यह ख़बर 24 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

इस बार सचिन के लिए भाग्यशाली नहीं बन पाई 24 फरवरी

खास बातें

  • अपने बालसखा विनोद कांबली के साथ स्कूली स्तर पर रिकॉर्ड साझेदारी हो या फिर वन-डे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक, सचिन तेंदुलकर के लिए 24 फरवरी भाग्यशाली दिन माना जाता था, लेकिन आज चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में ऐसा नहीं हो पाया।
चेन्नई:

अपने बालसखा विनोद कांबली के साथ स्कूली स्तर पर रिकॉर्ड साझेदारी हो या फिर वन-डे क्रिकेट में पहला दोहरा शतक, सचिन तेंदुलकर के लिए 24 फरवरी भाग्यशाली दिन माना जाता था, लेकिन आज चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में ऐसा नहीं हो पाया।

तेंदुलकर टेस्ट क्रिकेट में पिछले तीन साल से अधिक समय से शतक नहीं लगा पाए हैं। एमए चिदंबरम स्टेडियम में वह इस इंतजार को समाप्त करने की स्थिति में दिख रहे थे, लेकिन तभी नाथन लियोन की गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटों में समा गई। तेंदुलकर 81 रन बनाकर आउट हो गए और इस बार 24 फरवरी उनका साथ नहीं दे पाई।

उन्होंने ठीक 25 साल पहले 24 फरवरी, 1988 को मुंबई के शारदाश्रम विद्यामंदिर स्कूल की तरफ से खेलते हुए कांबली के साथ 664 रन की साझेदारी करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाया था। इसके 22 साल बाद 24 फरवरी, 2010 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्वालियर में तेंदुलकर ने फिर से नया इतिहास रचा। वह एक-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दोहरा शतक जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बने। तेंदुलकर पूरे 50 ओवर तक क्रीज पर टिके रहे और उन्होंने नाबाद 200 रन बनाए थे।

बहरहाल, चेन्नई टेस्ट में तेंदुलकर शतक से चूक गए, लेकिन इसके बावजूद वह एक नया रिकॉर्ड अपने नाम करने में सफल रहे। वह अब टेस्ट मैचों में 80 और 89 के बीच सर्वाधिक बार आउट होने वाले बल्लेबाज बन गए हैं। यह 12वां अवसर है, जबकि तेंदुलकर 80 और 89 के बीच आउट होकर पैवेलियन लौटे।

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ऑस्ट्रेलिया के एलन बोर्डर, इंग्लैंड के माइक एथरटन और भारत के राहुल द्रविड़ 11-11 बार इस इन संख्याओं के बीच आउट हुए हैं। तेंदुलकर चेन्नई की इस पारी में भी बोल्ड हुए। वह टेस्ट मैचों में 54 बार बोल्ड हो चुके हैं। उन्होंने बोर्डर (53 बार बोल्ड) को पीछे छोड़ा। अब केवल द्रविड़ (55 बार बोल्ड) ही सचिन से इस मामले में आगे हैं। पिछली 18 पारियों में तेंदुलकर आठ बार बोल्ड हो चुके हैं।