बस दो-तीन टेस्ट में मौका दो, रन न बनाए तो हमेशा के लिए बाहर कर देना : रैना

बस दो-तीन टेस्ट में मौका दो, रन न बनाए तो हमेशा के लिए बाहर कर देना : रैना

श्रीलंका में होने वाली तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए टीम में नहीं चुने से सुरेश रैना दुखी हैं। 2010 में अपने पदार्पण मैच में शतक बनाने वाले इस बाएं हाथ के बल्लेबाज का कहना है कि उनका टेस्ट करियर बहुत छोटा रहा है और उन्हें टेस्ट मैचों में खुद को साबित करने के लिए पर्याप्त मौके नहीं मिले।

एक इंटरव्यू में रैना ने कहा, 'लगातार एक दिवसीय और टी-20 खेलने के बाद केवल एक टेस्ट मैच से किसी खिलाड़ी की क्षमता का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। मैं खुद को साबित करने के लिए पांच टेस्ट मैचों में मौका दिए जाने की बात नहीं कर रहा हूं। मुझे केवल दो-तीन मैच में खेलने का मौका दें। यदि मैं इनमें अच्छा प्रदर्शन न कर पाऊं, तो मुझे हमेशा के लिए टेस्ट टीम से बाहर कर दें।'

रैना ने यह भी कहा कि हालांकि वे 2012 में टेस्ट की तीन पारियों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और यही हाल 2015 में भी रहा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास टेस्ट टीम में शामिल होने लायक पर्याप्त अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि मुझमें टेस्ट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है, बस जरूरत है तो पर्याप्त अवसर की।'

हालांकि यदि रैना के रिकॉर्ड पर नजर डाली जाए, तो उन्हें कुल 18 टेस्ट मैचों में खेलने का अवसर मिला है, जिनमें उनका प्रदर्शन बिल्कुल भी अच्छा नहीं रहा है। पूरे करियर के दौरान टेस्ट मैचों में उनकी तीन बार वापसी हुई है, लेकिन वे खुद को साबित नहीं कर सके। उन्हें अंतिम मौका वर्तमान वर्ष की शुरुआत में ऑस्ट्रलिया के खिलाफ सिडनी में मिला था, जिसमें रैना दोनों पारियों में शून्य पर आउट हो गए थे।

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हालांकि टीम इंडिया में मौजूद अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा जैसी प्रतिभाओं के कारण रैना को इसके लिए इंतजार करना पड़ सकता है।