कोई बात नहीं टीम इंडिया : हारे मगर योद्धा की तरह लड़े

नई दिल्‍ली : टीम इंडिया से वर्ल्ड कप से पहले यहां तक पहुंचने की भी उम्मीद शायद ही किसी ने की होगी। डिफेंडिंग चैंपियन टीम सेमीफ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 95 रनों से हार गई। टीम इंडिया के फ़ैन्स यकीनन मायूस हैं। लेकिन इस टीम का इस मुकाम तक पहुंचना भी एक बड़ी कामयाबी है। सेमीफ़ाइनल में यकीनन एक बेहतर टीम ने बाज़ी मारी। टीम इंडिया की हार की वजहों का विश्लेषण भी ज़रूर होगा। लेकिन जो कुछ हासिल हुआ वो भी कम नहीं है।

कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप के दौरान ही 100 वनडे मैच जीतने का कारनामा किया। ये कारनामा 102 मैचों की जीत का नहीं हो पाया। लेकिन धोनी कहते हैं कि इस दौरे पर उन्होंने बहुत कुछ सीखा। सेमीफ़ाइनल में भारतीय गेंदबाज़ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ और उनके स्कोर को कंट्रोल में नहीं रख पाए।

एमएसडी मानते हैं कि तेज़ गेंदबाज़ थोड़ा और बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। वो कहते हैं कि इन हालात में 300 बनाना हमेशा मुश्किल होता है। ऑस्ट्रेलियाई टीम जिस तरह खेल रही थी वो 350 का आंकड़ा भी छू सकती थी। लेकिन वो ये भी कहते हैं कि घरेलू क्रिकेट में भारतीय गेंदबाज़ों के वर्कलोड को मॉनिटर नहीं किया जाता। धोनी चाहते हैं कि उन्हें पूरा आराम मिले।

मैच की हार का विश्लेषण करते हुए धोनी कहते हैं कि शिखर धवन पिच पर जम चुके थे, उन्हें उस वक्त बड़ा शॉट नहीं खेलना चाहिए था। वर्ल्ड कप में कुल मिलाकर लगातार 11 जीत हासिल कर चुकी टीम इंडिया का विजय रथ बेशक रुक गया। लेकिन टीम इंडिया इन चार महीनों के दौरान जो कुछ सीख कर आई है उसका फ़ायदा उठाती है तो इन्हें लंबे समय में बड़ा फ़ायदा पहुंचेगा।

छह लीग मैच और फिर क्वार्टरफ़ाइनल में बांग्लादेश को हराकर सेमीफ़ाइनल में पहुंचना मौजूदा टीम इंडिया की बड़ी कामयाबी इस लिहाज़ से भी है कि उन सभी मैचों में उन्हें बड़ी जीत हासिल हुई। सात मैचों में कमज़ोर माने जाने वाले गेंदबाज़ों ने पूरे 70 विकेट झटके। टीम ने इस दौरान दक्षिण अफ़्रीका, पाकिस्तान और बड़ी टीमों को हराने वाली बांग्लादेश को हराया.। इसलिए हौसला पस्त होने जैसी कोई बात नहीं है।

इस दौरान धोनी एक सही लीडर की तरह अपने कोच डंकन फ़्लेचर का भी बचाव करते हैं। वो कहते हैं कि डंकन फ़्लेचर को कमाल का तकनीकी ज्ञान है। वो ज़रूर मानते हैं कि फ़्लेचर पुराने स्कूल की तरह ज़रूर सोचते हैं लेकिन मुश्किल हालात में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है।

इस दौरान कप्तान धोनी के रिटायरमेंट को लेकर भी सवाल किए गए। धोनी ने कहा कि वो 33 साल के हैं और फिट हैं। वो अगले साल टी20 वर्ल्ड कप के बाद ही फ़ैसला कर पाएंगे कि वो अगला वर्ल्ड कप 2019 में खेलेंगे या नहीं।

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पिछले चार महीने में टीम इंडिया की कई कमियां सामने आईं। लेकिन बड़ी बात ये है कि ये भी इशारा मिला कि लगातार मेहनत कर रही टीम इंडिया पर भरोसा किया जाए तो टीम बेहतर नतीजे दे सकती है। ये टीम संवर रही है। इसे ठीक से निखारा गया तो इनमें चैंपियन बनने का माद्दा है।