रोहित शर्मा टेस्ट क्रिकेट में बार-बार फेल हो रहे हैं (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: रोहित शर्मा के फॉर्म में लौटने का इंतजार बहुत लंबा हो गया है। टेस्ट मैचों में रोहित में निरंतरता की कमी देखी गई है। इस कमजोरी से वो पार नहीं पा रहे और टीम मैनजमेंट उनसे आगे देख नहीं पा रहा। उसका मानना है कि रोहित भारत के 'मोस्ट टैलेंटेड' बैट्समैन हैं और एक न एक दिन वो अपना टैलेंट जरूर दिखाएंगे।
प्रोटियाज के खिलाफ घरेलू सीरीज में रोहित के बल्ले से 2 टेस्ट की 4 पारियों में सिर्फ 26 रन निकले। सबसे ज्यादा उनके आउट होने का तरीका सवाल खड़ा करता है। दिल्ली टेस्ट में वो बल्लेबाजी करते हुए बहुत लचर नजर आए। एक ही गलती दोहराते दिखे।
हर नंबर पर आजमाए गए
श्रीलंका में रोहित को बचाने के लिए उन्हें नंबर 5 पर भेजकर रहाणे को बलि का बकरा बनाने की भी कोशिश हो चुकी है। पिछले करीब 2 सालों में रोहित ने 12 टेस्ट मैच खेले हैं, जसमें उन्होंने 25.59 की औसत से 563 रन बनाए। इसमें कोई शतक शामिल नहीं है।
रोहित को टेस्ट मैचों में नंबर 3 से लेकर 6 तक आजमाया जा चुका है, लेकिन रोहित अपने पांव टेस्ट टीम में नहीं जमा पा रहे। कई बार तो जमने के बाद विकेट फेंक देते हैं।
रोहित शर्मा वो खिलाड़ी हैं जिन्हें लगातार टेस्ट में फ़्लॉप होने के बाद भी मौके मिल रहे हैं। इतना ही नहीं उन्हें दूसरे से ज्यादा प्रतिभाशाली समझा जाता है, जबकि ये प्रतिभा मैदान पर नजर नहीं आ रही।