यह ख़बर 25 जुलाई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

गिले-शिकवे दूर करके बीसीसीआई की छत्रछाया में लौटे कपिल

खास बातें

  • आईसीएल से जुड़ने के कारण बीसीसीआई से दूर हुए कपिल फिर बोर्ड की छत्रछाया में लौट आए हैं। बोर्ड ने त्वरित प्रभाव से भुगतान के तौर पर उन्हें डेढ़ करोड़ रुपये दिए हैं।
नई दिल्ली:

भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव और भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने अपने आपसी मतभेद दूर कर लिए हैं। आईसीएल से जुड़ने के कारण बीसीसीआई से दूर हुए कपिल फिर बोर्ड की छत्रछाया में लौट आए हैं। बोर्ड ने उनका स्वागत करते हुए त्वरित प्रभाव से भुगतान के तौर पर डेढ़ करोड़ रुपये दिए हैं।

विश्व कप 1983 विजेता कप्तान कपिल ने जैसे ही बोर्ड के मुख्यालय में अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से मुलाकात की, बोर्ड ने मीडिया विज्ञप्ति के जरिए इसकी जानकारी दी।

श्रीनिवासन ने विज्ञप्ति में कहा, बीसीसीआई को भारत के पूर्व कप्तान कपिल देव से पत्र मिला है। उन्होंने बोर्ड को बताया कि उन्होंने एस्सेल स्पोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड (आईसीएल) से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा बीसीसीआई के समर्थक थे और रहेंगे। बीसीसीआई भारतीय क्रिकेट में कपिल के अपार योगदान को मानता है और आने वाले समय में उनसे सार्थक सहयोग की उम्मीद करता है।

बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, बीसीसीआई अब कपिल को एकमुश्त लाभार्थ भुगतान (सौ से अधिक टेस्ट खेलने के कारण) के तहत डेढ़ करोड़ रुपये देगा। उन्हें बोर्ड से 35000 रुपये मासिक पेंशन भी मिलेगी। पिछले पांच साल के बकाया का भी उन्हें भुगतान किया जाएगा। कपिल ने मीडिया से कन्नी काटने की पूरी कोशिश की। उन्होंने हालांकि कहा, बीसीसीआई अभिभावक की तरह है और हम बच्चे हैं। मैंने पहले भी क्रिकेट और क्रिकेटरों की भलाई की कोशिश की है और अभी भी वही करना चाहता हूं।

पांच साल पहले इंडियन क्रिकेट लीग से जुड़े कपिल पर बीसीसीआई ने अनधिकृत लीग का हिस्सा होने के कारण प्रतिबंध लगा दिया था। लीग का हिस्सा रहे अन्य क्रिकेटर और अधिकारी पहले ही बीसीसीआई से माफी मांग चुके हैं। कपिल ने कहा था कि वह कभी बोर्ड से माफी नहीं मांगेंगे।

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हाल ही में हालांकि दिल्ली में हुई बीसीसीआई कार्यसमिति की बैठक के दौरान कपिल ने श्रीनिवासन से मुलाकात की और आईसीएल से इस्तीफे का पत्र उन्हें सौंपा।