टोल प्लाजा पर सेना की मौजूदगी विवाद: 30 घंटे बाद दफ्तर से निकलीं ममता बनर्जी -10 बातें

टोल प्लाजा पर सेना की मौजूदगी विवाद: 30 घंटे बाद दफ्तर से निकलीं ममता बनर्जी -10 बातें

पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में वाहनों को चेक करती सैन्यकर्मी (फाइल फोटो)

कोलकाता: टोल प्लाजा पर सेना की मौजूदगी के विवाद के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 घंटे बाद दफ्तर से निकलीं. उन्होंने कहा कि कहा - 'केंद्र हमें दबाने की कोशिश कर रहा है'.हम कानूनी तौर पर उनसे लड़ेंगे." वहीं, सेना और सरकार ने टोल प्लाजा पर सेना की मौजूदगी को रुटीन कार्रवाई बताया.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाए थे कि राज्य सरकार को सूचित किए बगैर सेना तैनात की गई थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि सैन्यकर्मी वाहनों से पैसा वसूल रहे थे जो उन्हें नहीं करना था.

  2. जीओसी बंगाल एरिया (ऑफिशियेटिंग), मेजर जनरल सुनील यादव ने मुख्यमंत्री के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम सभी आरोपों से इनकार करते हैं.'  मेजर जनरल यादव ने कहा, 'यह स्थानीय पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय से किए जा रहे हैं. पहले 27 और 28 नवंबर को अभ्यास की योजना थी. 28 नवंबर को भारत बंद के आह्वान पर कोलकाता पुलिस के विशेष आग्रह पर तारीखें 30 नवंबर से 2 दिसंबर बदली गईं.'

  3. मेजर जनरल यादव ने कहा कि नवंबर 2015 में इसी तरह का एक अभ्यास उत्तरी कमान ने उन्हीं स्थानों में किया था. उन्होंने कहा कि पिछले 27 नवंबर को कोलकाता पुलिस के दो निरीक्षकों के साथ टोल प्लाजा पर एक टोही अभियान संचालित किया गया था.

  4. मेजर जनरल यादव ने कहा, 'पुलिस की ओर से उठाए गए मुद्दों का समाधान किया गया था और पुलिस को टेलीफोन से सूचित किया गया था.' उन्होंने कहा कि अभियान योजनानुसार जारी रहेगा और शुक्रवार रात खत्म होगा. सेना ने इस क्रम में राज्य सरकार को लिखे पत्र भी जारी किए.

  5. इससे पहले टोल प्लाजों पर सैन्यकर्मियों की तैनाती को लेकर ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में गुरुवार देर रात संवाददाताओं से बातचीत में कहा, 'उनका इरादा राजनीतिक, असंवैधानिक, बदले की भावना, अनैतिक, अलोकतांत्रिक है. मैंने निर्णय किया है कि जब तक सेना को इस सचिवालय के सामने से नहीं हटाया जाता है, मैं यहां से नहीं जाऊंगी. मैं यहीं ठहरूंगी. क्या इस देश में सेना द्वारा तख्तापलट किया जा रहा है?' इसके बाद गुरुवार देर रात ही सेना को वहां से हटा लिया गया, लेकिन इसके बाद भी ममता सचिवालय में ही रुकी रहीं.

  6. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुर्शिदाबाद, जलपाईगुड़ी, दार्जीलिंग, उत्तर 24 परगना, बर्धमान, हावड़ा और हुगली आदि जिलों में सेना के जवानों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि सेना को राज्य सरकार को सूचित किए बगैर तैनात किया गया है. यह अभूतपूर्व और बेहद गंभीर मामला है. उन्होंने कहा कि उन्होंने दूसरे राज्यों से भी पता किया, लेकिन वह सेना द्वारा ऐसा कोई अभ्यास नहीं किया जा रहा है.

  7. हालांकि रक्षा प्रवक्ता के मुताबिक सेना भार संवाहकों (लोड कैरियर) के बारे में सांख्यिकीय डेटा जुटाने के उद्देश्य से देशभर में द्वीवार्षिक अभ्यास कर रही है और यह पता लगा रही है कि किसी भी आकस्मिक घटना की स्थिति में उनकी उपलब्धता हो सकती है या नहीं. विंग कमांडर एस एस बिर्दी ने कहा, 'इसमें डरने की कोई बात नहीं है और यह सरकारी आदेशों के मुताबिक ही किया जा रहा है.'

  8. रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने भी कहा कि सेना की रूटीन एक्सरसाइज पर विवाद ठीक नहीं है. इसकी जानकारी पहले दी गई थी. यह इसी इलाके में 2015 में भी हुई थी. यह काफी सालों से बंगाल, असम और नॉर्थ ईस्ट के अलावा यूपी बिहार और झारखंड में होती रही है. पहले इसके लिए 28, 29, 30 नवंबर की तारीख तय की गई थी, लेकिन पुलिस के कहने पर इसे 1 दिसंबर किया गया. इस मामले को लेकर जो बयान दिया उससे मुझे दुख पहुंचा है. सेना को राजनीति में घसीटना ठीक नहीं है. यह केवल पॉलिटिकल फ्रस्टेशन है.

  9. केंद्र द्वारा 500 और 1000 रुपये के नोट पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद लोगों को हो रही नकदी की दिक्कत को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा रखा है. इसके लिए उन्होंने बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में रैली भी की थी.

  10. इससे पहले बुधवार को ममता और उनकी पार्टी ने उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. ममता का आरोप है कि जब वह पटना में रैली संबोधित कर वापस कोलकाता लौट रही थीं, तब उनके विमान में ईंधन कम होने के बावजूद उसे एयरपोर्ट पर लैंड कराने में देरी की गई.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)