वर्ल्ड कप डायरी - मेलबर्न का अनोखा स्पोर्ट्स बुक-स्टोर

मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया का खेल से हमेशा गहरा नाता रहा है। और इसी का सबूत है मेलबर्न का एक ऐसा बुक-स्टोर जहां सिर्फ़ खेल से जुड़ी किताबें पाई जाती हैं। लेकिन वर्ल्ड कप के दौरान हमारी टीम ने देखा कि तीन दशक पुराना ये स्टोर, आज कैसे अपना वजूद बचाने में जुटा है।

53 साल के सैंटो करूज़ो मेलबर्न के एक कोने में अपनी अनोखी दुनिया बसाए हुए हैं। स्पोर्ट्स-बुक्स यानी खेल से जुड़ी किताबों की दुनिया। सैंटो के पास हर वो किताब मिल जाती है जिसकी तलाश आप बरसों से कर रहे हैं।

28 साल पहले सैंटो ने 'मेलबर्न स्पोर्ट्स बुक्स' के नाम से अपनी दुकान शुरू की। ये पूरे ऑस्ट्रेलिया की इकलौती ऐसी दुकान थी जहां सिर्फ़ खेल से जुड़ी किताबें पाई जाती थीं। और इसकी शोहरत इतनी थी कि बड़े-बड़े खिलाड़ी भी अकसर यहां आ चुके हैं।

सैंटो करूज़ो बताते हैं, 'कुछ साल पहले राहुल द्रविड़ मेरे स्टोर पर आए और कुछ किताबें साइन भी कीं। एक बार सर डॉन ब्रैडमैन भी आ चुके हैं। मार्टीना नवरातिलोवा भी किताबें देखकर काफ़ी ख़ुश हुई थीं।'
 
लेकिन वक़्त के साथ इस बुक-स्टोर की शोहरत फीकी पड़ गई। पिछले दस साल में किताबों की बिक्री आधी से भी कम हो गई और नुक़सान के चलते सैंटो को अपने घर में ही ये स्टोर खोलना पड़ा।

सैंटो की मानें तो ऑस्ट्रेलिया की नई पीढ़ी के पास किताबें पढ़ने का ना तो वक़्त है और ना ही दिलचस्‍पी। इंटरनेट और किंड्ल के होते हुए अब गिने-चुने लोग ही किताबें तलाशते यहां तक आते हैं।

आज भी सैंटो के कलेक्शन में ढाई हज़ार से ज़्यादा किताबे हैं। हालांकि दस साल पहले किताबों की तादात दोगुनी थी।

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खेलों से प्यार और किताबों से अटूट रिश्ते के कारण सैंटो ने खेल की दुनिया में अपनी छोटी लेकिन ख़ास जगह बना रखी है।