यह ख़बर 26 फ़रवरी, 2013 को प्रकाशित हुई थी

टीयूसीसी : बेंगलुरु ने ग्वालियर को 39 रन से हराया

खास बातें

  • सदर्न चैम्प्स यानी बैंगलुरू की जैन युनविर्सिटी ने अपना लगातार दूसरा मैच जीत लिया है। लेकिन टीम को यह कामयाबी न मिली होती अगर उसमें अब्बास नाम का सितारा न होता।

सदर्न चैम्प्स यानी बैंगलुरू की जैन युनविर्सिटी ने अपना लगातार दूसरा मैच जीत लिया है। लेकिन टीम को यह कामयाबी न मिली होती अगर उसमें अब्बास नाम का सितारा न होता।

पहले मैच में सेंचुरी बनाने वाले कप्तान अब्बास ने एक बार फिर अपनी टीम की मुश्किल आसान की।

बैंगलुरू की जैन युनवर्सिटी शुरुआत से ही मुश्किल में दिखी। जीवाजी के खिलाड़ी पूरी तरह मुस्तैद थे। चौथे ओवर में जीवाजी की कोशिश कारगर हुई जब हिमांशु बब्बर ने शशींद्र को 22 रन पर चलता किया।

गौरव गोयल और अब्बास बड़ी पार्टनरशिप की तैयारी में थे लेकिन बब्बर ने फिर कमाल दिखाया औक गोयल 17 रन से आगे नहीं बढ़ पाए।

बैंगलुरु की टीम भले ही ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियन हो लेकिन अपने स्टार खिलाड़ियों के गिरते विकेट उनके लिए मुसीबत बन गए लेकिन दूसरे छोर पर अब्बास फिर से आक्रामक मूड में थे। अब्बास डटे रहे लेकिन उनका साथ देने वाला कोई नहीं था।

नंबर आठ बल्लेबाज़ श्रेयस गोपाल ने अब्बास का कुछ साथ निभाया। अब्बास के बल्ले से 48 गेंदो पर 74 रन निकले − इसमें तीन छक्के भी शामिल थे।

जैन युनिवर्सिटी ने आख़िरी दो ओवर में 33 रन बनाए और जीवाजी के सामने जीत के लिए 172 रन का लक्ष्य था।

ग्वॉलियर के खिलाड़ी इस मैच को लेकर जितने जोश में थे − उन्हें आज उतना ही बड़ा धक्का लगा। 172 रन का लक्ष्य जिवाजी युनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ा साबित हुआ।

ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी की शुरुआत अच्छी नहीं रही। भरत अनंत दूसरे ही ओवर में आउट हो गए।

दूसरे ओपनर सनत गुर्जर ने चौके के साथ दबाव कम करने की कोशिश की। लेकिन चौथे ओवर में ग्वालियर का दूसरा विकेट भी गिर गया।

गुर्जर ने एक छोर पर मोर्चा संभाल रखा था और कुछ अच्छे शॉट्स लगाए। गुजर्र ने अपनी पारी में दो शानदार छक्के जड़े और 45 गेंदों पर अपनी हाफ़ सेंचुरी पूरी का। वह 52 रन बनाकर आउट हुए।

172 का लक्ष्य जीवाजी यूनिवर्सिटी के लिए बहुत बड़ा था।

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पूरी टीम 20 ओवर में 5 विकेट पर 132 रन बना पाई। जैन यूनिवर्सिटी ने 39 रनों से मैच जीत लिया।