चेतेश्वर पुजारा (24), मुरली विजय (35), विराट कोहली (39) अंजिक्य रहाणे (52) और रोहित शर्मा (28) ने ऐसे समय में गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेलकर विकेट गंवाये जबकि टीम को उनसे लंबी पारी की दरकार थी।
रविंद्र जडेजा (31) भी अच्छी शुरुआत का फायदा नहीं उठा पाए। वहीं बल्ले से लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे भुवनेश्वर कुमार भी 19 रन बनाकर आउट हो गए। सुबह एक विकेट पर 25 रन से आगे खेलने के लिए उतरी भारतीय टीम ने पहले सत्र में ही पुजारा और विजय के विकेट गंवा दिए। इस बीच उसने 26 ओवर में 83 रन जोड़े। दूसरे सत्र में 28 ओवरों में 106 रन बने, लेकिन इस बीच कोहली और रोहित पैवेलियन लौटे।
भारत ने तीसरे सत्र के शुरू में ही रहाणे का विकेट गंवाया जिन्होंने अपने कौशल का अच्छा नमूना पेश किया और एक छोर संभाले रखा, लेकिन आखिर में उन्होंने भी अपने अन्य साथियों की तरह विकेट इनाम में दिया। इंग्लैंड की तरफ से जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड ने तीन तीन विकेट लिए जबकि मोईन अली को दो विकेट मिले। ब्रॉड ने सुबह अपने छह ओवर के स्पैल में पुजारा और विजय को आउट करके भारत का स्कोर तीन विकेट पर 88 रन कर दिया।
विजय और पुजारा ने टीम को ठोस शुरुआत दी। एंडरसन ने सुबह गेंद संभाली, लेकिन उनके साथ दूसरे छोर से क्रिस वोकस को लगाया गया। इंग्लैंड की यह साफ रणनीति थी कि एक समय में एंडरसन या ब्रॉड में से कोई एक छोर से गेंदबाजी करे।
यह रणनीति कारगर साबित हुई। पहले एंडरसन ने अपनी स्विंग से बल्लेबाजों को परेशान किया और बाद में ब्रॉड ने आकर उनकी परेशानियां बढ़ा दी। पिच से गेंदबाजों को बहुत मदद नहीं मिल रही थी, लेकिन इन दोनों गेंदबाजों की कुछ गेंदें बल्लेबाजों को असंमजस मे डाल दिया। पुजारा आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थी। वह पारी के 24वें ओवर में ब्रॉड की शॉर्ट पिच गेंद को छोड़ना चाहते थे, लेकिन वह उनके दस्ताने को चूमती हुई अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे विकेटकीपर जोस बटलर के पास चली गई जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपना पहला कैच लिया।
पुजारा ने 52 गेंद की पारी में तीन चौके लगाये। इस तरह से सौराष्ट्र के इस बल्लेबाज का इस दौरे में अच्छी शुरुआत का बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर पाने का सिलसिला जारी है।
ब्रॉड ने इसके बाद विजय को आफ स्टंप से बाहर की गेंदों में उलझाये रखा। ऐसी ही एक गेंद भारतीय बल्लेबाज के बल्ले का किनारा लेकर विकेटों में समा गई।
इसके बाद रहाणे क्रीज पर उतरे। पारी के 37वें ओवर में लग रहा था कि मोइन अली की गेंद उनके दस्ताने को छूकर कैच में बदली है, लेकिन अंपायर राड टकर ने उंगली नहीं उठायी। कोहली को क्रीज पर उतरने के बाद कुछ विषम पलों से गुजरना पड़ा, लेकिन फिर उन्होंने कुछ अच्छे शॉट लगाकर फार्म में वापसी की झलक दिखाई। उनके लिये एंडरसन फिर खतरा बनकर आये। उनकी स्विंग गेंद कोहली के बल्ले का किनारा लेकर स्लिप में एलिस्टेयर कुक के पास चली गई।
कोहली ने 75 गेंद खेली और तीन चौके लगाये। रहाणे और रोहित ने भारत को संकट से बाहर निकालने का बीड़ा उठाया। इन दोनों ने समझबूझ से बल्लेबाजी की और किसी तरह का जोखिम भरा शाट नहीं खेला। उन्होंने पांचवें विकेट के लिए 74 रन की साझेदारी की। जब लग रहा था कि यह साझेदारी भारत के लिए महत्वपूर्ण साबित होने वाली थी तब राहित ने गैर-जिम्मेदाराना शॉट खेलकर अपना विकेट गंवा दिया।
रोहित अच्छी लय में दिख रहे थे लेकिन उन्होंने चाय के विश्राम से कुछ देर पहले मोइन पर लंबा शॉट लगाने के प्रयास में मिड ऑफ पर स्टुअर्ट ब्रॉड को आसान कैच दिया। चाय के बाद यही गलती रहाणे भी दोहरायी जो अब तक पूरी तरह से संयम से खेल रहे थे। कुक ने मोइन को एक छोर से लगाये रखा और रहाणे ने ऐसी गेंद पर अपना विकेट गंवाया जिसे वह मैदान पर किसी भी क्षेत्र में आसानी से खेल सकते थे, लेकिन उन्होंने उसे हवा में लहरा दिया और मिड आन पर सबस्टिट्यूट फील्डर ने कैच करने में कोई गलती नहीं की।
रहाणे की 113 गेंद की पारी में पांच चौके शामिल हैं। जडेजा ने फिर जुझारूपन दिखाया, लेकिन इस बार एंडरसन के साथ मुकाबले में बाजी उनके हाथ नहीं लग पायी जिन्होंने इस भारतीय ऑलराउंडर को पगबाधा ऑउट करके धोनी के साथ उनकी 58 रन की साझेदारी तोड़ी।