नई दिल्ली : वैसे तो वीरेंद्र सहवाग के नाम पर क्रिकेट का ढेर सारे रिकॉर्ड दर्ज हैं। लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा है, जिसके नजदीक पहुंचकर भी न बना पाने का मलाल उन्हें ताउम्र रहेगा। दरअसल, दिसंबर 2009 में श्रीलंका के खिलाफ मुंबई टेस्ट में सहवाग तूफानी बल्लेबाजी करते हुए तिहरे शतक की ओर बढ़ रहे थे। दो तिहरे शतक वे पहले ही अपने नाम पर दर्ज करा चुके थे। ऐसे में क्रिकेटप्रेमियों को इस बात की पूरी उम्मीद थी कि वीरू तीन तिहरे शतक पूरे कर अपने नाम ऐसा रिकॉर्ड दर्ज करा लेंगे जिसे महान डॉन ब्रेडमैन और ब्रायन लारा भी नहीं बना सके हैं। मैच में सहवाग का स्कोर जैसे ही 280 रन के पार हुआ, उनके हर स्ट्रोक पर स्टेडियम 'वीरू-वीरू' की आवाज से गूंजने लगा। लेकिन 293 के स्कोर पर वे ऐसी गलती कर बैठे जिसका अफसोस उन्हें हमेशा रहेगा। करिश्माई ऑफ स्पिनर मुरलीधरन की गेंद को उड़ाने के चक्कर में वे उन्हीं के हाथों में कैच थमा बैठे। सहवाग के आउट होते ही पूरे स्टेडियम में मानो सन्नाटा पसर गया। सहवाग ने अपनी इस पारी में 254 गेंदों का सामना करते हुए 40 चौकों और सात छक्कों की मदद से 293 रन बनाए।