यह ख़बर 15 अगस्त, 2013 को प्रकाशित हुई थी

क्रिकेटरों को कोचों की नहीं, सलाहकारों की मदद लेनी चाहिए : द्रविड़

राहुल द्रविड़ की फाइल फोटो

खास बातें

  • पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि युवा और उदीयमान क्रिकेटरों को खुद को विश्वस्तरीय खिलाड़ी के रूप में विकसित करने के लिए कोचों नहीं, बल्कि सलाहकार की मदद लेनी चाहिए।
बेंगलुरु:

पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि युवा और उदीयमान क्रिकेटरों को खुद को विश्वस्तरीय खिलाड़ी के रूप में विकसित करने के लिए कोचों नहीं, बल्कि सलाहकार की मदद लेनी चाहिए।

कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ द्वारा आयोजित प्लेटिनम जुबली जश्न कार्यक्रम में द्रविड़ ने कहा, युवा खिलाड़ियों को कोचों नहीं, बल्कि सलाहकारों की मदद लेनी चाहिए। काफी युवा सोचते हैं कि वे खुद ही कोचिंग अकादमियों के जरिये विश्व स्तरीय खिलाड़ी बन जाएंगे।

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उन्होंने कहा, कोच का ध्यान खेल के मजबूत पक्षों पर ध्यान लगाना होता है, जबकि सलाहकार कोचों से कहीं ज्यादा काम करते हैं। सलाहकार का ध्यान ऐसे मामलों पर होता है, जिसमें आत्मविश्वास और आत्मधारणा शामिल है।