भारत-अमेरिका के बीच सैन्य ठिकानों के आपसी इस्तेमाल पर करार- जानें समझौते से जुड़ीं 10 खास बातें

भारत-अमेरिका के बीच सैन्य ठिकानों के आपसी इस्तेमाल पर करार- जानें समझौते से जुड़ीं 10 खास बातें

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (दाएं) अपने अमेरिकी समकक्ष एश्टन कार्टर के साथ

वाशिंगटन: भारत और अमेरिका ने आपसी सामरिक संबंधों को बढ़ावा देते हुए एक बड़े साजो-सामान आदान-प्रदान करार पर हस्ताक्षर किए हैं. इससे दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे की सुविधाओं एवं ठिकानों का उपकरणों की मरम्मत एवं आपूर्ति को सुचारू बनाए रखने के लिए उपयोग कर सकेंगे.

इस अहम रक्षा समझौते से जुड़ीं खास बातें

  1. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर एवं अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने साजो-सामान आदान-प्रदान सहमति करार (एलईएमओए) पर हस्ताक्षर किए.

  2. इससे दोनों देशों के संयुक्त सैन्य अभियानों की दक्षता में इजाफा होगा.

  3. अमेरिका अपने स्तर पर भारत के साथ रक्षा व्यापार एवं टेक्नोलॉजी को बढ़ाने पर सहमत हुआ है.

  4. यह भारत को उस स्तर के बराबर ले जाएगा, जो अमेरिका के नजदीकी सहयोगी एवं भागीदारों को प्राप्त है.

  5. बड़े रक्षा सहयोगी के दर्जे से वे पुरानी बाधाएं खत्म हो गई हैं, जो रक्षा, रणनीतिक सहयोग के आड़े आते थे.

  6. इस रणनीतिक सहयोग में सह-उत्पादन, सह-विकास परियोजनाएं एवं अभ्यास शामिल हैं.

  7. इससे व्यावहारिक संबंध एवं आदान-प्रदान के लिए अवसर का सृजन होगा

  8. रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि अमेरिका रक्षा उपकरणों के भारत के प्राथमिक स्रोतों में से एक है और उसने अपने कई अहम मंचों को साझा किया है

  9. कार्टर ने कहा कि यह दर्जा अमेरिका और भारत के पिछले साल के रक्षा संबंध के मसौदे की सफलता पर आधारित है

  10. जून में पीएम मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत को एक 'बड़े रक्षा साझेदार' का दर्जा दिया था.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)