यह ख़बर 16 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

बीसीसीआई की छत्रछाया से बाहर निकले आईपीएल : खेल मंत्री

खास बातें

  • बीसीसीआई को क्रिकेट में भ्रष्टाचार की तह तक जाने की सलाह देते हुए खेलमंत्री अजय माकन ने बुधवार को कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग को बोर्ड से अलग किया जाना जरूरी है।
नई दिल्ली:

बीसीसीआई को क्रिकेट में भ्रष्टाचार की तह तक जाने की सलाह देते हुए खेलमंत्री अजय माकन ने बुधवार को कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग को बोर्ड से अलग किया जाना जरूरी है।

आईपीएल और अन्य घरेलू टूर्नामेंटों में भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले एक टीवी स्टिंग आपरेशन के बाद उन पांच क्रिकेटरों को निलंबित कर दिया गया है जिन्हें स्टिंग में दिखाया गया था।

माकन ने कहा, ‘यह जरूरी है कि आईपीएल विदेशों में होने वाले बाकी टूर्नामेंटों की तरह मूल खेल संगठन से अलग रहे। आईपीएल को बीसीसीआई से परे रहना होगा ताकि हितों का टकराव ना हो।’ उन्होंने कहा, ‘इंग्लिश प्रीमियर लीग और अन्य फुटबाल लीग भी अपनी मूल संस्थानों से अलग रहते हैं। वही प्रारूप आईपीएल में भी अपनाया जाना चाहिये।’
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिज्ञों को खेल संगठनों से दूर रहना चाहिये। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि राजनीतिज्ञों के लिये खेल प्रशासन में कोई जगह नहीं होनी चाहिये। खेलों की कमान उस खेल में योग्य व्यक्तियों के हाथ में होनी चाहिये।’ आईपीएल के पांच खिलाड़ियों के निलंबन के बारे में माकन ने कहा कि इससे समस्या हल नहीं होगी।

उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई को समस्या की तह तक जाना चाहिये। पांच खिलाड़ियों के निलंबन से कुछ नहीं होगा। यदि फ्रेंचाइजी के मालिक ‘काला धन’ देने के दोषी पाये जाते हैं तो इसकी भी जांच होनी चाहिये।’
माकन ने कहा, ‘हर तरह के भ्रष्टाचार पर रोक लगानी जरूरी है। यदि खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी ने काला धन दिया है तो इसकी भी जांच जरूरी है।’ माकन ने खेल विधेयक की जरूरत पर फिर जोर देते हुए कहा कि बीसीसीआई का आरटीआई के दायरे में आना जरूरी है।

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उन्होंने कहा, ‘मसले का दीर्घकालिन समाधान निकालना जरूरी है। इसके लिये सभी खेल महासंघों को आरटीआई के दायरे में आना होगा। इसीलिये मैं खेल विधेयक की जरूरत पर जोर देता आया हूं और चाहता हूं कि इसे जल्दी पारित किया जाये।’ उन्होंने कहा, ‘इससे खेल महासंघों में वह पारदर्शिता आयेगी जो क्रिकेट और आईपीएल में बहुत जरूरी है।’ माकन ने कहा, ‘बीसीसीआई अकेला ऐसा खेल महासंघ है जो खेल मंत्रालय में पंजीकृत नहीं है। यह कारपोरेट ईकाई है। वे भले ही अपने खातों का खुलासा हमें नहीं करें लेकिन खाते और कार्यप्रणाली को आरटीआई के जरिये जनता के लिये सार्वजनिक किया जाना चाहिये।’