टीम इंडिया में चुने जाने के बावजूद इसलिए थोड़े निराश हैं जम्‍मू-कश्‍मीर के हरफनमौला परवेज रसूल...

टीम इंडिया में चुने जाने के बावजूद इसलिए थोड़े निराश हैं जम्‍मू-कश्‍मीर के हरफनमौला परवेज रसूल...

आर. अश्विन के साथ ड्रेसिंगरूम शेयर करने का मौका नहीं मिल पाने का परवेज रसूल को अफसोस है (फाइल फोटो)

खास बातें

  • कहा-मुझे लगा था अश्विन के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करने का मौका मिलेगा
  • बांग्‍लादेश के खिलाफ वनडे खेलने के बाद मेरी गेंदबाजी काफी सुधरी है
  • एनसीए के शिविर में मैंने हिरवानी, निखिल चोपड़ा से काफी कुछ सीखा
नई दिल्ली:

इंग्‍लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए चुना जाना जम्‍मू-कश्‍मीर के क्रिकेटर परवेज रसूल के लिए खुशी का मौका है.  टीम इंडिया का फिर से हिस्‍सा बनकर रसूल खुश हैं उन्‍हें थोड़ा बहुत मलाल है तो केवल इस बात का कि उन्‍हें टीम इंडिया के करिश्‍माई ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के साथ ड्रेसिंग रूम में समय बिताने का मौका नहीं मिल पाएगा. दरअसल टी20 सीरीज में अश्विन और रवींद्र जडेजा को आराम दिया गया है और उनकी जगह रसूल और अमित मिश्रा को टीम में जगह दी गई है. रसूल का मानना है कि अश्विन के साथ बिताया गया समय उनके लिए काफी कुछ सीखने वाला साबित हो सकता था.  भारत के लिए खेलने वाले कश्मीर घाटी के पहले क्रिकेटर रसूल ने कहा, ‘मुझे नहीं पता था कि अश्विन को सीरीज के लिए आराम दिया गया है. असल में जब मुझे बीसीसीआई कार्यालय से फोन आया तो मैंने सोचा कि मुझे पहली बार अश्विन के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने का मौका मिलेगा. उसकी क्षमता वाले खिलाड़ी के साथ सात दिन का मतलब है कि मैं काफी कुछ सीख सकता हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के लिए जम्मू में राज्य की टीम के साथ ट्रेनिंग कर रहा था. सुबह बीसीसीआई के ऑफिस से  मुझे फोन आया और अब मैं दिल्ली के लिए उड़ान पकड़ने के लिए जा रहा हूं.’ रसूल का मानना है कि 2014 में ढाका में बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र वनडे इंटरनेशनल मैच में खेलने के बाद से गेंदबाज के रूप में उनमें काफी सुधार आया है.

उन्होंने कहा, ‘इस साल रणजी ट्रॉफी से पहले सिर्फ स्पिनरों के लिए एनसीए शिविर था. वहां मैंने नरेंद्र हिरवानी और निखिल चोपड़ा के साथ सत्र में हिस्सा लिया. मुझे लगता है कि एनसीए में बिताए ये 20 दिन काफी फायदेमंद रहे. मुझे अपनी गेंदबाजी के आकलन का मौका मिला.’रसूल ने कहा, ‘‘क्योंकि आईपीएल में आपको रन रोकने की भूमिका भी निभानी होती है, मैं हवा में गेंद को तेजी से फेंकता हूं. हिरवानी सर ने मुझे कहा कि जैसे ही मैं गेंद को तेजी से फेंकूंगा, गेंद कम बार घूमेगी. निखिल सर ने भी मुझे हवा में थोड़ी कम गति रखने और गेंद को हवा में अधिक समय रखने के लिए कहा. रणजी ट्राफी में 38 विकेट इसे सही साबित करते हैं.’ रसूल का मानना है कि इंग्लैंड के खिलाफ अभ्‍यास मैच में भारत 'ए' की ओर से 38 रन पर तीन विकेट चटकाने से उन्हें टीम में वापसी करने में मदद मिली. (पढ़ें, परवेज रसूल को मिला प्रतिभा का 'इनाम', उमर अब्‍दुल्‍ला और थरूर भी हैं उनके कायल)

इस स्पिनर को पहली बार सीनियर टीम के मुख्य कोच और स्वयं दिग्गज स्पिनर रहे अनिल कुंबले के साथ समय बिताने का मौका मिलेगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे अनिल सर के साथ काफी बार बात करने का मौका नहीं मिला है. यह ऐसा मौका है जहां मैं उनसे कुछ चीजें सीख सकता हूं. साथ ही टीम में विराट की मौजूदगी से मेरे लिए आसानी होगी क्योंकि रायल चैलेंजर्स बेंगलुरू में वह मेरे कप्‍तान हैं. (भाषा से भी इनपुट)


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