यह ख़बर 18 दिसंबर, 2014 को प्रकाशित हुई थी

टेस्ट में क्यों फ्लॉप हो रहे हैं वनडे में डबल सेंचुरी बनाने वाले रोहित शर्मा

निराश रोहित शर्मा (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

रोहित शर्मा के वनडे क्रिकेट में 264 रनों की पारी की याद ताज़ा है। वनडे में उनके दूसरे दोहरे शतक की तस्वीरें उनके बेइंतहां टैलेंट का सबूत हैं। श्रीलंका के खिलाफ पिछले महीने 264 रनों की उनकी इस पारी को सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी से लेकर दुनियाभर के जानकारों ने खूब सराहा, लेकिन इसी बल्लेबाज़ ने ऑस्ट्रलियाई दौरे पर एडिलेड और फिर ब्रिसबेन टेस्ट में नैथन लियॉन और शेन वाटसन को अपनी विकटें जिस तरह से गंवा दीं, उससे फिर से उनके रवैये पर सवाल खड़े होने लगे हैं। एक ही बल्लेबाज़ की दो तस्वीरें साबित करती हैं कि उनका रवैया उनके टैलेंट से मेल नहीं खाता।

वर्ल्ड कप से पहले रोहित शर्मा को खुद को साबित करने का शानदार मौका मिला है, लेकिन रोहित शर्मा लगातार यह मौका गंवा रहे हैं।

करीब सवा सौ वनडे मैच खेल चुके रोहित शर्मा को टेस्ट मैचों में मुश्किल से ही जगह मिल पाई। अपने पहले दो टेस्ट मैचों में विंडीज़ के खिलाफ लगातार दो शतक लगाने वाले रोहित शर्मा से हमेशा से उम्मीदें तो बंधी रही हैं, लेकिन रोहित कई बार अपना विकेट आसानी से गंवा देते हैं। रोहित के टेस्ट के आंकड़े उनके हुनर से बिल्कुल अलग नजर आते हैं।

रोहित के खाते में ब्रिसबेन से पहले सिर्फ आठ टेस्ट मैच थे, जिनमें उन्होंने करीब 45 की औसत से बल्लेबाजी की। इस दौरान उनके नाम दो शतकीय पारियां रहीं, जबकि करीब सवा सौ वनडे मैच में उन्होंने करीब 38 के औसत से पांच शतक और 23 अर्धशतकों के सहारे 3752 रन जोड़े। सिर्फ़ 66 फर्स्ट क्लास मैचों में उनके नाम 18 शतक और 21 अर्द्धशतकीय पारियां हैं। इन 66 मैचों में उन्होंने 59 के औसत से 5340 रन जोड़े हैं।

आइये एक नजर रोहित के रिकॉर्ड पर
-आठ टेस्ट मैच
औसत 44.8
2 शतक, 1 अर्द्धशतक

-126 वनडे मैच
औसत 37.9
5 शतक, 23 अर्द्धशतक

-फ़र्स्ट क्लास मैच 66
औसत 58.7
18 शतक, 21 अर्द्धशतक

मौजूदा ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर एडिलेड में टीम इंडिया को मिली हार रोहित शर्मा को खासतौर पर याद रहेगी। एडिलेड की दोनों पारियों को मिलाकर रोहित शर्मा सिर्फ़ 49 रन ही जोड़ पाए और ऑस्ट्रेलियाई टीम ने वो मैच 48 रनों से जीत लिया।

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भारतीय क्रिकेट का इतिहास ऐसे कई खिलाड़ियों से भरा पड़ा है, जिनमें हुनर तो था, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में वे अपनी अलग पहचान नहीं बना सके। मिसाल के तौर पर युवराज सिंह का करियर सबके सामने है,  जिन्होंने वनडे, T20 में तो खूब धूम मचाई, लेकिन टेस्ट में अपनी पहचान नहीं बना पाने का उनका मलाल किसी से छिपा नहीं है। 293 वनडे मैच खेल चुके युवराज सिर्फ़ 40 टेस्ट मैच ही खेल पाए, वह भी टुकड़ों में। रोहित के हाथों से भी बड़ा मौका बंधी मुट्ठी से रेत की तरह फिसलने लगा है। रोहित ने यह बात समझने में इस बार देर की तो उनके लिए यह देरी महंगी पड़ सकती है।