यह ख़बर 03 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भारत-जिम्बाब्वे सीरीज : परवेज रसूल को मौका नहीं देने पर उमर ने जताया ऐतराज

खास बातें

  • जम्मू−कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रसूल को न खिलाए जाने पर ट्वीट किया कि क्या रसूल को जिम्बाब्वे सिर्फ इसलिए ले जाया गया कि उसका मनोबल गिराया जाए... यह काम तो देश में भी आसानी से हो सकता था...
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर परवेज रसूल को जिम्बाब्वे के खिलाफ पांचवें और अंतिम वन-डे मैच में भी अंतिम एकादश में जगह नहीं मिली। 25 साल के परवेज रसूल इस दौरे पर टीम इंडिया के एकलौते खिलाड़ी बन गए हैं, जिन्हें एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।

इस पूरे दौरे पर टीम इंडिया में कई युवा खिलाड़ी शामिल किए गए थे, ताकि भारत को अपने बेंच स्ट्रेंथ को आजमाने का मौका मिले। पांच वन-डे मैच की सीरीज जब ने भारत 3−0 से जीता, तो लगा कि बाकी के बचे दो मैचों में टीम इंडिया अपने युवा खिलाड़ियों को मौका देगी। मगर ऐसा नहीं हुआ। टीम के बाकी खिलाड़ियों को एकाध मैच खेलने के मौके तो मिले, लेकिन परवेज रसूल को एक भी मौका नहीं मिला।

जम्मू−कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रसूल को न खिलाए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट किया कि क्या रसूल को जिम्बाब्वे सिर्फ इसलिए ले जाया गया कि उसका मनोबल गिराया जाए... यह काम तो देश में भी आसानी से हो सकता था...

मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर ने भी इस मामले को लेकर उमर अब्दुल्ला का समर्थन किया है। थरूर ने ट्वीट किया कि परवेज रसूल के आज न खेलने से बहुत निराशा हुई। अजीब चुनाव। जडेजा और रैना की जगह रसूल और रहाणे को आराम से मौक़ा दिया जा सकता था। उन्होंने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा कि  4−0 से आगे होने का क्या फ़ायदा, अगर आप दौरे पर गई टीम में फेरबदल कर हर सदस्य को एक बार खेलने का मौक़ा नहीं दे सकते।

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खेल पत्रकार अयाज मेमन भी रसूल के साथ खड़े हैं। उन्होंने भी ट्वीट किया कि परवेज रसूल को मौका न देना कठोर फ़ैसला है। इसके पीछे क्या दलील है फ्लेचर और विराट...