यह ख़बर 09 जुलाई, 2014 को प्रकाशित हुई थी

विजय का शतक, भारत की अच्छी शुरुआत

नॉटिंघम:

मुरली विजय ने अपने बल्लेबाजी कौशल और एकाग्रता की शानदार मिसाल पेश करके आज यहां शतक जड़ा जिससे भारत ने प्रत्येक सत्र के शुरू में झटके सहने के बावजूद इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के शुरुआती दिन चार विकेट पर 259 रन बनाए। विजय ने मौके की नजाकत के अनुरूप बल्लेबाजी की और अपना चौथा तथा विदेशी सरजमीं पर पहला शतक लगाया। वह अभी 122 रन बनाकर खेल रहे हैं जिसके लिये उन्होंने 294 गेंद खेली हैं। उनकी पारी में 20 चौके और एक छक्का शामिल है। उनके साथ कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (नाबाद 50) खेल रहे हैं जिन्होंने दिन के आखिरी ओवर में अपने करियर का 30 अर्धशतक पूरा किया। धोनी की 64 गेंद की पारी में पांच चौके शामिल हैं। विजय और धोनी ने अब तक पांचवें विकेट के लिये 81 रन जोड़े हैं।
 
भारत के लिए यह अच्छी शुरुआत कही जा सकती है क्योंकि पिछली बार जब उसने इंग्लैंड में 0-4 से शृंखला गंवायी थी तब उसका आठ पारियों में उच्चतम स्कोर 300 रन था। धोनी ने बल्लेबाजी के लिए अनुकूल परिस्थितियों में पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत की शुरुआत हालांकि अच्छी नहीं रही और उसने शिखर धवन (24 गेंद पर 12 रन) का विकेट जल्दी गंवा दिया। अगले दो सत्र में भी भारत ने शुरू में झटके सहने के बाद स्थिति संभाली। चेतेश्वर पुजारा (38) और विराट कोहली (1) दूसरे सत्र के शुरू में आउट हो गए जबकि अंजिक्य रहाणे (32) चाय के विश्राम के बाद पहले ओवर में पैवेलियन लौटे।
 
इंग्लैंड की तरफ से जेम्स एंडरसन ने 70 रन देकर दो जबकि स्टुअर्ट ब्रॉड ने 26 और लियाम प्लंकेट ने 56 रन देकर एक-एक विकेट लिया।
 
विजय का साथ देने के लिए पुजारा क्रीज पर उतरे और दोनों ने सहजता के साथ पारी आगे बढ़ायी। क्षेत्ररक्षण छितर जाने के बाद रन बनने लगे। लंच तक भारत ने एक विकेट पर 106 रन बनाये थे और वह बहुत अच्छी स्थिति में दिख रहा था। विजय और पुजारा दोनों ने सुबह के सत्र में दूसरे विकेट के लिये 73 रन जोड़े थे जबकि इंग्लैंड के गेंदबाजों को सपाट विकेट पर काफी मेहनत करनी पड़ रही थी। लेकिन लंच के बाद कहानी एकदम से बदल गई। एंडरसन और ब्राड को अचानक ही रिवर्स स्विंग मिलने लग गई। पुजारा लंच के बाद दूसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गए।
एंडरसन की तेजी से अंदर आती गेंद पुजारा के बल्ले से लगकर सीधे सिली मिड आन पर खड़े इयान बेल के पास पहुंच गई जिन्होंने अपने दायीं तरफ एक हाथ से डाइव लगाकर बेहतरीन कैच लपका। पुजारा लंच के बाद अपने स्कोर में कोई इजाफा नहीं कर पाए। अगले ओवर में ही नए बल्लेबाज कोहली के आउट होने से भारत एकदम से बैकफुट पर चला गया। कोहली ने ब्राड की तेजी से बाहर जाती गेंद से छेड़खानी करने की सजा भुगती जो उनके बल्ले को चूमती हुई दूसरी स्लिप में खड़े बेल के सुरक्षित हाथों में गई। इससे स्कोर तीन विकेट पर 107 रन हो गया। यह स्थिति इसलिए अच्छी नहीं थी क्योंकि भारत केवल छह बल्लेबाजों के साथ खेल रहा है। रहाणे ने शुरू में क्रीज पर कुछ विषम पल गुजारे।
 
दूसरी तरफ विजय ने अपना धैर्य बनाए रखा। इन दोनों बल्लेबाजों को इंग्लैंड के दोनों मुख्य गेंदबाजों के सामने कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा जिससे रन रेट गिर गया।
 
लेकिन तीसरे सत्र में भारत ने पहले ओवर में ही रहाणे का विकेट गंवा दिया। प्लंकेट की शार्ट पिच गेंद को रहाणे ने पुल करने की कोशिश की जो उनके बल्ले के निचले हिस्से से लगकर सीधे सिली प्वाइंट पर खड़े इंग्लैंड के कप्तान एलिस्टेयर कुक के पास पहुंच गई। रहाणे तीसरे सत्र में अपने स्कोर में कोई रन नहीं जोड़ पाए। विजय ने फिर अपने जज्बे का प्रदर्शन किया और खुद पर दबाव नहीं बनने दिया। वह शतक के करीब पहुंचने के बाद हालांकि धीमे पड़ गए। दूसरी तरफ धोनी ने शुरू में गेंदों को परखने के बाद अपने शॉट खेलने शुरू किए। विजय ने एंडरसन की गेंद स्क्वायर लेग पर फ्लिक करके एक रन लेने के साथ अपना शतक पूरा किया। यह ट्रेंटब्रिज में टेस्ट क्रिकेट में 100वां शतक भी है। इसके बाद विजय ने मोइन अली की गेंद छह रन के लिए भी भेजी। धोनी को सपाट पिच पर खेलने में दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने दिन के आखिरी ओवर में अर्द्धशतक पूरा करके भारत की तरफ से कप्तान के रूप में सर्वाधिक बार 50 से अधिक का स्कोर बनाने का नया रिकॉर्ड बनाया। यह 26वां अवसर है जबकि उन्होंने कप्तान रहते हुए 50 से अधिक का स्कोर बनाया।
 
धोनी ने सुनील गावस्कर (25) का रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले भारत ने पांच गेंदबाजों के साथ खेलने का फैसला किया और स्टुअर्ट बिन्नी को टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण का मौका दिया। इसके लिए रोहित शर्मा को बाहर किया गया। वह पूर्व क्रिकेटर और वर्तमान चयनकर्ता रोजर बिन्नी के बेटे हैं। भारत की तरफ से टेस्ट क्रिकेट खेलने वाली यह पिता पुत्र की दसवीं जोड़ी है।

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