यह ख़बर 24 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

चेन्नई टेस्ट : फिरकी में फंसे मेहमान, भारत जीत की दहलीज पर

खास बातें

  • रविचंद्रन अश्विन (12 विकेट) के नेतृत्व में अपने फिरकी गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम एमए चिदम्बरम स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन सोमवार की समाप्ति तक जीत की दहलीज पर खड़ी दिखी।
चेन्नई:

रविचंद्रन अश्विन (12 विकेट) के नेतृत्व में अपने फिरकी गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारतीय क्रिकेट टीम एमए चिदम्बरम स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी पहले टेस्ट मैच के चौथे दिन सोमवार की समाप्ति तक जीत की दहलीज पर खड़ी दिखी। एक समय भारत को पारी की जीत मिलती दिख रही थी लेकिन मेहमान टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों ने उसकी जीत को पांचवें दिन तक के लिए टाल दिया।

ऑस्ट्रेलिया ने दिन की समाप्ति तक अपनी दूसरी पारी में नौ विकेट पर 232 रन बनाकर 40 रनों की बढ़त हासिल कर ली। विकेट पर मेहमान टीम का अंतिम जोड़ा मौजूद है और उसे पांचवें दिन के पूरे 90 ओवर खेलने हैं। ऐसे में इस मैच में भारत की जीत पक्की नजर आ रही है।

एक समय ऑस्ट्रेलिया ने 175 रनों के कुल योग पर अपनी दूसरी पारी में नौ विकेट गंवा दिए थे। उसकी पारी की हार सामने दिख रही थी लेकिन नेथन लियोन (नाबाद 12) और अपना पहला टेस्ट खेल रहे मोएसिस हेनरिक्स (नाबाद 75) ने अंतिम विकेट के लिए न सिर्फ 57 रन जोड़े बल्कि भारत को पारी की जीत से महरूम किया।

हेनरिक्स ने अपनी 124 गेंदों की साहसिक पारी में छह चौके और दो छक्के लगाए हैं जबकि लियोन अब तक 47 गेंदों का सामना करते हुए एक चौका लगा चुके हैं। भारत की ओर से अश्विन ने पांच विकेट लिए हैं जबकि हरभजन सिंह और रवींद्र जडेजा को दो-दो सफलता मिली है। अश्विन ने पहली पारी में भी सात विकेट लिए थे।

ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में 380 रनों पर समेटने के बाद भारत ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (224) और विराट कोहली (107) की शानदार शतकीय पारियों की मदद से अपनी पहली पारी में 572 रन बनाए। इसके बाद उसने पहली पारी के आधार पर 192 रनों की बढ़त हासिल की।

दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले हेनरिक्स के अलावा कप्तान माइकल क्लार्क ने 31 रनों का योगदान दिया। एड कोवान ने 32 रन बनाए जबकि डेविड वार्नर ने 23 रनों की पारी खेली।

इससे पहले, भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 572 रन बनाए। इसमें कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 224 रन शामिल हैं। भुवनेश्वर कुमार ने 38 रन बनाए जबकि इशांत शर्मा चार रनों पर नाबाद लौटे।

अपना पहला टेस्ट खेल रहे कुमार ने 97 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए। कुमार और धोनी के बीच नौवें विकेट के लिए 140 रनों की साझेदारी हुई।

कुमार और इशांत ने अंतिम विकेट के लिए 26 रन जोड़े। इस तरह भारत ने पहली पारी की तुलना में 192 रनों की बढ़त हासिल की।

भारत ने तीसरे दिन रविवार का खेल खत्म होने तक आठ विकेट पर 515 रन बनाए थे। धोनी 206 और भुवनेश्वर कुमार 16 रनों पर नाबाद लौटे थे।

धोनी ने चौथे दिन अपनी पारी में 18 रन और जोड़े तथा जेम्स पैटिंसन की गेंद पर विकेट के पीछे मैथ्यू वेड के हाथों लपके गए। धोनी की 265 गेंदों की पारी में 24 चौके और छह छक्के शामिल हैं।

अपनी इस पारी के दौरान धोनी ने बतौर कप्तान भारत के लिए सबसे बड़ी पारी खेली। इससे पहले यह रिकार्ड सचिन तेंदुलकर के नाम था, जिन्होंने कप्तान के रूप में 217 रन बनाए थे।

धोनी ने चेन्नई में तीसरी सबसे बड़ी पारी खेली। इस मैदान पर सबसे बड़ी पारी का रिकार्ड भारत के ही वीरेंद्र सहवाग के नाम है, जिन्होंने 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 309 रन बनाए थे।

उससे पहले सुनील गावस्कर ने 1983 में यहां वेस्टइंडीज के खिलाफ 236 रनों की बेशकीमती पारी खेली थी। गावस्कर इस मैदान पर तीन शतक और इतने ही अर्धशतक लगा चुके हैं।

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ऑस्ट्रेलिया की ओर से पैटिंसन ने पांच विकेट लिए जबकि नेथन लियोन को तीन सफलता मिली। इसके अलावा मोएसिस हेनरिक्स और पीटर सिडल को एक-एक विकेट मिला। पैटिंसन ने अपने करियर में दूसरी बार पारी में पांच विकेट लिए हैं।