अश्विन, कुंबले, मुरलीधरन और वॉर्न में से कौन है बेहतर गेंदबाज, रिकॉर्ड पर एक नज़र...

अश्विन, कुंबले, मुरलीधरन और वॉर्न में से कौन है बेहतर गेंदबाज, रिकॉर्ड पर एक नज़र...

अश्विन जिस तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, उससे वह कुंबले, वॉर्न, मुथैया को पीछे छोड़ सकते हैं (फाइल फोटो)

खास बातें

  • अश्विन ने करियर की शुरुआत बल्लेबाज के रूप में की थी
  • मुरलीधरन ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक विकेट लिए हैं
  • अश्विन ने टेस्ट में 50 विकेट के मामले में कुंबले को पछाड़ा
नई दिल्ली:

रविचंद्रन अश्विन को टेस्ट क्रिकेट में पांच साल हो गए है. इन पांच सालों अश्विन ने गेंदबाजी में कई बड़े-बड़े खिलाड़ियों को पीछे छोड़ दिया है. अश्विन ने अपने करियर की शुरुआत एक सलामी बल्लेबाज और मध्यम गति के गेंदबाज के रूप में की थी, लेकिन जब वह महज 14 साल के थे तो चोटिल होने की वजह से उन्हें क्रिकेट से दूर रहना पड़ा और जब उनकी वापसी हुई तो उन्होंने स्पिन गेंदबाज़ी में अपनी किस्मत आज़माई. अश्विन के लिए हरभजन सिंह रोल मॉडल रहे है. 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरभजन सिंह की शानदार गेंदबाजी ने अश्विन को बेहतर स्पिन गेंदबाज बनने की प्रेरणा दी. अब जरा आंकड़ों की नजर से समझिए कि महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन, शेन वॉर्न, अनिल कुंबले और आर अश्विन में कौन बेहतर है...

कुंबले, वॉर्न और मुरलीधरन नहीं कर पाए वह जो अश्विन ने कर दिखाया : अश्विन ने अपने टेस्ट करियर के पहले मैच में वह कारनामा कर दिखाया था जो बड़े-बड़े गेंदबाज अपने पहले टेस्ट में नहीं कर पाए थे. वह अपने पहले टेस्ट मैच में 9 विकेट लेने में कामयाब हुए थे, जिसमें एक पारी में 6 विकट भी शामिल था, जबकि टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले  मुथैया मुरलीधरन, ऑस्ट्रेलिया के लीजेंड शेन वॉर्न और भारत की तरफ से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अनिल कुंबले भी अपने पहले टेस्ट मैच में कुछ खास कारनामा नहीं कर पाए थे. जहां मुरलीधरन पहले टेस्ट में सिर्फ एक विकेट ही ले पाए थे, जबकि कुंबले और वॉर्न को सिर्फ तीन-तीन विकेट मिले थे. अश्विन अपने पहले मैच में “मैन ऑफ़ द मैच” अवॉर्ड जीतने में कामयाब हुए थे, जो उनसे पहले के तीनों महान खिलाड़ी नहीं हासिल कर पाए थे.

तेजी से विकेट लेने के मामले में अश्विन ने कुंबले, वॉर्न और मुरलीधरन को पीछे छोड़ा : अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में तेजी से विकेट लेने के मामले में इस तीन दिग्गज़ों को पीछे छोड़ दिया है. टेस्ट क्रिकेट में 50 विकेट लेने के लिए अश्विन ने सिर्फ 9 मैच खेले, जबकि कुंबले ने इसके लिए 10, वॉर्न ने 14 मैच और मुरलीधरन ने 12 मैच खेले थे. 100 विकेट लेने के लिए अश्विन ने 18 मैच खेले, जबकि कुंबले को 21, शेन वार्न को 23 और मुरलीधरन को 26 मैच खेलने पड़े. अगर टेस्ट क्रिकेट में तेजी से 200 विकेट लेने की बात किया जाए तो अश्विन वर्ल्ड में दूसरे स्थान पर हैं. 200 विकेट लेने के लिए अश्विन को 37 मैचों का समय लगा, जबकि इस मामले में शेन वॉर्न नौवें, मुरलीधरन ग्यारहवें और कुंबले पचीसवें स्थान पर हैं. 200 विकेट लेने के लिए वॉर्न और मुरलीधरन ने 42 मैच खेले, जबकि कुंबले ने 47 मैच खेले.

दस विकेट लेने के मामले में कौन है आगे : रविचंद्रन अश्विन 42 मैचों में छह बार एक मैच में दस विकेट लेने में कामयाब हुए हैं, जबकि कुंबले 132 टेस्ट मैचों में आठ बार एक मैच में दस विकेट लेने में कामयाब हुए है. शेन वॉर्न ने 145 मैच खेलकर 10 बार 10 विकेट लिए और मुरलीधरन ने 133 मैचों में 22 बार दस विकेट लेने में कामयाबी हासिल की. इस तरह अगर औसत देखा जाए, तो एक बार दस विकेट लेने के लिए अश्विन को सात मैच खेलने पड़े हैं, तो कुंबले को 16.5 मैच खेलने पड़े हैं. अगर शेन वार्न की बात की जाए तो उन्‍होंने एक बार दस विकेट लेने के लिए 14.5 मैच खेले हैं. इस मामले में श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन का रिकॉर्ड अश्विन से अच्‍छा है. उन्‍होंने एक बार दस विकेट लेने के लिए करीब छह मैच लिए हैं.

एक पारी में पांच विकेट के मामले में किसका रिकॉर्ड अच्छा है : अश्विन 78 पारियों में 22  बार पांच विकेट ले चुके हैं यानी एक बार एक पारी में पांच विकेट लेने के लिए अश्विन ने 3.54 मैचों का सहारा लिया है. शेन वार्न ने 237 पारियों में 37 बार पांच विकेट लिए हैं यानी वॉर्न को एक बार पांच विकेट लेने के लिए 7.37 मैचों का सहारा लेना पड़ा है. कुंबले ने अपनी 236 पारी में 35 बार एक पारी में पांच विकेट लिए हैं और उन्हें एक बार एक पारी में पांच विकेट लेने के लिए 6.74 मैच खेलने पड़े हैं. मुरलीधरन 230 परियों में 67 बार एक पारी में पांच विकेट लेने में कामयाब हुए हैं यानी एक बार पांच विकेट लेने के लिए उन्होंने औसतन 3.43 मैचों का सहारा लिया है.

बॉलिंग स्ट्राइक रेट के मामले में अश्विन ने बड़े-बड़े गेंदबाजों को पीछे छोड़ा : बॉलिंग स्ट्राइक रेट में अश्विन ने इन तीन दिग्गजों को पीछे छोड़ दिया है. अश्विन सिर्फ 42 मैच की 78 पारियों में 235 विकेट ले चुके हैं. 235 विकेट लेने के लिए अश्विन को कुल मिलाकर 11931 गेंदों का सहारा लेना पड़ा है यानी एक विकेट लेने के लिए अश्विन ने 51 के करीब बॉल डाली हैं. मुरलीधरन ने अपने टेस्ट करियर में 800 विकेट लिए हैं और इन 800 विकेट लेने के लिए उन्हें 44039 गेंदों का सहारा लेने पड़ा है यानी एक विकेट लेने के लिए उन्होंने 55 गेंदें फेंकी हैं, जबकि शेन वॉर्न ने 145 मैचों में कुल मिलाकर 40705 गेंदें की हैं और 708 विकेट लेने में कामयाब हुए हैं.  वॉर्न ने एक विकेट लेने के लिए करीब 57 गेंदों का सहारा लिया है. अगर कुंबले की बात की जाए, तो उन्होंने 132 मैचों में 40850 गेंदें की और 619 विकेट लेने में कामयाब हुए. कुंबले को एक विकेट लेने के लिए करीब 66 गेंदों का सहारा लेना पड़ा.


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