विशाखापटनम टेस्ट : विराट कोहली ने खोया आपा, चेतेश्वर पुजारा पर मैदान में ही जोर से चिल्ला पड़े... जानें क्यों...

विशाखापटनम टेस्ट : विराट कोहली ने खोया आपा, चेतेश्वर पुजारा पर मैदान में ही जोर से चिल्ला पड़े... जानें क्यों...

पुजारा ने टेस्ट करियर का 10वां शतक लगाया (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पुजारा और कोहली के बीच 226 रनों की साझेदारी हुई
  • चेतेश्वर पुजारा 23 रन पर रनआउट होते-होते बचे थे
  • कोहली ने भी करियर का 14वां टेस्ट शतक लगाया
विशाखापटनम:

भारत और इंग्लैंड के बीच विशाखापटनम में 5 टेस्ट की सीरीज का दूसरा मैच खेला जा रहा है. पहले दिन जब टीम इंडिया ने 22 रन पर ही दो विकेट खो दिए, तो चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने पारी को संभाला और टीम को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया, लेकिन यह सब ऐसे ही नहीं हो गया. इसमें कप्तान विराट का अहम रोल रहा. उनकी खासियत है कि वह न केवल खुद संभलकर खेलते हैं, बल्कि साथी बल्लेबाज से भी बात करते रहते हैं और उसे प्रेरित करते हैं. हालांकि कोहली मैदान पर अपनी भावनाओं को जाहिर करने में भी पीछे नहीं रहते, फिर चाहे विकेट मिले, शतक बने, टीम जीते या हारे. जब टीम इंडिया विशाखापटनम में संकट में थी, तो चेतेश्वर पुजारा से दो बार ऐसी गलती हो गई, जिसे कोहली बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन पर जोर से चिल्ला पड़े...

संकट में थी टीम इंडिया
पहला टेस्ट ड्रॉ खेल चुकी टीम इंडिया के लिए टॉस जीतने के बाद पहले बैटिंग करते समय दूसरे टेस्ट में भी स्थिति अच्छी नहीं थी. राजकोट में फेल हुए गौतम गंभीर की जगह टीम में शामिल किए गए लोकेश राहुल ने निराश किया और बिना खाता खोले ही लौट गए. टीम का स्कोर 6 रन पर ही एक विकेट हो गया. इसके बाद टीम का स्कोर 22 रन ही हुआ था कि पिछले मैच में शतक जड़ने वाले फॉर्म में चल रहे ओपनर मुरली विजय भी 20 रन पर लौट गए. जाहिर है इससे टीम दबाव में आ गई. क्रीज पर चेतेश्वर पुजारा थेउनके चेहरे, उनका साथ देने के लिए कप्तान विराट कोहली आए और उनसे बात करने के बाद पारी को आगे बढ़ाया. दोनों ने संभलकर खेलना शुरू किया और स्कोर 2 विकेट पर 65 रन ही पहुंचा था कि टीम पर एक और संकट आ गया...

बात टीम इंडिया की पारी के 18वें ओवर की है. बॉलिंग अटैक पर थे लेग स्पिनर आदिल राशिद. उन्होंने पहली गेंद डाली, जो लेगब्रेक थी और विराट कोहली ने उसे एक रन के लिए खेल दिया, लेकिन पुजारा की रनिंग धीमी होने के चलते वह संकट में आ गए. हालांकि जैसे-तैसे वह डाइव लगाकर क्रीज तक पहुंचने में सफल रहे. कोहली ने उनसे बात की और वापस नॉन स्ट्राइकर एंड पर चले गए. वास्तव में पुजारा की रनिंग क्षमता को देखते हुए उस गेंद पर सिंगल था ही नहीं और यह बात कोहली को समझ में आ गई थी. अगली गेंद पर पुजारा ने सिंगल लिया.

...और पुजारा ने दोहरा दी गलती
जब आदिल ने ओवर की तीसरी गेंद फेंकी, तो विराट कोहली ने उसे पॉइंट के दाईं ओर खेल दिया. स्टुअर्ट ब्रॉड ने डाइव लगाते हुए रोकने की कोशिश की, लेकिन गेंद डीप कवर की ओर चली गई. मौका आसानी से 2 रन लेने का था, लेकिन पुजारा की रनिंग को देखते हुए विराट जोखिम नहीं लेना चाहते थे, लेकिन पुजारा सिंगल लेने के बाद नहीं रुके और दूसरे रन के लिए भी दौड़ पड़े, उन्होंने आधी पिच पार कर ली, जबकि विराट मना करते रहे. तब विराट ने जोर चिल्लाकर उन्हें वापस लौटने के लिए कहा... पुजारा का बैट बीच में ही छूट गया और वह फिर बमुश्किल क्रीज तक पहुंचे... मतलब इसी ओवर में दूसरी रनआउट होते-होते बचे...

फिर क्या था विराट कोहली ने आपा खो दिया... वह पुजारा पर चिल्ला पड़े... कोहली और जोखिम नहीं लेना चाहते थे, क्योंकि टीम पहले से ही संकट में थी और पुजारा अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे. ऐसे में उनके आउट होने से टीम गहरे संकट में फंस जाती. कोहली ने गुस्सा शांत किया और पुजारा से बात करने गए और उन्हें समझाने के बाद वापस लौटे...

 
विराट कोहली ने पुजारा के साथ तीसरे विकेट के लिए 200 से अधिक की साझेदारी की (फोटो : AFP)

इन दो गलतियों के बाद चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड को कोई और मौका नहीं देते हुए जमकर बल्लेबाजी की और करियर का 10वां शतक जड़ दिया. गौरतलब है कि पुजारा ने न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर टेस्ट की दूसरी पारी, राजकोट टेस्ट की पहली पारी में भी शतक लगाया था. मतलब यह उनका तीसरा टेस्ट शतक रहा.

फिर दोनों ने कर दी रिकॉर्ड शतकीय साझेदारी
विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा ने इंग्लैंड के खिलाफ 2002 के बाद से भारत की तरफ से तीसरे विकेट के लिए पहली शतकीय साझेदारी की. इससे पहले सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ ने तीसरे विकेट के लिए इंग्लैंड के खिलाफ हेडिंग्ले में 150 रनों की साझेदारी की थी.

पुजारा के 3000 रन
चेतेश्वर पुजारा ने विजाग में टेस्ट क्रिकेट में अपने 3000 रन पूरे कर लिए. उन्होंने यह उपलब्धि 67वीं पारी में हासिल की. इस तक सबसे तेजी से पहुंचने वाले भारतीयों में वह सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ के साथ पांचवें बल्लेबाज बन गए हैं. वीरेंद्र सहवाग ने 55 पारियों में ही 3000 रन पूरे कर लिए थे.

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