अब तक के सबसे महान वनडे क्रिकेटरों की दौड़ में तेंदुलकर और धोनी

नई दिल्ली:

महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उन पांच खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्हें अब तक के महान वनडे क्रिकेटर के लिए नामित किया गया है।

ईएसपीएन क्रिकइंफो की मासिक पत्रिका एक दिलचस्प सर्वे करवा रही है, जिससे दुनिया के महानतम वनडे क्रिकेटर का चयन किया जाएगा। इस रेस में दुनिया के पांच खिलाड़ियों के बीच होड़ चल रही है। सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह के अलावा सर विवियन रिचर्ड्स, पूर्व पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट शामिल हैं।

सबसे लंबे समय तक फ़ॉर्म में खिलाड़ियों को चुनने का एक आधार होगा, तो सचिन तेंदुलकर को उसमें शायद ही कोई मात दे सकता है। 23 साल के अपने क्रिकेट करियर में सचिन ने 463 वनडे मैचों में 44.83 के औसत से 18,426 रन बनाए। इसमें उनके नाम 49 शतक और 96 अर्द्धशतकीय पारियां हैं। सचिन का स्ट्राइक रेट 86.23 रहा और उन्होंने 154 विकेट भी अपने नाम किए। वनडे में पहले दोहरे शतक का रिकॉर्ड भी सचिन के ही नाम है।

पांच महानतम खिलाड़ियों की रेस में माही का शामिल होना हैरानी की बात नहीं है। 2011 वर्ल्ड कप की टीम इंडिया की जीत में अहम रोल अदा करने वाले कप्तान धोनी ने कई बार मैच विनर का रोल अदा किया है। एमएस धोनी ने 257 वनडे मैचों में 8298 रन बनाए। इसमें उनके नाम 9 शतक और 56 अर्द्धशतकीय पारियां हैं। उनका औसत 51.86 और स्ट्राइक रेट 89.0 रहा है। बतौर विकेटकीपर और कप्तान वह टीम के लिए एक्स्ट्रा भूमिका निभाते रहे हैं।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर बल्लेबाज़ एडम गिलक्रिस्ट ने ऑस्ट्रलिया की जीत में कई बार शानदार रोल अदा किया। 2007 में ऑस्ट्रेलिया के वर्ल्ड कप की जीत में उन्होंने ज़बरदस्त भूमिका अदा की। गिलक्रिस्ट ने 287 वनडे मैचों में 35.89 के औसत से 9619 रन बनाए, जिसमें उनका स्ट्राइक रेट 96.94 रहा। उन्होंने 16 शतक और 55 अर्द्धशतक लगाए।

सर विवियन रिचर्ड्स अपने वक्त के तमाम खिलाड़ियों से बेहद अलग थे। टेस्ट और वनडे दोनों ही फ़ॉमैर्ट में उनका कोई सानी नहीं था। 70 और 80 के दशक में वनडे में उनकी तूती बोलती रही। 1975 और 1979 के वर्ल्ड कप की जीत में उन्होंने कैरीबियाई टीम में बेहद अहम रोल अदा किया। रिचर्ड्स ने 187 वनडे मैचों में 47.0 के औसत और 90.20 के स्ट्राइक रेट से 6721 रन बनाए। उन्होंने 11 शतक और 45 अर्द्धशतकीय पारियां खेलीं।

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और स्विंग के सुल्तान वसीम अकरम अपने वक्त ते बेताज़ बादशाह थे। उनमें सभी छह गेंदों को अलग तरीके से करने की काबिलियत थी और बल्लेबाज़ों के बीच उनका अलग ख़ौफ़ रहा। पाकिस्तान के 1992 के वर्ल्ड कप की जीत में उन्होंने बेहद अहम रोल अदा किया। 1992 वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में वो मैन ऑफ़ द मैच के ख़िताब से नवाज़े गए। उन्होंने वनडे में 502 विकेट हासिल किए जो किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के लिए एक रिकॉर्ड है।

यानी महानतम क्रिकेट का चुनाव बेहद मुश्किल है। सब एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हैं और किसी को एक दूसरे से कम नहीं कहा जा सकता। विजेता का नाम अगले हफ़्ते एलान किया जाएगा।

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इन खिलाड़ियों के बीच विजेता को चुनने की ज़िम्मेदारी 50 खिलाड़ियों, कॉमेन्टेटर्स और क्रिकेट के लेखकों की होगी। चयनकर्ताओं में क्लाइव लॉयड, राहुल द्रविड़, रिकी पॉन्टिंग, इयन चैपल, मार्टिन क्रो और ग्रेम स्मिथ जैसे दिग्गज क्रिकेटर हैं, तो माइक हेज़मैन और संजय मांजरेकर जैसे कॉमेन्टेटर और गिल्डन हेग, माइक कावर्ड, सुरेश मेनन और माइक सेल्वी जैसे माहिर क्रिकेट लेखक शामिल हैं।