लोढ़ा पैनल से कुछ बातों पर पुनर्विचार को कह सकते है, बाकी सिफारिशें माननी होंगी : सुप्रीम कोर्ट

लोढ़ा पैनल से कुछ बातों पर पुनर्विचार को कह सकते है, बाकी सिफारिशें माननी होंगी : सुप्रीम कोर्ट

प्रतीकात्‍मक फोटो

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया है कि वह भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) में सुधारों को लेकर लोढ़ा पैनल की ओर से की गई सिफारिशों की एक-दो बातों पर पैनल को दोबारा विचार करने को कह सकता है लेकिन बाकी सिफारिशों को, बोर्ड को मानना ही होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सवालिया लहजे में बीसीसीआई से पूछा, आप मंत्रियों को शामिल करने की तरफदारी क्यों कर रहे हैं, क्या मंत्री भी क्रिकेट खेलना चाहते हैं, अगर कोई मंत्री कहता तो समझ में आती, लेकिन बोर्ड उनके लिए तरफदारी क्यों कर रहा है ? अदालत ने कहा कि 70 साल की उम्र में लोगों को घर में बैठकर टीवी पर क्रिकेट देखना चाहिए। आखिर 70 साल की उम्र में क्यों सदस्य बनाना चाहते हैं? इसके साथ ही कहा कि आपके कितने सदस्य 70 साल से ज्यादा के हैं, यह कोर्ट को बताएं। क्रिकेट खिलाडियों की रिटायरमेंट के बाद उनके भविष्य के लिए कदम उठाने की जरूरत है। अदालत ने कहा कि हमने ये देखा है कि कई सदस्य 20 सालों से ज्यादा पद पर बने रहे। जस्टिस लोढ़ा की रिपोर्ट गलत नहीं है कि दो कार्यकाल ही सीमित होना चाहिए।

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पांच सालों में राज्यों को कितनी राशि दी, बोर्ड से हिसाब मांगा
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से पांच साल का हिसाब मांगा। कोर्ट ने पूछा-आपने इन पांच सालों में कितने पैसे राज्य क्रिकेट एसोसिएशन को दिए हैं, उसका विवरण दीजिए। ये भी बताइये कि और पैसे कितने खर्च हुए है। ऐसा लगता है कि आप पैसा दे देते हो लेकिन खर्च कैसे करना है इसका प्लान आपके पास नहीं है।
 
'आपको तो कैग के सदस्‍य से भी समस्या है'
कोर्ट ने कहा कैग के सदस्य से आपको समस्या है। आप ये चाहते है कि आपको फ्री हैंड दिया जाये। आप चाहते है कि आप पर कोई निगरानी न करे। आप कह रहे है कि आईसीसी आपको निलंबित कर देगी। क्या ये जानते हुए कि ये नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट ने की है ओर खेल की पवित्रता को बरक़रार रखने के लिए की गई है। भ्रष्‍टाचार न हो, इसके लिए इसे नियुक्त किया गया हो फिर भी आपको आईसीसी निलंबित कर देगी। मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को होगी।