यह ख़बर 10 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

अमिताभ और आमिर ने किया दिलीप कुमार की जीवनी का लोकार्पण

मुंबई:

अमिताभ बच्चन और आमिर खान ने एक पांच सितारा होटल में मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार की जीवनी का लोकार्पण किया।

पुस्तक लोकार्पण के इस अवसर पर दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो के अलावा बॉलीवुड की कई चर्चित हस्तियां शामिल थीं।

पुस्तक का नाम ‘सब्स्टांस और शेडो’ है और इसका लेखन दिलीप कुमार की करीबी पारिवारिक मित्र उदया तारा नायर ने किया है। इस पुस्तक के जरिये कुमार के जीवन की कहानी सिलसिलेवार ढंग से कहती है। इसमें उनके बचपन, करियर, जीवन के उतार-चढ़ावों, परिवार के साथ-साथ और भी काफी कुछ है।

सायरा बानो ने संवाददाताओं को बताया, यह शाम खास है और हम उम्मीद करते हैं कि हर कोई उनकी जीवनी पसंद करेगा। मुझे आज बहुत अच्छा लग रहा है। मेरे लिए यह एक सपने के सच होने जैसा है। हर कोई उनके बचपन और बड़े होने के दौर की कहानी जान सकेगा। ये बातें आप खुद उनकी जुबानी सुनेंगे। पहली बार उन्होंने इस बारे में बात की है। इस अवसर पर आमिर खान ने प्रसून जोशी की लिखी कविता पढ़ी और कई अभिनेताओं ने मंच पर आ कर महान कलाकार दिलीप कुमार के बारे में अपने अनुभव साझा किए।

अली खान ने कहा, यहां मौजूद होना सम्मान की बात है। वे एक महान शख्सियत हैं। उन्हें संगीत से प्यार है और हम सभी के लिए यहां मौजूद होना एक बड़ा अवसर है। मैं उनके लंबे जीवन की कामना करता हूं। हमें वाकई उन पर गर्व है। इस अवसर पर माधुरी ने कहा, वे एक महान कलाकार हैं और मैं उनपर लिखी गई किताब पढ़ने का इंतजार कर रही हूं। वे सिर्फ अभिनेताओं के लिए ही नहीं, बल्कि सभी के लिए प्रेरणा रहे हैं। एक कलाकार के तौर पर मैं जानना चाहूंगी कि वे अपने किरदारों के प्रति कैसा रुख अपनाते थे और इन किरदारों को निभाते हुए उन्हें कैसा लगता था? मशहूर अभिनेता का जन्म मुहम्मद यूसुफ खान के रूप में हुआ था, लेकिन उन्होंने फिल्मों के लिए अपना नाम दिलीप कुमार रख लिया था।

छह दशक तक के लंबे करियर में उन्होंने ‘मधुमति’, ‘देवदास’, ‘मुगल-ए-आजम’, ‘गंगा जमुना’, ‘राम और श्याम’ और ‘कर्मा’ समेत कई हिट फिल्में दीं।

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‘अंदाज’, ‘बाबुल’, ‘मेला’, ‘दीदार’ और ‘जोगन’ समेत कई फिल्मों में बेचारे प्रेमी की भूमिका निभाने वाले दिलीप कुमार को ‘ट्रेजेडी किंग’ का खिताब दिया गया था। दिलीप कुमार पिछली बार वर्ष 1998 में आई फिल्म ‘किला’ में नजर आए थे। उन्हें वर्ष 1991 में पदम भूषण और वर्ष 1994 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।