यह ख़बर 04 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

भारत के लिए वेस्ट इंडीज के खिलाफ 'करो या मरो' की स्थिति

खास बातें

  • कैरेबियाई देशों की पिचों से जूझ रहे भारतीयों की परेशानी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल हो जाने से और बढ़ गई, तथा इसी कारण कप्तान बने विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता के लिए शुक्रवार का मैच बड़ी परीक्षा और चुनौती होगा।
पोर्ट ऑफ स्पेन:

लगातार दो मैचों में हार से बैकफुट पर पहुंच चुके भारत को यदि त्रिकोणीय एक-दिवसीय शृंखला के फाइनल में पहुंचने की दौड़ में बने रहना है, तो उसे शुक्रवार को मेज़बान वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ होने वाले 'करो या मरो' जैसे मैच में फिर एकजुट होकर अपनी विजयी लय पकड़नी होगी।

भारतीय टीम चैम्पियन्स ट्रॉफी जीतकर यहां पहुंची थी, लेकिन कड़ी परिस्थितियों में उसके बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने लचर प्रदर्शन किया और टीम श्रीलंका और मेज़बान वेस्ट इंडीज़ के खिलाफ खेले अपने दोनों मैच हार गई।

वैसे कैरेबियाई देशों की पिचों से जूझ रहे भारतीयों की परेशानी कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के चोटिल हो जाने से और बढ़ गई, तथा इसी कारण कप्तान बने विराट कोहली की नेतृत्व क्षमता के लिए शुक्रवार का मैच बड़ी परीक्षा और चुनौती होगा, क्योंकि विराट कोहली को भारत का भविष्य का कप्तान माना जा रहा है। श्रीलंका के खिलाफ बड़ी हार के दौरान उनकी रणनीतियां नहीं चल पाई थीं और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह दबाव वाले इस मैच में युवा टीम की अगुवाई कैसे करते हैं, क्योंकि इस मैच में हार से भारत फाइनल की दौड़ से लगभग बाहर हो जाएगा।

वेस्ट इंडीज़ ने अब तक अपने दोनों मैच जीते हैं, और इस समय वह नौ अंक लेकर अंकतालिका में चोटी पर बना हुआ है। उधर, श्रीलंका के पांच अंक हैं। इन दोनों ही टीमों ने भारत के खिलाफ अपने मैच बोनस अंक के साथ जीते हैं, जबकि भारत ने अभी टूर्नामेंट में खाता भी नहीं खोला है। अब यदि भारत शुक्रवार को वेस्ट इंडीज़ को हरा देता है, तो शृंखला रोमांचक बनी रहेगी, और ऐसी स्थिति में तीनों टीमें फाइनल में जगह बनाने की स्थिति में होंगी।

वैसे शृंखला में भारतीय बल्लेबाज अभी तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम को शिखर धवन और रोहित शर्मा से अच्छी शुरुआत की दरकार है। अभी तक केवल रोहित ही शृंखला में भारत की तरफ से अर्द्धशतक जमा पाए हैं। पहले दो मैचों में धवन और रोहित टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाए थे, इसलिए इन दोनों का अच्छा प्रदर्शन टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण है। वैसे खिलाड़ी फॉर्म में हैं और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार प्रदर्शन करना होगा।

गेंदबाजों को श्रीलंका के खिलाफ अपनी लाइन और लेंग्थ हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा था और यदि वेस्ट इंडीज़ के विस्फोटक बल्लेबाजों के सामने भी यही स्थिति रहती है, तो स्थिति नाजुक बन जाएगी। क्रिस गेल हमेशा बड़ी चुनौती रहते हैं और उनके साथ पारी का आगाज़ करने वाले जॉनसन चार्ल्स भी अच्छा स्कोर खड़ा कर रहे हैं।

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मध्यक्रम में कीरॉन पोलार्ड और निचले क्रम में डेरेन सैमी भी जब लय में होते हैं, तो उन्हें रोकना मुश्किल होता है। जहां तक वेस्ट इंडीज़ का सवाल है, तो कप्तान ड्वेन ब्रावो के टीम में लौटने की संभावना है। वह ग्रोइन की चोट के कारण भारत के खिलाफ मैच में नहीं खेल पाए थे।