पठान बंधुओं के बाद वड़ोदरा में अब पांड्या बंधुओं का जलवा

पठान बंधुओं के बाद वड़ोदरा में अब पांड्या बंधुओं का जलवा

नई दिल्ली:

मुंबई इंडियन्स के हार्दिक पांड्या आईपीएल सीजन 8 में हीरो बनकर उभरे। चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ लीग मैच में उनके जोरदार छक्कों ने महेंद्र सिंह धोनी के गणित को फेल कर दिया। उससे पहले वह रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ भी जोरदार शाट्स लगा चुके थे। इसके बाद रही-सही कसर कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ उनकी धमाकेदार पारी ने पूरी कर दी। पांड्या ने खुद को मिले मौकों का जिस तरह फायदा उठाया, उसकी तारीफ टीम के कोच रिकी पॉन्टिंग और कप्तान रोहित शर्मा ने भी खूब की।

वैसे पांड्या के चमकदार प्रदर्शन से सबसे ज्यादा खुशी हिमांशु पांड्या को हुई है। आखिर बेटे की कामयाबी की सबसे ज्यादा खुशी तो पिता को ही होती है। अपने बेटों को क्रिकेटर बनाने के लिए हिमांशु पांड्या ने 1998 में अपना शहर सूरत छोड़ दिया था। उन्होंने एनडीटीवी इंडिया से ख़ास बातचीत में बताया- मैं वड़ोदरा आया, क्योंकि मुझे विश्वास था कि मेरे बेटे रणजी तो खेल ही लेंगे।

वड़ोदरा आने के बाद उन्होंने अपने बेटे क्रुणाल और हार्दिक को किरण मोरे की कोचिंग अकादमी में दाखिला दिलाया, लेकिन ये इतना आसान भी नहीं था। क्रुणाल तब 7 साल के थे और हार्दिक पांड्या 5 साल के। किरण मोरे 12 साल से कम उम्र के बच्चों को अपनी अकादमी में नहीं रखते थे, लेकिन इन दोनों की बल्लेबाज़ी के चलते उन्होंने अपना नियम बदल दिया।

पिता का सपना था दोनों बेटे क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाए, लिहाजा दोनों बेटों ने भी दिन रात एक कर दिया। दोनों का लक्ष्य एक ही था। हर हाल में पिता के सपने को पूरा करना और वक्त के साथ दोनों ने अपने पांव क्रिकेट की दुनिया में टिकाने शुरू कर दिए।

बड़ौदा की जूनियर टीम में दोनों की जगह बनने लगी थी। तभी पिता को एक के बाद एक तीन बार हार्ट अटैक का दौरा पड़ा। पिता की बीमारी और घर की डांवाडोल आर्थिक हालात ने भी पांड्या बंधु के हौसले को डिगने नहीं दिया और नतीजा एक दिन आना ही था। हार्दिक का करिश्मा दुनिया ने देख लिया है और क्रुणाल भी पिछले सीजन में बड़ौदा की रणजी टीम में शामिल थे।

पिता हिमांशु पांड्या कहते हैं,- मेरा छोटा बेटा मुंबई इंडियन्स से खेला, ये देखकर मैं बहुत खुश हूं। उसका शहर में नाम हुआ।

दोनों भाई बल्लेबाज़ हैं और जोरदार शॉट्स खेलने की काबिलियत रखते हैं। छोटे भाई हार्दिक पांड्या दाएं हाथ से खेलते हैं तो बड़े भाई क्रुणाल बाएं हाथ के जोरदार बल्लेबाज़ हैं। दोनों उपयोगी गेंदबाज़ी भी कर लेते हैं। छोटे भाई ने पहले नाम कमाया है, लेकिन बड़े भाई की खुशी भी देखने लायक है। बड़े भाई और बड़ौदा रणजी टीम के सदस्य रहे क्रुणाल पांड्या कहते हैं- मुझे भाई पर बहुत गर्व है।

दरअसल, पांड्या बंधु के आदर्श वड़ोदरा के पठान बंधु हैं और दोनों पठान भाइयों की तरह एक दिन टीम इंडिया की ओर से कमाल दिखाना चाहते हैं। आईपीएल से हीरो बने हार्दिक पांड्या ने कहा- आईपीएल का अनुभव बहुत अच्छा रहा, कीरोन पोलार्ड जैसे सीनियरों से सीखने को मिला...अब इच्छा अपने भाई के साथ देश के लिए एक साथ खेलने की है।

दोनों भाइयों के हौसले को देखते हुए उम्मीद है कि आने वाले दिनों क्रुणाल और हार्दिक का जलवा भी वड़ोदरा के यूसुफ और इरफान पठान की भांति देखने को मिलेगा।

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(वड़ोदरा से नीलेश ठक्कर के इनपुट के साथ)