तमिलनाडु : जल्लीकट्टू के दौरान पुदुकोटै जिले में दो लोगों की मौत - अहम बातें

तमिलनाडु : जल्लीकट्टू के दौरान पुदुकोटै जिले में दो लोगों की मौत - अहम बातें

तमिलनाडु के कुछ राज्यों में जल्लीकट्टू की वापसी हो गई है (AFP)

चेन्नई: तमिलनाडु में रविवार को जल्लीकट्टू के दौरान दो लोगों की मौत हो गई. ये दोनों लोग सांडों को काबू करने के दौरान घायल हो गए थे. अस्पताल ले जाने के दौरान दोनों ने दम तोड़ दिया.

मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :

  1. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम को तब मदुरै से चेन्नई लौटना पड़ा जब अलंगनल्लूर में होने वाले जल्लीकट्टू के आयोजन से स्थानीय लोगों ने इंकार कर दिया. इसके बाद राज्य के सीएम ने वादा किया है कि सोमवार से विधानसभा सत्र के शुरू होते ही इस पर कानून लाया जाएगा.

  2. अलंगनल्लूर के निवासियों ने जल्लीकट्टू मामले के स्थायी समाधान की मांग करते हुए तैयारियों में व्यवधान डाला और उन सड़कों को ब्लॉक कर दिया जहां से सांड बाहर निकलते हैं.

  3. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उन्हें लगता है कि यह अध्यादेश "तत्कालीन राहत" है और सुप्रीम कोर्ट इसे रद्द कर सकता है.

  4. हालांकि शनिवार को राज्य सरकार द्वारा अध्यादेश को मंजूरी दिए जाने के बाद सांडों का यह खेल राज्य के कुछ हिस्सों में आयोजित हुआ. त्रिचुरापल्ली जिले के मनप्परई में हजारों की तादाद में लोगों ने इस खेल को देखा.

  5. उधर तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विरोध पत्र भी दायर कर दिया है यानि अगर जल्लीकट्टू के अध्यादेश को किसी ने अदालत में चुनौती दी तो सुप्रीम कोर्ट को आदेश सुनाने से पहले राज्य सरकार का पक्ष भी सुनना होगा. राज्य सरकार को शक है कि पशु अधिकार कार्यकर्ता इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं इसलिए यह विरोध पत्र दर्ज करवाया गया है.

  6. उल्‍लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा जल्लीकट्टू के आयोजन को लेकर तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को मंजूरी देने के एक दिन बाद प्रदेश सरकार ने भी शनिवार को अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी.

  7.  प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ट्वीट में लिखा है कि 'हमें तमिलनाडु की संस्कृति पर गर्व है और केंद्र सरकार, तमिनलाडु के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और हम यह हमेशा सुनिश्चित करेंगे कि यह राज्य प्रगति के नए आयाम छूए.'

  8. उधर राज्य सरकार, पशु अधिकारों से जुड़ी संस्था पेटा (People for the Ethical Treatment of Animals) पर भी प्रतिबंध लगाने को लेकर कानूनी रास्ते तलाश रही है. गौरतलब है कि जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने में पेटा का अहम रोल देखा जा रहा है. इस संस्था का आरोप है कि इस खेल के लिए सांडों को नशीले पदार्थ दिए जाते हैं और कभी कभी उनके चेहरे पर मिर्च भी डाली जाती है ताकि वह मैदान पर आक्रमक हो सकें.

  9. पेटा ने साफ किया है कि जल्लीकट्टू पर आने वाले अध्यादेश को वह कानूनी चुनौती देंगे. पोंगल के वक्त खेले जाने वाले इस खेल को पशु अधिकार से जुड़े कार्यकर्ताओं की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में बैन लगा दिया था. बाद में तमिलनाडु सरकार ने याचिका दायर की थी जिसमें फैसले की समीक्षा की बात कही गई थी लेकिन कोर्ट ने उसे भी अस्वीकार कर दिया था.

  10. यही नहीं पिछले साल केंद्र सरकार ने इस बाबत एक अधिसूचना जारी की थी जिस पर कोर्ट ने स्टे लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट में जल्लीकट्टू मामले पर सुनवाई पूरी हो चकी है और केंद्र के कहने पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला एक हफ्ते के लिए टाल दिया था.