यह ख़बर 22 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

स्पॉट फिक्सिंग : 'विंदू दारा सिंह ने माना, दो बुकियों को दुबई भागने में मदद की'

खास बातें

  • विंदू के घर तीन मोबाइल फोन मिले हैं जो एक सटोरिए पवन जयपुर के नाम पर हैं। यही नहीं विंदू ने माना कि उसने दो सटोरियों पवन जयपुर और संजय जयपुर को विदेश भागने में मदद की थी।
नई दिल्ली:

आइपीएल में सट्टेबाजी के मामले में गिरफ्तार विंदू दारा सिंह ने माना है कि उसने सटोरियों की मदद की है। विंदू के घर तीन मोबाइल फोन मिले हैं जो एक सटोरिए पवन जयपुर के नाम पर हैं। यही नहीं विंदू ने माना कि उसने दो सटोरियों पवन जयपुर और संजय जयपुर को विदेश भागने में मदद की थी।

दोनों फिक्सिंग विवाद सामने आने के बाद 17 मई को फरार हुए थे। विंदू ने दोनों को अपनी कार से एयरपोर्ट तक छोड़ा था। यही नहीं उसने दोनों को होटल में भी ठहराया था। विंदू ने और भी जानकारियां दी हैं।

पुलिस का कहना है कि वह संजय पवन और जुपिटर के जरिये सट्टा लगाता था। आनंद नाम के शख्स ने उसे संजय जयपुर से मिलाया था। सूत्रों के मुताबिक इस आइपीएल में उसने 17 लाख रुपये जीते हैं। हालांकि अभी तक उसे पैसे मिले नहीं हैं।

पुलिस के मुताबिक विंदू बॉलीवुड के दूसरे लोगों का भी पैसा लगाता था।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

दिल्ली पुलिस के मुताबिक बुकीज से मिल गया था। पैसा क्रिकेटरों तक अजित चांडिला ही पहुंचाता था। बदले में चांडिला कुछ कमीशन रख लेता था। टिंकू मंडी से 25 लाख, दीपक से 15 लाख और चंद्रेश से नौ लाख रुपये चांडिला को मिले थे।