यह ख़बर 24 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

दूसरा वनडे : वेस्ट इंडीज ने भारत को हराया, सीरीज में 1-1 की बराबरी

विशाखापत्तनम:

वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने रविवार को वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में हुए दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में भारत को दो विकेट से मात दे दी। डारेन सैमी (नाबाद 62) की संघर्षभरी पारी की बदौलत वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने भारत से मिले 289 रनों के लक्ष्य को आठ विकेट पर तीन गेंद शेष रहते हासिल कर लिया।

लक्ष्य का पीछा करने उतरी वेस्टइंडीज की शुरुआत हालांकि अच्छी नहीं रही और महज 23 रनों के कुल योग पर चार्ल्स और सैमुएल्स के आउट होने के बाद ब्रावो और पॉवेल के बीच 100 रनों की उपयोगी साझेदारी हुई। ब्रावो 123 के कुल योग पर रविचंद्रन अश्विन का शिकार हुए। ब्रावो ने 54 गेंदों पर आठ चौके लगाए।

डारेन ब्रावो के जाने के बाद पॉवेल भी ज्यादा देर टिक नहीं सके। 27वें ओवर की पहली गेंद पर पॉवेल भी अश्विन का शिकार हुए। पॉवेल ने 70 गेंदों का सामना सात चौके और एक छक्का लगाया।

टिक कर खेल रहे दोनों बल्लेबाजों के जाने के बाद लेंडल सिमंस (62) ने आगे का मोर्चा संभाल लिया। कप्तान ड्वेन ब्रावो (18) हालांकि बहुत देर सिमंस का साथ नहीं दे सके।

इसके बाद सातवें क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे डारेन सैमी ने सिमंस के साथ छठे विकेट के लिए 82 रनों की अहम साझेदारी कर वेस्टइंडीज को जीत के मुहाने तक पहुंचा दिया। 267 के कुल योग पर रविंद्र जडेजा की गेंद पर पगबाधा करार दिए जाने से पहले सिमंस ने 74 गेंदों में पांच चौके और एक छक्का लगाया।

सिमंस के जाने के बाद वेस्टइंडीज को जेसन होल्डर (7) और सुनील नरीन (0) के रूप में दो जल्दी-जल्दी झटके जरूर लगे, पर दूसरे छोर पर खड़े सैमी ने विचलित हुए बगैर 45 गेंदों में चार चौके और इतने ही छक्के जड़ते हुए अपनी टीम को तीन गेंद शेष रहते जीत दिला दी। भारत के लिए भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद समी और अश्विन ने दो-दो विकेट हासिल किए।

इससे पहले, भारत ने विराट कोहली (99) और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 51) की उम्दा पारियों की बदौलत टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवरों में सात विकेट पर 288 रन बनाए। कोहली तीसरी बार नर्वस-90 का शिकार हुए जबकि धोनी ने अपनी 40 गेंदों की तूफानी पारी में तीन चौके और चार छक्के लगाते हुए 50वां अर्द्धशतक पूरा किया।

रोहित शर्मा (12) और रवींद्र जडेजा (10) सस्ते में आउट हुए लेकिन बाकी सभी बल्लेबाजों ने उपयोगी योगदान दिया। शिखर धवन ने 35, युवराज सिंह ने 28, सुरेश रैना ने 23 और रविचंद्रन अश्विन ने 19 रन जोड़े।

भारत की शुरूआत खराब रही। रोहित 21 रन के कुल योग पर रवि रामपाल का शिकार बने। रोहित ने 19 गेंदों पर तीन चौके लगाए। इसके बाद कोहली ने धवन के साथ दूसरे विकेट के लिए 48 और फिर युवराज के साथ तीसरे विकेट के लिए 69 रन जोड़े।

धवन का विकेट 69 के कुल योग पर गिरा। धवन ने 37 गेदों पर पांच चौके लगाए। युवराज को 138 के कुल योग पर डारेन सैमी ने आउट किया। युवराज ने 49 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाया।

कोहली की पारी आगे बढ़ती रही और इस बार उन्होंने रैना के साथ चौथे विकेट के लिए 65 रन जोड़े। रैना लय में दिख रहे थे लेकिन 203 के कुल योग पर रामपाल की गेंद को पढ़ने में गलती कर बैठे। रैना ने 24 गेंदों पर दौ चौके जड़े।

रैना की विदाई के बाद कोहली भी अपना संयम खो बैठे और 209 के कुल योग पर रामपॉल की एक बाउंसर पर बल्ला लगा बैठे। कोहली ने अपने करियर की 115वीं पारी में 100 गेंदों का सामना कर नौ चौके लगाए।

वह इससे पहले 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किंग्सटन में 94 और 2010 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ 91 के निजी योग पर आउट हो चुके हैं।

इसके बाद जडेजा ने कप्तान के साथ स्कोर को 240 तक पहुंचाया लेकिन इसी योग पर रामपाल ने जडेजा की भी छुट्टी कर दी। धोनी और जडेजा के बीच 31 रनों की साझेदारी हुई लेकिन इसमें अधिकांश योगदान कप्तान का रहा।

अश्विन ने कप्तान के साथ आठवें विकेट के लिए 47 रन जोड़े। अश्विन ने 10 गेंदों की पारी में दो चौके और एक छक्का लगाया और अंतिम ओवर की पांचवीं गेंद पर आउट हुए।

वेस्टइंडीज की ओर से रामपॉल ने चार विकेट लिए जबकि जेसन होल्डर, वीरासैमी परमॉल और डारेन सैमी को एक-एक सफलता मिली।

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इस मैच के साथ ही तीन एकदिवसीय मैचों की शृंखला रोचक मोड़ पर पहुंच गई है। दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर आ गई हैं। और 27 नवंबर को कानपुर के ग्रीन पार्क में होने वाला आखिरी मैच निर्णायक होगा। कोच्चि में खेला गया पहला मैच भारत ने जीता था।