खास बातें
- भारत की बल्लेबाजी का दम हर कोई जानता है, तो पाकिस्तान की गेंदबाजी का जवाब नहीं और वेस्ट इंडीज के पास है दुनिया का सबसे खतरनाक ऑलराउंडर...
नई दिल्ली से महावीर रावत: वैसे तो ट्वेंटी−20 के खेल में कोई भी टीम, किसी को भी, किसी भी दिन हरा सकती है, लेकिन फिर भी कुछ टीमें ऐसी होती हैं, जो अपने स्टार खिलाड़ियों के दम पर जानकारों और फैन्स में भरोसा जताती हैं। एक नजर इस विश्वकप की तीन बेहतरीन टीमों पर...
भारत की बल्लेबाजी का दम हर कोई जानता है, तो पाकिस्तान की गेंदबाजी का जवाब नहीं और वेस्ट इंडीज के पास है दुनिया का सबसे खतरनाक ऑलराउंडर। हैरानी नहीं है कि इन तीनों टीमों को ही इस बार श्रीलंका में होने वाले टी-20 विश्वकप के लिए सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है।
इन टीमों के पास इस वक्त बाकी टीमों से बेहतर संतुलन नजर आ रहा है और विश्वकप से ठीक पहले इन टीमों के खिलाड़ी लय में नजर आ रहे हैं। श्रीलंका की परिस्थितियों में इन टीमों का पलड़ा बाकी टीमों से भारी नजर आता है।
दमदार बल्लेबाजी
भारतीय खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग, विराट कोहली, महेंद्र सिंह धोनी, सुरेश रैना टी−20 के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से हैं और इन सबके साथ अगर युवराज सिंह का नाम भी जोड़ लिया जाए, तो भला इससे मजबूत बल्लेबाजी क्रम और कहां मिलेगी। इन में से एक खिलाड़ी ही अपने दम किसी भी दिन पूरा मैच पलट सकता है।
यही वह बल्लेबाजी क्रम है, जिसके आधार पर कप्तान धोनी ही नहीं, बल्कि भारत के करोड़ों फैन्स उम्मीद लगाकर कर बैठे हैं कि भारत पांच साल बाद दोबारा विश्व चैंपियन का ताज हासिल कर लेगा।
असरदार गेंदबाजी
ट्वेंटी-20 को भले ही बल्लेबाजों का खेल माना जाता हो, लेकिन पाकिस्तान के गेंदबाजी आक्रमण ने बार-बार यह दिखाया है कि क्रिकेट के इस छोटे फॉर्मैट में गेंदबाज कैसे हीरो साबित होते हैं। उमर गुल और सईद अजमल के रूप में 'ग्रीन ब्रिगेड' के पास इस फॉर्मैट के दो बेहतरीन गेंदबाज हैं।
मोहम्मद हफीज, शाहिद आफरीदी और अब्दुल रज्जाक के रूप में पाकिस्तान की टीम के पास ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्हें ट्वेंटी-2 क्रिकेट खेलने का काफी अनुभव है। और इस बार टीम के पास रजा हसन के रूप में 20 साल का लेफ्ट आर्म स्पिनर है, जिसे सरप्राइज पैकेज के रूप में देखा जा रहा है। अगर गेंदबाज अपना काम कर गए, तो पाकिस्तान की बल्लेबाजी को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होगी।
चैंपियन हरफनमौला
टी-20 का सबसे विस्फोटक बल्लेबाज क्रिस गेल और इस फॉर्मैट का सबसे कामयाब गेंदबाज सुनील नरेन अगर किसी टीम में हों, तो उनकी ताकत अपने आप दोगुनी हो जाती है। लेकिन वेस्ट इंडीज को इस बार बेहद खास बना रहे हैं ड्वैन ब्रावो, किरॉन पोलार्ड, आन्द्रे रसल जैसे ऑलराउंडर खिलाड़ी। ऑलराउंडरों की इस तिकड़ी के चलते वेस्ट इंडीज की टीम शायद पूरे विश्वकप में सबसे संतुलित नजर आ रही है और दशकों के बाद ऐसा हुआ है कि किसी भी विश्वकप में वेस्ट इंडीज को एक बड़ा दावेदार समझा जा रहा है।
ये तीनों खिलाड़ी अलग-अलग देशों की टी-20 लीग में खेलते हैं, लेकिन अनुभव और हुनर का इनमें गजब का मिश्रण है। पोलार्ड के लंबे छक्के हों या फिर आन्द्रे रसल का कभी न हार मानने की जज्बा या आखिरी ओवरों में बल्ले और गेंद के साथ ब्रावो का कमाल,
इस बार ये खिलाड़ी विश्वकप को कैरेबियाई रंग में रंगने के लिए तैयार हैं।