वाका का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से टूट गया नाता

वाका का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से टूट गया नाता

वाका ग्राउंड पर भारतीय फैन्स (फाइल फोटो)

क़रीब 45 साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का शानदार मुज़ाहिरा कर रहे ऑस्ट्रेलिया में पर्थ के वाका (वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट असोसिएशन) ग्राउंड पर अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन नहीं होगा। दरअसल पर्थ में एक नया क्रिकेट स्टेडिम बनाया गया है जहां अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच कराए जाएंगे।

वैसे ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डेनिस लिली इस बात से खुश नहीं हैं। इस मैदान पर 77 टेस्ट शतक और 22 वनडे शतक लगे हैं। इस मैदान पर सुनील गावस्कर, मोहिन्दर अमरनाथ और सचिन तेंदुलकर जैसे भारतीय दिग्गजो ने शतकीय पारियां खेलीं और इसे भारतीय फैन्स के लिए भी यादगार बना दिया।

भारतीय फैन्स के लिए पर्थ के वाका ग्राउंड की सबसे अच्छी याद 2008 में हुए उस टेस्ट मैच की है, जब भारत को ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल हुई थी। कप्तान अनिल कुंबले की अगुआई में पर्थ टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 72 रनों से हरा दिया था। पर्थ की पिच पर सुनील गावस्कर, मोहिन्दर अमरनाथ और सचिन तेंदुलकर के शतकों ने उन्हें महानता का दर्जा दिलाने में अहम रोल अदा किया।

पर्थ की पिच की गिनती दुनिया की सबसे तेज़ पिचों में होती रही। 1992 में पर्थ पर शतक लगाने के बाद सचिन ने कहा था, "एक पारी जिसने मेरा करियर बदल दिया, वो 1992 में पर्थ में खेली गई मेरी पारी थी। कम से कम उस वक्त पर्थ की पिच को दुनिया की सबसे तेज़ पिच माना जाता था। मुश्किल हालात और ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ खेलना आसान नहीं था। मैं शतक बना पाया और उस वक्त मैं सिर्फ़ 19 साल का था।"  

वाका ग्राउंड पर एएफएल, रग्बी, फ़ुटबॉल और कई खेलों की सुविधाएं मौजूद हैं, लेकिन ये मैदान सबसे मशहूर क्रिकेट के लिए रहा है।  वाका का क्रिकेट से नाता तोड़ना कई दिग्गजों को मंज़ूर नहीं, इसलिए पूर्व टेस्ट क्रिकेटर डेनिस लिली ने वाका के अध्यक्ष के पद से इस्तीफ़ा दे दिया।

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पर्थ के बर्सवुड (Burswood) में एक नया स्टेडियम तैयार किया जा रहा है जो 2018 में तैयार हो जाएगा। यानी पर्थ जाकर भी अब आप क्रिकेट की बातें करेंगे तो वाका कुछ शानदार ऐतिहासिक कहानियों के हिस्से के तौर पर ही याद किया जा सकेगा।