ढाका आतंकी हमला: बांग्‍लादेश पुलिस ने गलतफहमी में बंधक को भी मार दिया, जानिये खास बातें..

ढाका आतंकी हमला: बांग्‍लादेश पुलिस ने गलतफहमी में बंधक को भी मार दिया, जानिये खास बातें..

ऑपरेशन थंडरबोल्‍ट के दौरान बांग्‍लादेश पुलिस और सुरक्षा बल।

ढाका: बांग्‍लादेश पुलिस ने कहा है कि ढाका के एक कैफे में पिछले सप्‍ताह हुए आतंकी हमले के खिलाफ अपने ऑपरेशन के दौरान सुरक्षा बलों ने संभवत: बंधक बनाए गए एक शख्‍स को भी गलती से मार दिया। इस बंधक को हमलावर समझने की गफलत में यह हुआ।

घटना से जुड़ी खास बातें...

  1. शुक्रवार रात को ढाका के एक रेस्टोरेंट पर हुए इस हमले में 20 बंधकों और दो पुलिसकर्मियों को जान गंवानी पड़ी थी।

  2. कमांडोज ने छह आतंकियों को मार गिराया था जबकि सातवें को उन्‍होंने जिंदा पकड़ने में कामयाबी हासिल की थी।

  3. ढाका में वरिष्‍ठ पुलिस अधिकारी सैफुल इस्लाम ने बताया कि रेस्टोरेंट का पिज्जा मेकर सैफुल इस्लाम चौकीदार उन लोगों में था जिसे पुलिस ने मार गिराया।

  4. आईएसआईएस ने इस आतंकी हमले की जिम्‍मेदारी लेते हुए सोशल मीडिया में इन हमलावरों में से कुछ के पहले नाम (फर्स्‍ट नाम) से फोटो भी पोस्‍ट किये हैं।

  5. वैसे पुलिस और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि हमलावर प्रतिबंधित किए गए आतंकी संगठन से थे। ये बांग्‍लादेश के प्रतिष्ठित परिवारों से संबंधित थे।

  6. बंधक बनाए गए लोगों में 19 साल की तारिषि जैन भी शामिल थी। तारिषि का सोमवार को दिल्ली के नजदीकी गुरुग्राम (गुड़गांव) में अंतिम संस्‍कार किया गया। उसके माता-पिता भारतीय नागरिक हैं। उसके पिता अपने गारमेंट कारोबार के सिलसिले में कुछ सालों से ढाका में रहते थे। तारिषि यूनिविर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया Berkeley की छात्रा थी और ढाका छुट्टियां मनाने आई थीं।

  7. बांग्‍लादेश ने जमात-उल-मुजाहिदीन पर आरोप लगाया है। इस संगठन को बांग्‍लादेश में आईएस का 'प्रतिनिधि' माना जाता है लेकिन अब तक आईएस से इसके जुड़ाव के पुख्‍ता सबूत नहीं मिले हैं।

  8. आतंकी हमले और लोगों को बंधक बनाए जाने के बाद 100 से अधिक कमांडोज ने रेस्‍टोरेंट को घेर लिया था। पूरे ऑपरेशन को 'थंडरबोल्‍ट' नाम दिया गया। वैसे कुछ रक्षा विशेषज्ञों ने आतंकियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई में देर को लेकर सवाल उठाए हैं।

  9. आतंकी हमले में जिन बंधकों को आतंकियों ने मौत के घाट उतार दिया, वे विदेशी थे। जो लोग कुरान की आयतें सुना पाए, आतंकियों ने उन्हें बख्श दिया जबकि जो बंधक ऐसा नहीं कर सके उन्हें बेरहमी से मार दिया गया।