टीम इंडिया के 500 टेस्ट मैचों के सफर में 32 कप्तानों ने की अगुवाई, धोनी सहित यह रहे सबसे सफल

टीम इंडिया के 500 टेस्ट मैचों के सफर में 32 कप्तानों ने की अगुवाई, धोनी सहित यह रहे सबसे सफल

सौरव गांगुली और एमएस धोनी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 499 टेस्ट मैचों में से टीम इंडिया ने जीते हैं 129 मैच
  • एमएस धोनी के नाम है सबसे अधिक टेस्ट जीतने का रिकॉर्ड
  • सौरव गांगुली विदेशी धरती पर रहे हैं सबसे सफल कप्तान
नई दिल्ली:

भारत और न्यूजीलैंड के बीच कानपुर में खेला जा रहा टेस्ट मैच टीम इंडिया के लिए ऐतिहासिक है. विराट कोहली की कप्तानी में खेला जा रहा यह मैच भारत का 500वां टेस्ट मैच है. 1932 में पहला टेस्ट खेलने वाली टीम इंडिया के 500 टेस्ट मैचों के सफर में अब तक 32 महान खिलाड़ियों ने टीम की कमान संभाली है. बीसीसीआई ने इस अवसर पर पूर्व कप्तानों को कानपुर टेस्ट के लिए आमंत्रित भी किया है. टीम इंडिया ने अब तक खेले 499 टेस्ट मैचों में 129 जीते हैं, जबकि 157 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा, वहीं 213 टेस्ट ड्रॉ रहे. आइए जनते हैं कि किन 32 क्रिकेटरों ने टीम इंडिया को नेतृत्व दिया है...

500 टेस्ट क्लब में चौथी टीम
टीम इंडिया 500 टेस्ट मैच खेलने वाली विश्व क्रिकेट की चौथी टेस्ट टीम हो गई है. इंडिया से पहले इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज ही यह उपलब्धि हासिल कर सके हैं. इंग्लैंड ने 976, ऑस्ट्रेलिया ने 791 और वेस्टइंडीज ने 517 टेस्ट मैच खेले हैं.

ये हैं अब तक के 32 कप्तान
सीके नायडू, विजयनगरम के महाराजकुमार, इफ्तिखार अली खां पटौदी, लाला अमरनाथ, विजय हजारे, वीनू मांकड़, गुलाम अहमद, पॉली उमरीगर, हेमू अधिकारी, दत्ता गायकवाड़, पंकज राय, गुलाबराय रामचंद, नारी कॉन्ट्रैक्टर, मंसूर अली खां पटौदी, चंदू बोर्डे, अजित वाडेकर, श्रीनिवास वेंकटराघवन, सुनील गावस्कर, बिशन सिंह बेदी, गुंडप्पा विश्वनाथ, कपिल देव, दिलीप वेंगसरकर, रवि शास्त्री, के श्रीकांत, मोहम्मद अजहरुद्दीन, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, अनिल कुंबले, एमएस धोनी और विराट कोहली.

ये 12 कप्तान अब नहीं हैं हमारे बीच
टीम इंडिया को अपने नेतृत्व में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने वाले 32 कप्तानों में से 12 कप्तान दुनिया को ही अलविदा कह चुके हैं. इन कप्तानों में सीके नायडू, विजियनग्राम के महाराजकुमार, इफ्तिखार अली खां पटौदी, लाला अमरनाथ, विजय हजारे, वीनू मांकड़, गुलाम अहमद, पॉली उमरीगर, हेमू अधिकारी, पंकज राय, गुलाबराय रामचंद और मंसूर अली खां पटौदी शामिल हैं.

इन कप्तानों ने कमाया काफी नाम
कानपुर टेस्ट के दौरान टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी सहित सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, सुनील गावसकर, कपिल देव, श्रीकांत आदि मौजूद रहे. इनमें से धोनी, गांगुली और अजहरुद्दीन और कपिल देव खासे चर्चित रहे.

सफलतम एमएस धोनी
रिकॉर्ड के अनुसार धोनी टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान हैं. हालांकि कुछ विशेषज्ञ उन्हें सौरव गांगुली से कमतर मानते हैं और विदेशों में टीम के प्रदर्शन के आधार पर गांगुली को बेस्ट बताते हैं. फिर भी जीत के रिकॉर्ड को देखते हुए धोनी निसंदेह रूप से बेहतर हैं. धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने 60 टेस्ट मैच खेले हैं और 27 जीते हैं, जबकि 18 में हार मिली , तो 15 टेस्ट ड्रॉ रहे. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया को टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन का स्थान भी मिला.
 

 
'लड़ाकू' सौरव गांगुली
मैच फिक्सिंग से जूझ रही भारतीय टीम की कमान संभालने सौरव गांगुली ने टीम इंडिया को सही मायनों में लड़ना सिखाया और टीम को नई ऊंचाई तक ले गए. गांगुली की कप्तानी टीम ने 11 टेस्ट विदेशी घरती पर जीते. 2000 से 2005 के बीच अपनी कप्तानी में गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में से 21 जीते और 13 में उनको हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे. गांगुली की जीत का प्रतिशत 42.86 रहा.
 

'कलाई के जादूगर' मोहम्मद अजहरुद्दीन
1990 में टीम इंडिया की कमान संभालने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन गांगुली और धोनी से पहले टीम इंडिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे. बल्लेबाजी में कलाई के शानदार उपयोग के लिए मशहूर इस कप्तान पर मैच फिक्सिंग का भी साया रहा और उनको प्रतिबंद भी झेलना पड़ा था. अजहर के नाम से मशहूर इस कप्तान ने 47 टेस्ट में भारत के नेतृत्व दिया और 14 मैचों में जीत टीम के नाम की. खास बात यह कि उन्हें 14 मैचों में ही हार का भी सामना करना पड़ा, जबकि 19 टेस्ट बराबरी पर समाप्त हुए.
 

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