खास बातें
- पूरा कोलकाता भले मनोज तिवारी के उन दो चौकों की चर्चा कर रहा हो, जो उन्होंने ब्रावो पर लगाए थे, लेकिन खुद मनोज पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ लगाए पहले वनडे शतक को सर्वश्रेष्ठ पल मानते हैं।
नई दिल्ली: पूरा कोलकाता भले ही मनोज तिवारी के उन दो चौकों के बारे में बात कर रहा है, जो उन्होंने ड्वेन ब्रावो पर लगाए थे, लेकिन इस 26 वर्षीय बल्लेबाज का कहना है कि पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ चेपक में उनका पहला एकदिवसीय शतक उनके करियर का सर्वश्रेष्ठ पल था।
तिवारी ने भारत ‘ए’ टीम के साथ कैरेबियाई दौरे पर जाने से पहले कहा, मैं जानता हूं कि लोग मुझे उन दो चौकों को लेकर याद करेंगे, लेकिन वेस्टइंडीज के खिलाफ मेरा एकदिवसीय शतक मेरे करियर का सर्वश्रेष्ठ पल था। मैं उस दिन दर्द के बावजूद खेला था।
उन्होंने कहा, मैंने चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ जो दो चौके लगाए, मुझे उन पर गर्व है। लेकिन जब मैं भारत की तरफ से खेला, तब स्थिति पूरी तरह से अलग थी। मैंने तब पिछले मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था और वह मेरे लिए आखिरी मौका हो सकता था। मैं ऐंठन के कारण काफी दर्द महसूस कर रहा था। उस पारी से मैं दावेदार बना रहा।
तिवारी के करियर के दो खास पल चेन्नई में आए और अब वह भी इस शहर को अपने लिए खास मानने लगे हैं। उन्होंने कहा, ईडन गार्डन्स मेरा पसंदीदा मैदान है, लेकिन चेन्नई में मैंने अंतरराष्ट्रीय शतक जमाया और आईपीएल ट्रॉफी जीती। मुझे पूरा भरोसा था कि मैं टीम को जीत दिला दूंगा। मैं जानता था कि ब्रावो एक शॉर्ट पिच गेंद करेगा और उसके गेंद करने से पहले मेरी पोजीशन और संतुलन अच्छा था।