सिर्फ रविचंद्रन अश्विन के लिए ही नहीं, अन्य स्पिनरों के लिए भी स्वर्ग रहा है सबीना पार्क...

सिर्फ रविचंद्रन अश्विन के लिए ही नहीं, अन्य स्पिनरों के लिए भी स्वर्ग रहा है सबीना पार्क...

दूसरे टेस्ट मैच में अश्विन ने वेस्टइंडीज की पहली पारी के पांच विकेट हासिल किये थे

नई दिल्ली:

वेस्टइंडीज के मैदान पर जब गेंदबाज़ों के प्रदर्शन की बात होती है, तब ज्यादा से ज्यादा वे गेंदबाज़ याद किए जाते हैं, जो अपने पेस और बाउंस से बल्लेबाज़ों को बैकफुट पर खड़े कर देते थे. वेस्टइंडीज के मैल्कम मार्शल, कॉर्टनी वाल्श, कर्टली एम्ब्रोज़, जोएल गार्नर, माइकल होल्डिंग जैसे तेज गेंदबाज़ों ने अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाया है, लेकिन वेस्टइंडीज के मैदान पर जब टीम इंडिया के गेंदबाजों की चर्चा होती है तो इनमें अधिकांश स्पिन गेंदबाज़ होते हैं.

वेस्टइंडीज के खिलाफ स्पिन गेंदबाज़ों ने किया है शानदार प्रदर्शन
वेस्टइंडीज के खिलाफ सिर्फ कपिल देव को छोड़कर कोई भी भारतीय तेज गेंदबाज़ सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में टॉप 20 की लिस्ट में नहीं है. भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट में अगर सबसे ज्यादा विकेट लेने की बात की जाए, तो टॉप 20 में भारत के 12 गेंदबाज़ों ने जगह बनाई है, जबकि वेस्टइंडीज की तरफ से आठ गेंदबाज़ हैं. लेकिन भारत के इन 12 गेंदबाज़ों में से 10 स्पिनर हैं. कपिल देव के रूप में एक तेज गेंदबाज़ है और एक मध्यम गति का गेंदबाज़ है. अगर वेस्टइंडीज की बात की जाए तो उनके आठ गेंदबाज़ों में लांस गिब्स को छोड़कर कोई भी स्पिन गेंदबाज़ इसमें नहीं है. भारत की तरफ से अनिल कुंबले, एस वेंकटराघवन, बीएस चंद्रशेखर, बिशन सिंह बेदी, हरभजन सिंह, एसपी गुप्ते जैसे स्पिनरों ने इस लिस्ट में जगह में बनाई है.

सबीना पार्क भारतीय स्पिनरों के लिए रहा खास
किंग्स्टन के सबीना पार्क मैदान पर भारत और वेस्टइंडीज के बीच चल रहे दूसरे टेस्ट मैच में रविचंद्रन अश्विन ने जब वेस्टइंडीज की पहली पारी के पांच विकेट हासिल किए थे, तो उनकी जमकर तारीफ होने लगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ अश्विन ही नहीं वेस्टइंडीज के स्पिन गेंदबाज़ रोस्टन चेस भी टीम इंडिया की पहली पारी के पांच विकेट लेने में कामयाब रहे. अगर रिकॉर्ड्स पर नज़र डाली जाए तो यह मैदान स्पिन गेंदबाजों के लिए स्वर्ग साबित हुआ है. सिर्फ ये दोनों खिलाड़ी ही नहीं, टीम इंडिया की तरफ से खेले लगभग सभी स्पिन गेंदबाज़ों ने इस मैदान पर शानदार प्रदर्शन करते हुए वेस्टइंडीज के 70 प्रतिशत से भी ज्यादा विकेट हासिल किए हैं.

बीनू मांकड़ और एसपी गुप्ते ने किया था यह कारनामा
इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच 12 मैच खेले गए हैं, जिनमे से छह मैचों में वेस्टइंडीज को जीत मिली है. दो मैचों पर भारत ने अपना कब्जा किया है, जबकि अन्य तीन मैच ड्रॉ रहे हैं. 1953 में किंग्स्टन के सबीना पार्क के मैदान पर दोनों टीमों के बीच हुआ पहला टेस्ट ड्रॉ रहा था. विंडीज के पहले पारी के सभी 10 विकेट टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज़ों ने हासिल किए थे. पांच विकेट वीनू मांकड़ को मिले थे, जबकि पांच विकेट एसपी गुप्ते के खाते में गए थे. भारत की तरफ से वेस्टइंडीज के मैदान पर यह रिकॉर्ड टूटने में 13 साल लग गए. 1966 में क्वींन्स पार्क ओवल में बिशन सिंह बेदी और भागवत चंद्रशेखर ने वेस्टइंडीज के पहली पारी के 10 विकेट हासिल किए.

स्पिन गेंदबाज़ों का दबदबा जारी रहा
फिर मार्च 1962 में दोनों टीमों के बीच इस मैदान पर टेस्ट मैच हुआ. इस मैच को वेस्टइंडीज एक पारी और 18 रन से जीता था. इंडीज के पहली पारी में सिर्फ आठ विकेट गिरे थे और आठ में से छह विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे. इरापल्ली प्रसन्ना, सलीम दुरानी, बापू नंदकर्णी जैसे स्पिन गेंदबाज़ों ने इस मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था. अप्रैल 1962 में दोनों टीमों के बीच इस मैदान पर तीसरा टेस्ट खेला गया और इसे इंडीज ने 123 रन से जीता था. दोनों पारियों में वेस्टइंडीज के गिरे 20 विकेट में से 11 विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे और 9 तेज गेंदबाज़ों को. चंदू बोर्डे, सलीम दुर्रानी और नंदकर्णी जैसे स्पिन गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया था. 18 फरवरी 1971 को इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच हुआ मैच ड्रॉ रहा था. इस मैच को ड्रॉ कराने में भारत के स्पिन गेंदबाज़ों ने अहम भूमिका निभाई थी. वेस्टइंडीज की पहली पारी में गिरे दस में से 9 विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे, जबकि एक बल्लेबाज रनआउट हुआ था. वेस्टइंडीज की दूसरी पारी में चार विकेट में से दो स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे, जबकि दो तेज गेंदबाज़ों को. प्रसन्ना, बिशन सिंह बेदी, एस वेंकटराघवन जैसे स्पिन गेंदबाज़ों ने इस मैच में शानदार प्रदर्शन किया था.

बेदी, चंद्र शेखर और वेंकटराघवन ने फिर किया अच्छा प्रदर्शन
21 अप्रैल 1976 को दोनों टीमों के बीच इस मैदान पर खेला गया मैच वेस्टइंडीज ने दस विकेट से जीत लिया था, लेकिन टीम इंडिया की तरफ से बिशन सिंह बेदी, एस वेंकटराघवन और बी एस चंद्रशेखर जैसे स्पिन गेंदबाजों ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए वेस्टइंडीज के पहली पारी के 10 में से 9 विकेट हासिल किए थे. 1983 में टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज का दौरा किया था और सबीना पार्क में दोनों टीमों के बीच 23 फरवरी 1983 को टेस्ट खेला गया. इसे इंडीज ने चार विकेट से जीत लिया था. इस मैच में वेस्टइंडीज के कुल मिलाकर 16 विकेट गिरे थे जिसमें सात विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे. आठ विकेट तेज गेंदबाज़ों को मिले थे, जबकि एक बल्लेबाज रनआउट हुआ था.

जब कपिल देव ने किया था शानदार प्रदर्शन
फिर 1989 में दोनों टीमों के बीच इस मैदान पर टेस्ट मैच खेला गया. यही एक मैच था जहां टीम इंडिया के स्पिन गेंदबाज़ों ने खास प्रदर्शन नहीं किया था. इस मैच में तेज गेंदबाज़ कपिल देव भारत की तरफ से ज्यादा विकेट लेने में कामयाब हुए थे.  वेस्टइंडीज के गिरे 13 विकेट में से सात विकेट कपिल देव को मिले थे, जबकि दो विकेट चेतन शर्मा को मिले थे और चार विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे. इस मैच को वेस्टइंडीज ने सात विकेट से जीत लिया था.

अनिल कुंबले और हरभजन सिंह इस मैदान पर कर चुके हैं बढ़िया प्रदर्शन
1997 में दोनों टीमों के बीच इस मैदान में मैच ड्रॉ रहा था और टीम इंडिया की तरफ़ से अनिल कुंबले 14 में से 8 विकेट लेने में कामयाब हुए थे. कुंबले को वेस्टइंडीज की पहली पारी में पांच विकेट मिले और दूसरी पारी में तीन विकेट. कुल मिलाकर वेस्टइंडीज पारी के 9 विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे. अनिल कुंबले के बाद अब ऑफ स्पिन गेंदबाज़ हरभजन सिंह की बारी थी. 2002 में इस मैदान पर दोनों टीमों के बीच खेले गए मैच में हरभजन सिंह वेस्टइंडीज के आठ विकेट हासिल करने में सफल हुए थे. इस मैच में हरभजन को वेस्टइंडीज के पहली पारी के पांच विकेट मिले थे जबकि दूसरी पारी के तीन विकेट. वेस्टइंडीज ने इस मैच को 155 रन से जीत लिया था.

पहली जीत में स्पिन गेंदबाज़ हीरो रहे थे
2006 में सबीना पार्क में टीम इंडिया को पहली बार जीत मिली. इस जीत के हीरो थे हरभजन सिंह और अनिल कुंबले. भारत के दोनों स्पिन गेंदबाज़ों ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 53 साल के बाद भारत को इस मैदान पर जीत दिलवाई थी. हरभजन सिंह ने पहली पारी में पांच विकेट लिए थे, जबकि कुंबले को एक विकेट मिला था. लेकिन दूसरी में कुंबले ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए वेस्टइंडीज के छह बल्लेबाज़ों को आउट किया था. इस तरह इस मैच में कुल मिलाकर 12 विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे. 2011 में इस मैदान पर हुए मैच को भी टीम इंडिया ने जीता था और वेस्टइंडीज के गिरे 20 में से आठ विकेट स्पिन गेंदबाज़ों को मिले थे.


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