केदार जाधव टीम इंडिया की नई खोज कहे जा रहे हैं (फाइल फोटो)
खास बातें
- इंग्लैंड के खिलाफ मैन ऑफ द सीरीज रहे छोटे कद के जाधव
- क्रिकेट में वीरेंद्र सहवाग और फिल्मों में है सलमान के प्रशंसक
- केदार को टीम इंडिया के लिए नई खोज बता चुके हैं विराट कोहली
नई दिल्ली: पॉकेट डायनामाइट, छोटा पटाखा, बड़ा धमाका...ये नाम टीम इंडिया की नई सनसनी केदार जाधव (Kedar Jadhav) के लिए गढ़े गए हैं. छोटे कद के महाराष्ट्र के बल्लेबाज केदार जाधव के शॉट्स में गजब की ताकत होती है. इंग्लैंड के खिलाफ खत्म हुई वनडे सीरीज में उन्होंने जिस तरह से मैच फिनिशर के रोल में खुद को ढाला, उसे देखते हुए उन्हें टीम इंडिया का बड़ा सितारा माना जाने लगा है. केदार ने इस सीरीज में अपने धमाकेदार प्रदर्शन से वनडे टीम में अपना स्थान पुख्ता कर लिया है. सीरीज के तीन मैचों में जाधव ने 77.33 के औसत से सर्वाधिक 232 रन बनाए, जिनमें एक शतक शामिल रहा. विराट कोहली (Virat Kohli), युवराज सिंह (Yuvraj Singh), महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) और इंग्लैंड के जेसन रॉय जैसे खिलाड़ियों की दमदार बल्लेबाजी के बावजूद मैन ऑफ द सीरीज इस 'छुटके' बल्लेबाज को ही घोषित किया गया.
232 रनों के इस स्कोर से कहीं अधिक केदार जाधव की जिस तरह की परिपक्वता दिखाई, उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है. तीनों ही मैचों में 31 वर्ष का यह खिलाड़ी तब क्रीज पर उतरा जब टीम को तेजी से रन जुटाने के साथ-साथ विकेट गिरने के क्रम को भी रोकना था. केदार इन दोनों ही पैमानों पर खरे उतरे. यही कारण रहा कि टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने केदार को सीरीज की खोज करार दिया. तीसरे वनडे में टीम को मिली हार के बाद विराट ने केदार जाधव और हार्दिक पांड्या के प्रदर्शन की जमकर प्रशंसा की.
जाधव ने दी धोनी-युवी को खुलकर खेलने की आजादी
उन्होंने कहा कि ‘हम 173 रन पर पांच विकेट खो चुके थे, जब दो युवा बल्लेबाजों ने बागडोर संभाली और जीत के लगभग करीब तक पहुंचा दिया था. चैंपियंस ट्रॉफी से पहले यह एक अच्छी सीरीज साबित हुई.’ विराट ने कहा, ‘जाधव हमारे लिए शानदार खोज हैं. पिछले एक साल के दौरान उन्हें ज्यादा मैच तो खेलने को नहीं मिले हैं, लेकिन उन्होंने अपनी लय हासिल कर ली है. इससे धोनी और युवराज सिंह को क्रम में ऊपर आकर स्वाभाविक खेल खेलने की आजादी मिली है.’ भारतीय कप्तान ने कहा कि जाधव मैच के रुझान को अच्छी तरह समझते हैं और हालात के अनुरूप बैटिंग करते हैं.’
कोलकाता में केदार जाधव के साथ हार्दिक पांड्या ने भी शानदार बल्लेबाजी की (फाइल फोटो)
महज 15 वनडे और पांच टी20 मैच (इंटरनेशनल) मैच खेले केदार के प्रति कोहली का यह भरोसा बेवजह नहीं है. न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में अच्छे प्रदर्शन के बाद केदार ने जिस तरह से अपने खेल को ऊंचाई दी है, उसका हर कोई प्रशंसक हो गया है. महान ओपनर सुनील गावस्कर भी मानते हैं कि केदार जाधव ने छठे नंबर पर अपनी स्थिति को बेहद मजबूत कर लिया है. न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज के पांच मैचों में केदार ने 45.00 के औसत से 90 रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट 103.44 का रहा. इस सीरीज में बल्लेबाजी से कहीं अधिक केदार ने अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी से चमक दिखाई. पांच मैचों में उन्होंने 12.16 के बेहतरीन औसत से 73 रन देकर छह विकेट लिए, इस दौरान 29 रन देकर तीन विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा.
ताबड़तोड़ शतक लगा बस गए दिलों में...
बहरहाल, इंग्लैंड के खिलाफ वनडे सीरीज ने तो केदार की तकदीर ही बदल दी. पुणे में अपने गृहमैदान पर उन्होंने ताबड़तोड़ शतक जमाकर ऐसी स्थिति में टीम इंडिया को जीत दिलाई जब हर कोई उम्मीद खो बैठा था. मैच में 63 के स्कोर पर शिखर धवन, केएल राहुल, युवराज सिंह और महेंद्र सिंह धोनी जैसे दिग्गज रवाना हो चुके थे, स्थापित बल्लेबाजों में कप्तान विराट कोहली ही क्रीज पर थे. इसके बाद के केदार जाधव और हार्दिक पांड्या जैसे बल्लेबाजों को इंटरनेशनल क्रिकेट का पर्याप्त अनुभव नहीं होने के कारण ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया जा रहा था. ऐसे मौके पर केदार ने विराट कोहली के साथ आकर अंगद की तरह विकेट पर पैर जमा दिए. पांचवें विकेट के लिए अपनी 200 रन की साझेदारी के दौरान इन दोनों ने न सिर्फ स्कोर तेजी से बढ़ाया बल्कि इंग्लैंड को लंबे समय तक कामयाबी से वंचित रहा.
पुणे वनडे में केदार जाधव ने विराट कोहली के साथ 200 रनों की साझेदारी की थी (फाइल फोटो)
इस मैच में टीम इंडिया यदि 350 रन के स्कोर को सफलतापूर्वक चेज कर पाई तो इसका बहुत कुछ श्रेय कोहली के साथ केदार जाधव की 'हल्लाबोल' बल्लेबाजी को जाता है. महज 76 गेंदों पर उन्होंने 12 चौकों और चार छक्कों की मदद से 120 रन (स्ट्राइक रेट 157.89 ) बनाए. छठे विकेट के रूप में केदार के आउट होने के बाद हार्दिक पांड्या ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ मिलकर जीत सुनिश्चित की और टीम इंडिया को वनडे सीरीज में आत्मविश्वास भरी शुरुआत दी.
संघर्ष का जज्बा..
कटक में खेले गए सीरीज के दूसरे मैच में युवराज और महेंद्र सिंह धोनी की शतकीय पारियों के बीच केदार को 40 ओवर के बाद ही बल्लेबाजी के लिए आने का मौका मिला लेकिन वक्त की नजाकत को भांपते हुए उन्होंने महज 10 गेंदों पर तीन चौकों व एक छक्के की मदद से 22 रन (स्ट्राइक रेट 220.00)बना डाले. कोलकाता के तीसरे वनडे मैच में भी 173 के स्कोर पर पांच विकेट गिरने के बाद केदार जाधव ने हार्दिक पांड्या के साथ मोर्चा संभाला और 322 रन के असंभव से लग रहे टारगेट को लगभग संभव बना ही डाला था. अंतिम ओवर में जीत के लिए 16 रन की दरकार थी और शुरुआती दो गेंदों पर ही छक्का और चौका जड़ते हुए केदार ने टीम इंडिया के खेमे में जोश भर दिया था. दुर्भाग्यवश तीसरी और चौथी गेंद पर रन नहीं बना पाने के बाद केदार पांचवीं गेंद पर आउट हो गए. उनके आउट होते ही सीरीज में क्लीन स्वीप की टीम इंडिया की उम्मीदों ने दम तोड़ दिया. टीम इंडिया यह मैच हारी जरूर लेकिन केदार ने जिस तरह आखिरी क्षणों तक संघर्ष का जज्बा दिखाया, उसकी हर कोई प्रशंसा किए बिना नहीं रहा.
केदार जाधव ने कोलकाता में 90 रन की पारी से टीम इंडिया को जीत के करीब पहुंचा दिया था (फाइल फोटो)
26 मार्च , 1985 को पुणे में जन्मे केदार जाधव दो शख्सियतों के जबर्दस्त फैन हैं. क्रिकेट में वीरेंद्र सहवाग और फिल्मों में 'दबंग' सलमान खान. बेशक, जाधव को इंटरनेशनल क्रिकेट में आए कुछ ही वक्त हुआ है लेकिन उनकी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी में कुछ लोग वीरू की बल्लेबाजी की झलक देखने लगे हैं. शॉट्स लगाने में हैंड-आई को-आर्डिनेशन और कवर्स के ऊपर छक्का लगाने की उनकी बल्लेबाजी सहवाग की याद दिलाती है. उनके स्ट्रोक्स की टाइमिंग की इतनी जबर्दस्त होती है कि गेंद बाउंड्री के पार जाती नजर आती है. 74 प्रथम श्रेणी मैचों में 46.21 के औसत से जाधव करीब पांच हजार रन बना चुके हैं, जिसमें 13 शतक शामिल हैं, इस दौरान 327 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है. केदार जाधव अपने बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे और बर्थडे या ऐसे किसी मौके पर बल्ले के साथ फोटो खिंचाना नहीं चूकते थे. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के धमाकेदार प्रदर्शन के बाद केदार जाधव पर अपेक्षाओं का दबाव काफी बढ़ गया है. इंग्लैंड में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भी भारतीय फैंस की उम्मीदों के केंद्र होंगे...