भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार बागवानी लाता है घर में शांति, खुशियां और समृद्धि

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार बागवानी लाता है घर में शांति, खुशियां और समृद्धि

जिन्हें अपने घर के आसपास बागवानी करने और पेड़-पौधे लगाने का शौक है, उन्हें भारतीय वास्तुशास्त्र ( Indian Vastu Shastra ) के कुछ नियमों के बारे में जरुर जानना चाहिए.

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि पेड़-पौधे सही से नहीं लगाए गए होते हैं, तो गृहस्वामी सहित परिवार के अन्य सदस्यों को भी शारीरिक, आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

तो आइए जानते हैं कि वास्तु के नियमानुसार बागवानी ( Gardening and Vastu ) कैसे करें और कौन-से पेड़-पौधे लगाएं कि घर में खुशहाली आए.

वास्तुशास्त्र के प्रसिद्ध ग्रंथ ’वास्तुराजवल्लभ’ ( Vasturajavallabh ) के अनुसार तुलसी, केला, चंपा केतकी, चमेली आदि शुभ पेड़-पौधे हैं. धन और सुख में वृद्धि के लिए इनको घर के आसपास लगाने की परंपरा प्राचीन काल से है. केले के पेड़ को ईशान कोण में लगाने से से धन-धान्य में वृद्धि होती है.

मान्यता है कि केले के पेड़ के पास यदि तुलसी का पौधा लगाया जाए तो शुभ फल प्राप्त होते है और भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है.

अशोक और नारियल पेड़ बहुत शुभ माने गए हैं. अपने नाम के अनुसार अशोक प्रसन्नता देने वाला और शोक को दूर करने वाला वृक्ष है. मान्यता है कि यह पेड़ घर के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द्र बढ़ाता है.

फेंगुशुई यानी चीनी वास्तुशास्त्र की प्रचलित मान्यता के अनुसार घर के आसपास बांस का पौधा या घर के अंदर उसका बोन्साई रुप लगाने से समृद्धि और तरक्की होती है. ऐसा माना जाता है कि इससे घर की नकारात्मक उर्जा भी समाप्त होती है.

प्राचीन भारतीय ग्रंथ बृहत्संहिता ( Brihat Samhita ) अनुसार, ऐसे पेड़-पौधे जिनकी पत्तियों और डालियों को तोड़ने पर दूध या सफ़ेद रस का स्राव होता है, वैसे पेड़-पौधों को घर के पास नहीं लगाना चाहिए. मान्यता है कि इससे धन की हानि होती है. 

भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, कांटेदार पेड़-पौधे का घर के मुख्य-द्वार और घर के आसपास होना शुभ नहीं माना गया है. कहते हैं, इससे शत्रु भय बढ़ता है और जीवन में कुछ-न-कुछ कष्ट बना ही रहता है.


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