डे-नाइट टेस्ट मैच : गुलाबी गेंद के साथ न्यूजीलैंड 202 रन पर ऑलआउट, ऑस्ट्रेलिया 54/2

डे-नाइट टेस्ट मैच : गुलाबी गेंद के साथ न्यूजीलैंड 202 रन पर ऑलआउट, ऑस्ट्रेलिया 54/2

फोटो प्रतीकात्‍मक

एडीलेड:

एडीलेड में टेस्ट क्रिकेट के नए युग का सूत्रपात हो गया है।  क्रिकेट इतिहास का पहला डे-नाइट टेस्ट मैच ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेला जा रहा है। इसकी एक खास बात और है कि इसमें गुलाबी गेंद का प्रयोग किया जा रहा है। न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का फैसला किया, लेकिन उसकी शुरुआत अच्छी नहीं रही और पूरी टीम 202 रन पर ही ऑलआउट हो गई। इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल खत्म होने तक 2 विकेट पर 54 रन बना लिए हैं।

टेस्ट प्रारूप को 21वीं सदी का 'टच' देने की कोशिश में जुटे प्रशासकों को उम्मीद है कि गुलाबी गेंद से खेले जाने वाले इस मैच को लेकर दर्शकों का कौतूहल जगेगा।

टेस्‍ट क्रिकेट का रोमांच बढ़ाने की कवायद
टी-20 क्रिकेट की कामयाबी को देखते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने स्टेडियम में अधिक दर्शकों को खींचने की कवायद में दिन-रात के टेस्ट क्रिकेट का आयोजन किया है। क्रिकेट आस्ट्रेलिया के प्रमुख जेम्स सदरलैंड ने कहा, 'हम समझते हैं कि खेल को मनोरंजक बनाना बेहद जरूरी है । मुझे हर तरह का क्रिकेट पसंद है लेकिन सबसे ज्यादा पसंद टेस्ट क्रिकेट है । मेरा मानना है कि यदि हमने कुछ नहीं किया कि टेस्ट क्रिकेट को खत्म होने से नहीं बचा सकेंगे।'

कई समर्थन में आए तो कुछ आलोचक भी
आईसीसी प्रमुख और पाकिस्तान के महान बल्लेबाज जहीर अब्बास ने दिन-रात के क्रिकेट का स्वागत किया है हालांकि इसके कई आलोचक भी हैं।कई खिलाड़ियों ने गुलाबी गेंद से खेलने की आलोचना की है जिनका मानना है कि यह जल्दी खराब हो जाएगी। एडम वोग्स, पीटर सीडल और टॉम लाथम ने गुलाबी गेंद के जल्द अपनी रंगत छोड़ देने की आशंका जताई है। दूसरी ओर टीम इंडिया के टेस्‍ट के कप्‍तान विराट कोहली ने क्रिकेट में किए जा रहे इस प्रयोग का स्‍वागत किया है। दक्षिण अफ्रीका के साथ यहां होने वाले तीसरे टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर कहा, 'मेरी नजर में यह आगे की ओर ले जाने वाला कदम है। जब यह आधिकारिक तौर पर लागू हो जाएगा, तब इसका अंतर समझ में आएगा। एक खिलाड़ी के तौर पर हम इस खेल के विकास में हर संभव योगदान देना चाहते हैं। अगर यह कदम टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ाने का काम करेगा तो हर टीम को इसके साथ होना चाहिए।' ऑस्‍ट्रेलिया के पूर्व कप्‍तान स्‍टीव वॉ भी कुछ इसी तरह की सोच रखते हैं। उन्‍होंने कहा, 'दिन-रात के प्रारूप और गुलाबी गेंद का उपयोग टेस्ट क्रिकेट की खोई गरिमा को फिर से वापस लाने वाला साबित होगा।'

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डे-नाइट टेस्‍ट चार दिन का हो: ग्रेग चैपल
आस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेट दिग्गज ग्रेग चैपल ने क्रिकेट से सबसे लंबे प्रारूप पांच दिवसीय टेस्ट मैचों को चार दिनी किए जाने का सुझाव रखा है। चैपल 70 के दशक में बागी क्रिकेट टूर्नामेंट 'वर्ल्ड सीरीज ऑफ क्रिकेट' से जुड़े रहे हैं, जिसने दिन-रात के एकदिवसीय, रंगीन जर्सी और सफेद गेंद का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करवाया। चैपल हालांकि दिन-रात के टेस्ट और गुलाबी गेंद के इस्तेमाल तथा अन्य बदलावों से जरा भी भयभीत नहीं हैं।