बांग्लादेश की जीत के साथ ही पूरे स्टेडियम में जश्न का माहौल रहा।

इससे पहले, सचिन तेंदुलकर के करियर के 100वें शतक और विराट कोहली तथा सुरैश रैना के अर्द्धशतकों की मदद से भारतीय टीम ने बांग्लादेश के सामने 290 रनों का लक्ष्य रखा था।

टेस्ट मैचों में 51 और एकदिवसीय मैचों में 49 शतक लगाने वाले सचिन की यागदार पारी की बदौलत भारतीय टीम ने टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में पांच विकेट पर 289 रन बनाए।

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी 17 और रवींद्र जडेजा चार रन पर नाबाद लौटे। सचिन 147 गेंदों पर 12 चौकों और एक छक्के की मदद से 114 रन बनाकर आउट हुए।

कोहली ने 66 और रैना ने 51 रनों का योगदान दिया। भारत ने 25 रन के कुल योग पर गौतम गम्भीर का विकेट गंवाया था।

गम्भीर को सैफुल इस्लाम ने आउट किया। वह 16 गेंदों पर एक चौके की मदद से 11 रन बना सके। इसके बाद सचिन और कोहली ने दूसरे विकेट के लिए 148 रन जोड़े।

कोहली का विकेट 173 रनों के कुल योग पर गिरा। कोहली ने अपनी 82 गेंदों की पारी में पांच चौके लगाए। कोहली के विदा होने के बाद रैना ने 38 गेंदों का सामना करते हुए पांच चौके और दो छक्के लगाए। रैना और सचिन ने तीसरे विकेट के लिए 86 रन जोड़े।

इसी साझेदारी के दौरान सचिन ने अपने करियर का 100वां शतक पूरा किया। 21 साल से अंतरराष्टीय क्रिकेट में सक्रिय सचिन ने साकिब अल हसन की गेंद पर एक रन लेने के साथ यह मुकाम हासिल किया। सचिन ने अपनी 138 गेंदों की पारी में 10 चौके और एक छक्का लगाया।

सचिन ने अपना 99वां अंतरराष्ट्रीय शतक बीते साल 12 मार्च को विश्व कप के दौरान नागपुर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ लगाया था। इसके बाद 100वें शतक के लिए सचिन को एक वर्ष से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा।

सचिन ने भारत के लिए 188 टेस्ट मैचों में 15470 रन बनाए हैं। इसमें 51 शतक और 65 अर्द्धशतक शामिल हैं जबकि 462 एकदिवसीय मैचों में सचिन के बल्ले से 49 शतक और 18374 रन निकले हैं।

18 दिसम्बर, 1989 में अपने करियर का पहला एकदिवसीय मैच खेलने वाले सचिन ने 462 मैचों की 451 पारियों में 41 बार नाबाद रहते हुए 44.64 के औसत से रन बनाए हैं। उनके नाम 95 अर्द्धशतक भी दर्ज हैं।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में शुमार सचिन अंतरराष्ट्रीय मैचों में शतकों का शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज हैं। उनके नाम सर्वाधिक टेस्ट तथा एकदिवसीय शतक के अलावा टेस्ट तथा एकदिवसीय मैचों में सबसे अधिक रन बनाने का रिकार्ड है।